इस्माईल नेशनल गल्र्स पीजी कॉलेज में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणालियां प्रासंगिकता व चुनौतियां रहा।


मेरठ ब्यूरो। इस्माईल नेशनल गल्र्स पीजी कॉलेज में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणालियां, प्रासंगिकता व चुनौतियां रहा। इसके अलावा नई शिक्षा नीति में बदलाव रहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद राज्यसभा विजय पाल सिंह तोमर, राष्ट्रीय कार्यपरिषद अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना दिल्ली से प्रो। दिनेश कुमार रहे। व्यवसायीकरण को रोकें वहीं, विशिष्ट अतिथि सीसीएस यूनिवर्सिटी अर्थशास्त्र विभाग से प्रो। दिनेश कुमार ने कहा नई शिक्षा नीति में बदलाव इस प्रकार किए जाए कि शिक्षा का व्यवसायीकरण न हो बल्कि शिक्षा व्यवसायपरक हो जाए। इसके साथ ही उत्तम चरित्र निर्माण पर बल दिया। प्रो। दिनेश कुमार ने खान-पान व आचार -विचारों को संस्कृति से जोड़ते हुए कहा कि परिवारों व समाज में खान-पान व आचार-विचारों में परिर्वतन आ गया है। इसे जितना अच्छा हम कर पाऐंगे उतना ही सुसंस्कृत समाज की स्थापना हो पाएगी।
शिक्षा का स्वरूप बदलें


प्रिंसिपल प्रो। अनीता राठी ने कहा कि भारतीय शिक्षा के इतिहास पर दृष्टिपात करने से ज्ञात होता है कि प्राचीन काल में शिक्षा का मूल उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति रहा है।इस उद्देश्य के अनुरूप शिक्षा का स्वरूप व विषय निर्धारित किये जाते थे। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है अध्यात्म को विज्ञान से परमार्थ को व्यवहार से, परंपरा को आधुनिकता से जोड़ते हुए वैश्विक जीवन में समरसता के लिए ''एकता के सूत्र'' में खोजने को। डॉ। ममता सिंह ने बताया कि सात्विक विचार हर दिशा से आने दो, स्वयं को किसी भी चीज से वंचित न करो।अच्छी बातों को ग्रहण करों, तभी भला होगा। इनको मिला सम्मान उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा की आवश्यकता को पूरा विश्व महसूस कर रहा है। कॉलेज द्वारा विभिन्न इतिहासकारों, पुरातत्वविदों को सम्मानित किया गया। जिसमें प्रो।विध्नेश कुमार, प्रो।दिनेश कुमार, प्रो। केके शर्मा, प्रो। एवी कौर, डॉ।नवीन चन्द्र गुप्ता, डॉ। कुलदीप कुमार, डॉ।योगेश कुमार, प्रो।अराधना रहे। कार्यक्रम में आईक्यूएसी कार्डिनेटर प्रो। दीप्ति कौशिक, अनुशासन समिति प्रभारी डॉ।ममता एवं शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Posted By: Inextlive