दिल्ली-एनसीआर समेत मेरठ में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ग्रैप लागू तो है किंतु इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण ईपीसीए के आदेशों को भी मेरठ में ठेंगा दिखाया जा रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने टीपीनगर में मेरठ में ग्रैप का रियलिटी चेक किया तो खुलासा हुआ कि यह एक्शन प्लान तो सिर्फ कागजों में है। धरातल पर तो आज भी हालत जस के तस हैं।

मेरठ, (ब्यूरो)। मेरठ के बिल्डिंग मैटेरियल के थोक बाजार टीपी नगर में ट्रकों के टायर से उठ रही धूल पहले ही कुछ कम ना थी लेकिन इसको इस साल दिल्ली रोड पर शुरु हुए रैपिड रेल के निर्माण कार्य ने ओर अधिक बढ़ा दिया है। रैपिड रेल के चलते टीपीनगर में दिल्ली रोड का ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया है। इससे अब टीपीनगर के हालत खस्ता हो गए हैं दिनभर टीपीनगर में धूल का गुबार छाया रहता है। ऐसे में इस धूल के गुबार में खुले में पड़ी निर्माण सामग्री ओर अधिक विकराल बना रही है। टीपीनगर में जगह जगह भवन निर्माण सामग्री का ढेर लगा हुआ है। यहां ट्रैफिक लोड बढऩे से सड़क किनारे पड़े बिल्डिंग मैटेरियल और उसकी डस्ट जानलेवा साबित हो रही है। नगर निगम की ओर से बिल्डिंग मैटेरियल के इस मार्केट को हटाने के प्रयास नहीं किए गए।
बढ़ रहा पॉल्यूशन लेवल
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के नियमों को देखें तो यह स्थित खतरनाक है। प्रदूषण का लेवल विस्फोटक न हो इसके लिए ग्रैप में हर लेवल पर सख्त कानून बनाए हैं लेकिन इन कानूनों का पालन नहीं हो रहा है। इसके चलते सोमवार को मेरठ का पॉल्यूशन लेवल 226 तक पहुंच गया। हालांकि दीपावली के दौरान बिगड़े एक्यूआई से यह काफी सुधरा हुआ है लेकिन अभी भी मेरठ का पॉल्यूशन लेवल पूअर स्तर पर बना हुआ है।

नही थम रही आग
वहीं नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर धड़ल्ले से कूड़ा जल रहा है। निगम के खुद डलावघर और डस्टबिन में कूड़े में आग जलती रहती है और खुद निगम निगरानी के बाद भी इन आग की घटनाओं पर लगाम नही लगा पा रहा है। कूड़े में आग की घटना पर लगाम के लिए खुद निगम ने अलग अलग टीम बनाकर सख्ताई से निगरानी का आदेश जारी किया हुआ है लेकिन इसके बाद भी कुछ असर नही दिखाई दे रहा है।

डायवर्जन से अधिक इस रोड पर धूल मिटटी के कारण परेशानी बढ़ गई है। दिनभर जाम रहता है और धूल मिटटी के कारण सांस लेने तक में परेशानी होने लगी है। नियमित रुप से नगर निगम को पानी का छिड़काव कराना चाहिए।

गौरव शर्मा, अध्यक्ष ट्रांसपोर्ट एसो।

इस रोड पर साफ सफाई से लेकर दिन में दो बार पानी का छिड़काव होना बहुत जरुरी है साथ ही बिल्डिंग मैटेरियल विक्रेताओं को कवर करके अपना मैटेरियल रखना चाहिए ताकि समस्या कुछ कम हो सके।
- दीपक गांधी, ट्रांसपोर्टर

टीपीनगर और दिल्ली रोड वाले दैनिक यात्रियों के लिए तो यह डायवर्जन बीमारी का सबब बनता जा रहा है। दिन भर धूल मिटटी के कारण सांस लेने तक में परेशानी होने लगी है।

- राकेश

समस्या सिर्फ डायवर्जन नही है बल्कि इस क्षेत्र में दिनभर ट्रकों की आवाजाही के कारण पहले से ही पॉल्यूशन अधिक था और अब डायवर्जन के कारण उड़ती धूल मिटटी और खुले निर्माण सामग्री से बढ़ रहा वायु प्रदूषण समस्या बन रहा है।
- सुमित शर्मा

Posted By: Inextlive