...और अंत में अवैध निर्माण हो ही गया!
मेरठ (ब्यूरो). मेरे शहर में ये क्या हो रहा हैविकास के नाम पर अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। कभी कहीं रातों रात अवैध बिल्डिंग खड़ी कर दी जाती है तो कहीं सरकारी भूमि की चाहरदीवारी हो जाती है। ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कि आवास विकास के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं, क्योंकि अवैध निर्माण पर खानापूर्ति की कार्रवाई भी तो हो रही है। इस बार अवैध निर्माण और उसके खिलाफ खानापूर्ति का ताजा उदाहरण आवास विकास की जागृति विहार योजना संख्या 6 में देखने को मिला है। जहां होली से पहले अवैध निर्माण को आवास विकास ने रुकवा दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही निर्माण कार्य चालू हो गया। ऐसे में सजग प्रहरी संस्थान के कार्यकर्ता सतीश शर्मा ने ट्विटर पर डीएम से इस अवैध निर्माण की शिकायत की है।
बने दो शोरूम
आवास विकास की योजना संख्या 6 के जागृति विहार सेक्टर 4 में भू-खंड संख्या 1 पर पिछले कुछ साल से विवाद चल रहा है। यह भू-खंड आवासीय होने के बाद भी इस पर दो कमर्शियल शोरूम का निर्माण दो साल पहले किया जा चुका है। दो साल पहले शोरूम के निर्माण की शिकायत विभागीय अधिकारियों से की गई थी लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। जिसका नतीजा यह हुआ कि अवैध निर्माणकर्ता ने अब इस भूखंड पर बचे हुए कार्नर के हिस्से में भी अवैध निर्माण शुरू कर दिया है।
इस संबंध में गत माह दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद आवास विकास के जेई ने मौके पर जाकर निर्माण कार्य रुकवा दिया था। मगर कुछ दिनों बाद ही दोबारा प्लॉट की बाउंड्री वॉल का निर्माण शुरू हुआ जो अब तैयार हो गया है। जानकारी के मुताबिक इसमें भी जल्द ही शोरूम शुरू कर दिया जाएगा। अंजान बना आवास विकास
इस संबंध में गत माह भोपाल विहार निवासी अर्चित चौहान ने ट्विटर के माध्यम से अवैध निर्माण का मामला संज्ञान में लाते हुए मुख्यमंत्री से लेकर अपर मुख्य सचिव, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड 3 आदि तक से मामले की जांच की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने आवास विकास के जेई पर मिलीभगत का आरोप लगाया था। तब मामला उठा तो निर्माण कार्य रोकने की कार्रवाई कर खानापूर्ति कर दी गई थी। लेकिन अब दोबारा निर्माण शुरू हो गया। अब इस मामले में सतीश शर्मा ने ट्वीट कर अवैध निर्माण को रुकवाने की मांग की है।
वर्जन
यह मामला संज्ञान में नहीं है। जेई से अवैध निर्माण की जानकारी ली जाएगी और एफआईआर की जाएगी।
राजीव कुमार, ईएक्सईएन