प्राइवेट परीक्षा परीक्षा फॉर्र्म भरने के नाम पर मनमानी वसूली कर रहे एडेड कॉलेज
मेरठ ब्यूरो। सीसीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध कई एडेड कॉलेजों में तय रजिस्ट्रेशन फीस से ज्यादा फीस वसूली जा रही है। आरोप है कि प्राइवेट परीक्षा फार्म का रजिस्टे्रशन शुल्क कॉलेज अधिक ले रहे हैं। आरोप है कि अधिकांश एडेड कॉलेजों ने प्राइवेट परीक्षार्थियों से अधिक पैसे लिए हैं।
100 रुपए बढ़ाई फीस
छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने रजिस्ट्रेशन फीस 535 रुपए तय की है। इसके उलट कॉलेज 635 रुपए वसूल रहे हैं। इस मामले में छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक व रजिस्ट्रार कार्यालय में शिकायत कर रहे हैं।
उठाया गया है मुद्दा यह
इस संबंध में छात्रनेता अंकित अधाना सहित स्टूडेंट्स सुनैना, आरती, वर्षा, पंकज आदि ने यूनिवर्सिटी में शिकायत की है। उनके मुताबिक यूनिवर्सिटी के तय शुल्क 535 की जगह 635 रुपए वसूले जा रहे हैं।
33 हजार से अधिक ने भरा फार्म
यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों में यूजी-पीजी प्राइवेट फस्र्ट इयर के लिए 33 हजार 775 स्टूडेंट्स ने परीक्षा फार्म भरे हैं। जिनसे एडेड कॉलेजों ने कम से कम सौ रुपए व अधिक से अधिक 150 रुपए एक्स्ट्रा लिए जा रहे हैं। फार्म 13 जनवरी से भरे जा रहे है, स्टूडेंट्स इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी में कर रहे हैं।
विकास शुल्क का बना रहे बहाना
इस मामले में एसएससी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। अरुण ने बताया कि बीते दिनों हुई मीटिंग में विकास शुल्क बढ़ाया गया था। इससे रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ी है। डीएन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। अजय का कहना है कि एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में ही विकास शुल्क बढ़ाने का निर्णय हुआ था इसी के चलते सौ रुपए का अंतर आया है। वहीं जनता वेद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। सुमेश सिंह ने बताया कि अन्य कॉलेजों में भी शुल्क बढ़ाया है इसलिए सभी ने शुल्क बढ़ा दिया है। वहीं श्री वीसीआर डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। अलका शर्मा ने बताया कि बीते दिनों में हुई मीटिंग में एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने विकास शुल्क बढ़ा दिया इसके चलते यह पैसे बढ़ाए है।
क्या कहते हैं अधिकारी
यूनिवर्सिटी द्वारा जो शुल्क तय किया गया था, उससे अधिक शुल्क लिया जा रहा है, इसकी शिकायत मिली है। जिन कॉलेजों की शिकायत आई है उनकी चेकिंग करवाई जा रही है, उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
डॉ अश्वनी कुमार, परीक्षा नियंत्रक
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार
क्या कहते है स्टूडेंट्स
कॉलेज अधिक पैसे वसूल रहे है, वैसे तो विकास शुल्क से प्राइवेट स्टूडेंट्स का कोई मतलब नहीं है, अगर विकास शुल्क लिया भी है तो उसको अलग से मेंशन करना चाहिए।
अश्वनी
कॉलेज स्टूडेंट्स से अधिक पैसे वसूल रहे हैं, जो गलत है। इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी में की है, अधिकारी जांच कर रहे हैं।
प्रशांत
इस संबंध में हमने मांग की है शुल्क ऑनलाइन किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे, एडेड कॉलेज ही ये गड़बड़ी कर रहे हैं।
प्रमोद
इस संबंध में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को शिकायत की है, वो इसकी जांच कर रहे हैं, इसके साथ ही हमने मांग की है शुल्क ऑनलाइन लिया जाए ताकि पारदर्शिता रहे।
अंकित अधाना