एलएलबी में एडमिशन के लिए डाउनलोड ऑफर लेटर में बदल गए कॉलेजों के नाम सीसीएसयू का कहना सॉफ्टवेयर में कमी आने की वजह से हुई थी परेशानी हो रहा सुधार।

केस 1
अरुण कुमार ने एलएलबी में एडमिशन के लिए फार्म में मेरठ कॉलेज का नाम भरा था। मगर ऑफर लेटर में शहर से बाहर के किसी कॉलेज का नाम अलॉट कर दिया गया है। अरूण को समझ नहीं आ रहा कि ये कैसे हुआ और अब वो क्या करे।

केस 2
सुचिता ने एडमिशन फार्म में एनएएस और मेरठ कॉलेज दोनों का नाम प्रायॉरिटी पर लिखा था। लेकिन दोनों में से कोई भी कॉलेज का नाम ऑफर लेटर में नहीं है। मेरिट उसके नंबरों के अनुसार है, लेकिन ऑफर लेटर में किसी तीसरा को एलॉट कर दिया गया है।

मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध लॉ कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों में एडमिशन के लिए सीसीएसयू ने हाल ही में मेरिट लिस्ट जारी कर दी है। मेरिट लिस्ट जारी होते ही स्टूडेंट्स ऑफर लेटर डाउनलोड करने में जुट गए हैैं। नहीं ये कोई खबर नहीं हैखबर ये है कि जिन कॉलेजों का नाम प्रायॉरिटी पर स्टूडेंट्स ने एडमिशन फार्म भरते हुए लिखा था, उनके नाम ऑफर लेटर से गायब हैैं। इस बाबत अब तक सीसीएसयू में 320 स्टूडेंट्स की शिकायतें आ चुकी हैं।

स्टूडेंट्स की बढ़ी परेशानी
ऑफर लेटर दूसरे कॉलेजों के नाम ने स्टूडेंट्स को परेशानी में डाल दिया है। स्टूडेंट्स समझ ही नहीं पा रहे कि जिस कॉलेज का नाम उन्होंने रजिस्टे्रशन के वक्त भरा ही नहीं, उस कॉलेज का नाम ऑफर लेटर में कैसे आ गया है। साथ ही स्टूडेंट्स ये समझ ही नहीं पा रहे हैैं कि अब वो इस ऑफर लेटर का क्या करें।

स्टूडेंट्स ने की शिकायत
स्टूडेंट्स ने इस बात की शिकायत सीसीएसयू के एडमिशन समन्वयक से करते हुए एडमिशन का काम देख रही एजेंसी पर कार्रवाई करने की मांग भी की है। जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित कंपनी को इस बाबत जल्द से जल्द सुधार के निर्देश दिए हैं। साथ ही स्टूडेंट्स को आश्वासन दिया गया है कि उन्हें वही कॉलेज एलॉट होगा जो उन्हें एडमिशन फॉर्म में भरा था।

हेल्पलाइन नंबर भी ठप
जब स्टूडेंट्स से इस विषय में बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोई भी समस्या होने पर सीसीएसयू द्वारा हेल्पलाइन पर कॉल करने की बात कही जाती है। मगर जब ऑफर लेटर में गलत कॉलेज का नाम लिखा देखा तो स्टूडेंट्स ने हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया, मगर वो हमेशा की तरह बंद ही पड़ा था। स्टूडेंट्स का कहना है कि जब हेल्पलाइन नंबर बंद ही रखना है तो स्टूडेंट्स को उस शिकायत करने के लिए क्यों कहा जाता है।

जो भी शिकायतें आई हैैं, उनके बाद जांच में पता चला कि सॉफ्टवेयर में कुछ खराबी आ गई थी। संबंधित कंपनी को बोलकर उसमें सुधार करा दिया गया है। जिनके ऑफर लेटर में सुधार नहीं हुए है वो भी एक-दो दिन में हो जाएंगे और उन्हें संबंधित कॉलेजों में एडमिशन मिल जाएगा।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive