..तो इसलिए जरूरी था एयरपोर्ट
- मेरठ से इलाहाबाद हाईकोर्ट की दूरी 650 किलोमीटर
- स्टेट कैपिटल लखनऊ की दूरी सिटी से 450 किलोमीटर - एशिया की सबसे बड़ी गोल्ड की मंडी है मेरठ शहर - देश का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री है मेरठ Meerut : पिछले कई सालों से मेरठ में एयरपोर्ट की मांग उठ रही थी। पिछले एक साल से तो इस पर सरकार और एएआई के बीच एमओयू साइन हो चुका था। लोगों को उम्मीद थी कि अब जल्द ही मेरठ के लोग मेरठ से हवाई सफर कर सकेंगे, लेकिन एएआई के ढीले रवैए के कारण अब प्रदेश सरकार द्वारा हाथ खींचे जाने से लोगों को काफी झटका लगा है। आखिर मेरठ में क्यों जरूरी था एयरपोर्ट? क्यों लोग इसकी मांग कर रहे थे? आइए आपको भी बताते हैं दिल्ली एयरपोर्ट से दूरीअभी अगर किसी को मेरठ से किसी दूसरे प्रदेश या फिर इलाहाबाद और लखनऊ प्लेन से जाना होता है तो यात्री को उसके लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाना पड़ता है। मेरठ से दिल्ली के एयरपोर्ट की दूरी वाया रोड 110 किलोमीटर के आसपास है। मेरठ से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने में करीब तीन-चार घंटे का नॉर्मल टाइम लग जाता है।
हाईकोर्ट से दूरीभले ही मेरठ में हाईकोर्ट बेंच खोलने का मुद्दा गरमाया हुआ हो। फिर भी जब तक बेंच नहीं खुल जाती तब तक तो लोगों को केस के सिलसिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट तो जाना ही पड़ेगा। मेरठ से इलाहाबाद की दूरी 650 किमी है। इसमें 9 से 10 घंटे लग जाते हैं। ट्रेन की लेटलतीफी के कारण कभी-कभी लोग कोर्ट में समय पर नहीं पहुंच पाते हैं, जिसकी वजह से केस भी कमजोर पड़ जाता है।
कैपिटल से दूरी सिटी में तमाम लोगों का लखनऊ में भी काम पड़ता है। मेरठ से लखनऊ की दूरी करीब 450 किलोमीटर है। नौचंदी एक्सप्रेस से जाने में करीब 9 घंटे लगते हैं, जिसमें लोगों को काफी परेशानी फेस करनी पड़ती है। अगर लोग प्लेन का सहारा भी लेते हैं तो पहले दिल्ली जाना पड़ता है। गोल्ड फैक्टर एशिया में मेरठ को गोल्ड की सबसे बड़ी मंडी भी कहा जाता है। हर रोज करोड़ों रुपए का माल लाना ले जाना कोई छोटी बात नहीं है। ट्रेन और बस से सामान ले जाने में खतरा भी रहता है। अगर वाया प्लेन भी सामान को भेजना हो तो दिल्ली तक भेजना और फिर तमाम फॉर्मेलिटी में काफी टाइम लग जाता है। साथ में रुपया भी काफी खर्च हो जाता है। स्पोर्ट्स कैपिटलइंडिया में स्पोर्ट्स गुड्स की मेरठ से बड़ी मंडी कोई और नहीं है। सिटी में छोटी-बड़ी 500 मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट्स मौजूद हैं। इसके अलावा मेरठ में हर साल रणजी मैच भी होते हैं। इन मैचों में पूरे देश से इंडियन टीम को रिप्रेजेंट करने वाले प्येयर्स भी आते हैं, जिन्हें पहले दिल्ली और उसके बाद ट्रैफिक जाम और बदइंतजामी को झेलते हुए मेरठ आना पड़ता है।
हमारे व्यापार के लिए तो काफी जरूरी है एयरपोर्ट। मौजूदा समय में हमें अपना व्यापार फैलाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। एयरपोर्ट के लिए दिल्ली जाने पर बीच में कई बार व्यापारियों के साथ वारदातें हो चुकी हैं। - दिनेश रस्तोगी, महामंत्री, न्यू सर्राफा व्यापार एसोसिएशन जब भी कोई क्रिकेट या किसी और स्पोर्ट्स का प्लेयर मेरठ विजिट पर आता है तो उन्हें दिल्ली से मेरठ तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं स्पोर्ट्स गुड्स की सप्लाई में भी काफी दिक्कतें होती हैं। - उदय महाजन, डायरेक्टर, एसएम कंपनीमेरठ में एयरपोर्ट का काम रुक जाने से काफी नुकसान है। यहां के कई केस इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच में चल रही है। ट्रेन से काफी टाइम लग जाता है। जबकि प्लेन से जल्दी पहुंचा जा सकता है। दोनों बॉडीज को एक फिर से सोचना होगा।
- रामकुमार शर्मा, एडवोकेट