World Population Day: नगर निगम और एलडीए की ओर से लगातार अपनी सीमा का विस्तार किया जा रहा है। पिछले चार सालों में जहां नगर निगम की सीमा 568 वर्ग किमी हो चुकी है वहीं हाल में ही एलडीए ने अपनी सीमा का 2528 वर्ग किमी तक विस्तार किया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम और एलडीए की ओर से लगातार अपनी सीमा का विस्तार किया जा रहा है। पिछले चार सालों में जहां नगर निगम की सीमा 568 वर्ग किमी हो चुकी है, वहीं हाल में ही एलडीए ने अपनी सीमा का 2528 वर्ग किमी तक विस्तार किया है। दोनों ही विभागों की ओर से किए गए सीमा विस्तार में लगभग आवासीय बस्तियां हैैं और करीब 80 फीसदी आवासीय बस्तियों में उन सुविधाओं का अभाव है। बढ़ती आबादी को देखते हुए यह सीमा विस्तार किया गया लेकिन लोगों को विस्तारित एरिया में पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैंनगर निगम88 गांव निगम में शामिल, सुविधाएं गायब


नगर निगम के वार्डों की संख्या में तो कोई वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन वार्डों में रहने वाली जनता की आबादी दो से तीन गुना बढ़ गई है। वहीं, नए परिसीमन के बाद आधा दर्जन से अधिक वार्डों का एरिया तीन से चार किमी तक बढ़ गया है। ऐसे में पहले जिन लोगों का मकान पंचायत क्षेत्र में आता था, अब ये सभी नगर निगम क्षेत्र में आ गए हैैं। पर अभी तक यहां पर रोड, सफाई और पेयजल की सुविधा नहीं पहुंच सकी है। करीब 88 गांव नगर निगम में शामिल हो गए हैैं। इनकी आबादी करीब पौने तीन लाख के आसपास है। नगर निगम में शामिल होने के बाद अभी तक ज्यादातर गांवों में सफाई व्यवस्था तक बेहतर नहीं हो सकी है। इसके साथ ही सीवरेज सिस्टम व अन्य व्यवस्था भी नहीं मिली हैैं।ये भी जानें6 लाख 40 हजार मकान बने थे राजधानी में10 लाख के आसपास अब मकानों की संख्या8 लाख के आसपास मकानों का जीआईएस सर्वेअब ये है तैयारीअभी कई गांवों में सफाई व्यवस्था बेहतर करने की दिशा में प्लानिंग की जा रही है, वहीं कई गांवों में इस व्यवस्था को शुरू भी कर दिया गया है। इसके साथ ही विस्तारित एरियाज में रोड, नाली निर्माण, सीवरेज सिस्टम, पेयजल लाइन के लिए भी प्लान तैयार हो चुका है। कुछ काम अमृत सिटी योजना के तहत होंगे, जबकि कुछ नगर निगम की ओर से अपने बजट से कराए जाएंगे। पूरे प्लान को स्वीकृति के लिए शासन के पास भेजा जा चुका है।एलडीएप्राधिकरण के क्षेत्र में भी खासा इजाफा

एलडीए के क्षेत्र की बात की जाए तो प्राधिकरण के क्षेत्र में ही खासा इजाफा हुआ है। पिछले दस सालों में एलडीए ने बसंतकुंज, मोहान रोड, सुल्तानपुर रोड तक अपनी आवासीय और कॉमर्शियल योजनाओं को लांच किया है। वहीं इसी साल एलडीए ने पूरे जनपद तक अपनी सीमा का विस्तार कर लिया है। अब पूरे जनपद में एलडीए की ओर से ही निर्माण संबंधी नक्शा पास किया जाएगा। इससे साफ है कि एलडीए का एरिया अच्छा खासा बढ़ा है। पहले बाराबंकी बॉर्डर तक सीमा विस्तार का प्रयास था लेकिन अब इस कदम को रोक लिया गया है।इस तरह समझें2528 वर्ग किमी हुआ क्षेत्रसीमा विस्तार से पहले एलडीए का क्षेत्र करीब 1025 वर्ग किमी के आसपास था, वहीं पूरे जनपद के एलडीए में शामिल होने के बाद अब सीमा विस्तार करीब 2528 वर्ग किमी तक हो गया है।ये एरिया शामिल हुए एलडीए मेंएलडीए वीसी ने बताया कि सरोजनीनगर, काकोरी, मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, गोसाईंगंज व मोहनलालगंज विकास खंड के अवशेष क्षेत्र अब एलडीए के दायरे में शामिल कर लिये गए हैं। इसके अलावा महोना, इटौंजा, नगराम, अमेठी एवं गोसाईंगंज नगर पंचायत के साथ ही माल ब्लॉक का संपूर्ण क्षेत्र अब एलडीए की सीमा में आएगा।हैैंडओवर कॉलोनियों में समस्या

दस साल से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन अभी तक उन कॉलोनियों में डेवलपमेंट नहीं पहुंच सका है, जो नगर निगम और एलडीए के बीच उलझी हुई हैं। जानकीपुरम विस्तार, गोमतीनगर विस्तार योजना कहने को तो नगर निगम को हैैंडओवर की जा चुकी हैैं, लेकिन अभी तक इन एरियाज में सीवरेज सिस्टम और पेयजल सिस्टम सुविधा को डेवलप नहीं किया जा सका है। जिसके चलते बड़ी आबादी परेशान हो रही है। इसी तरह प्रियदर्शिनी कॉलोनी भी हैैंडओवर में उलझी हुई है। यहां सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी की सामने आ रही है।अब ये है तैयारीएलडीए की ओर से सीमा विस्तार के बाद अब सभी गांवों में डेवलपमेंट को लेकर मास्टर प्लान 2031 तैयार किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान में रोड, नाली निर्माण, सीवरेज सिस्टम, शुद्ध पेयजल इत्यादि सुविधाओं को शामिल किया गया है। शासन से मास्टर प्लान को स्वीकृति मिलते ही एलडीए में शामिल हुए नई शहरी क्षेत्रों से लेकर गांवों तक पब्लिक से जुड़ी सुविधाएं डेवलप होती हुई नजर आएंगी। फिलहाल अभी लोगों को इंतजार करना होगा।इन सुविधाओं की दरकरार1-जलभराव से मुक्ति2-रोड निर्माण3-नालियों का निर्माण4-मार्ग प्रकाश व्यवस्था5-रोड स्वीपिंग6-वेस्ट कलेक्शन7-पार्क डेवलपमेंट8-झूलते बिजली तारों से मुक्ति9-रोड साइड ग्रीन बेल्ट10-शिकायतों का त्वरित निस्तारणबोले जिम्मेदार
प्राधिकरण एरिया में भी जो एरिया शामिल हुए हैैं, उनमें डेवलपमेंट को लेकर मास्टर प्लान तैयार कराया जा रहा है। हमारा प्रयास यही है कि जल्द से जल्द सुविधाएं डेवलप की जाएं, जिससे लोगों को राहत मिले।डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीएनिगम एरिया में शामिल विस्तारित एरियाज में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ सीवरेज सिस्टम के लिए काम किया जा रहा है। विस्तारित एरियाज में सुविधाएं डेवलप करने के लिए प्लान बन चुका है।इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive