'देश में पुरूषों के साथ मिलकर खेती करती हैं महिलाएं'
मेरठ (ब्यूरो)। भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान के मोदीपुरम केंद्र ने जागरूकता कार्यक्रम चलाया। यह कार्यक्रम दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव में किया गया।
सभी क्षेत्रों में महिलाओं का योगदानकार्यक्रम अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के प्रधान विज्ञानी डॉ। पीयूष पूनिया ने किया। प्रधान वैज्ञानिक ने कहा कि आज कृषि व जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान तेजी से बढ़ रहा है। आज महिलाएं कृषि व जीवन के अन्य क्षेत्रों से जुड़ रही है उनकी संख्या लगातार हो रही है। वहीं वैज्ञानिक अमृतलाल मीणा ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि कार्यों में महिलाओं का योगदान पुरूषों से कम नही हैं। महिलाएं भी उनके साथ लगातार कृषि का काम करने में सहयोग कर रही हैं।
कृषि क्षेत्र में भागीदारी
उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्था मेरठ व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के देश में स्थित अन्य सभी संस्थानों में कृषि के क्षेत्र में महिलाओं आगे बढ़ रही हैं। महिलाओं का कार्यकुशलता बढ़ाने, उनके कठिन श्रम को कम करने, पोषण, स्वास्थ्य नई तकनीकी विकास और प्रयोग में निरंतर कार्य किया जा रहा है। डॉ। ओके तोमर ने कृषि प्रणाली में महिलाओं के कठिन श्रम को करने के लिए विकसित तकनीकों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अब महिलाएं कृषि से जुडऩे लगी है। अगर हम देखें तो आज लड़कियां एग्रीकल्चर की स्टूडेंट्स बनना भी पसंद कर रही हैं। इस क्षेत्र में नए-नए रिसर्च भी कर रही हैं। यही नहीं महिलाएं आज इनसे संबंधित व्यापार भी कर रही हैं। अन्य महिलाओं को कृषि के रोजगार से भी जोडऩे का काम काफी महिलाएं आज कर रही हैं। देश में महिलाएं पुरुषों के साथ खेती कर रही है और खेती को अच्छे से समझने की इच्छा भी रखने लगी है। कार्यक्रम में 60 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।