Lucknow News: नगर निगम की ओर से पूरा फोकस बल्क जेनरेटर्स पर किया गया है। इसके साथ ही विस्तारित एरियाज से बढ़ रहे वेस्ट की मात्रा को ध्यान में रखते हुए प्लान भी तैयार कराया गया है जिससे रोड साइड वेस्ट न नजर आए। इस प्लान को दो से तीन दिन में पूरी तरह से एग्जिक्यूट भी कर दिया जाएगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम की ओर से पूरा फोकस बल्क जेनरेटर्स पर किया गया है। इसके साथ ही विस्तारित एरियाज से बढ़ रहे वेस्ट की मात्रा को ध्यान में रखते हुए प्लान भी तैयार कराया गया है, जिससे रोड साइड वेस्ट न नजर आए। इस प्लान को दो से तीन दिन में पूरी तरह से एग्जिक्यूट भी कर दिया जाएगा।अब 2200 मीट्रिक टन वेस्ट आ रहा


अभी तक राजधानी के सभी आठ जोन मिलाकर करीब 1800 से 1900 मीट्रिक टन वेस्ट प्रतिदिन सामने आता था। वहीं, विस्तारित एरियाज को मिलाकर वेस्ट करीब 2200 मीट्रिक टन सामने आ रहा है। ऐसे में नगर निगम के सामने भी चुनौती है कि वेस्ट को प्रॉपर कलेक्ट करते हुए उसे शिवरी प्लांट भेजा जाए, जहां उसका निस्तारण किया जा सके। अगर वेस्ट परिवहन के साधन प्रॉपर अपग्रेड नहीं होंगे तो साफ है कि विस्तारित एरियाज में रोड साइड वेस्ट नजर आने लगेगा। जिससे निगम को स्वच्छता परीक्षा में अंकों का नुकसान उठाना पड़ेगा।300 मीट्रिक टन वेस्ट बढ़ा

जैसे-जैसे शहर का विस्तार हो रहा है, वेस्ट भी बढ़ रहा है। नगर निगम में 88 गांवों के शामिल होने और उनमें से कई एरियाज में निगम की ओर से वेस्ट कलेक्शन की सुविधा दिए जाने से 300 मीट्रिक टन वेस्ट का बोझ बढ़ गया है। अब चुनौती है शत प्रतिशत वेस्ट परिवहन की। इसे ध्यान में रखते हुए ही निगम की ओर से प्लान बनाया गया है।30 प्रतिशत प्लास्टिक वेस्टमार्केट एरिया के साथ-साथ आबादी वाले क्षेत्रों में प्लास्टिक वेस्ट करीब 30 प्रतिशत सामने आ रहा है। रोजाना कलेक्ट किए जाने वाले 70 प्रतिशत ड्राई वेस्ट में प्लास्टिक वेस्ट करीब 30 प्रतिशत होता है। ऐसे में प्लास्टिक वेस्ट निस्तारण के लिए भी अलग से कार्ययोजना बनी है। इसके लिए शिवरी में प्लांट लगाने की तैयारी हो रही है।ये है प्लान1-बल्क जेनरेटर्स के यहां स्वत: वेस्ट निस्तारण की प्रक्रिया को शुरू कराना2-विस्तारित एरियाज को कवर करते हुए वेस्ट कलेक्शन3-प्लास्टिक वेस्ट का अलग से निस्तारण4-वार्डों में सफाई से जुड़ी मैन पावर का शत प्रतिशत उपयोग5-वेस्ट परिवहन, निस्तारण व्यवस्था को पुख्ता करनाये होते हैैं बल्क जेनरेटर्स

प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक वेस्ट जेनरेट करने वालों को बल्क जेनरेटर्स कहा जाता है। इस श्रेणी में होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल, स्कूल इत्यादि शामिल होते हैैं। राजधानी में बल्क जेनरेटर्स की संख्या 138 के आसपास है, इनमें से 35 से अधिक जेनरेटर्स ने स्वत: ही वेस्ट निस्तारण की प्रक्रिया अपना ली है। निगम प्रशासन का प्रयास यही है कि जल्द से जल्द 100 प्रतिशत बल्क जेनरेटर्स सेल्फ वेस्ट निस्तारण की प्रक्रिया को अपना लें, जिससे वेस्ट का लोड कुछ कम हो जाए।कई बल्क जेनरेटर्स ने अपने यहां वेस्ट निस्तारण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बेहतर रिस्पांस सामने आ रहे हैैं। इसके साथ ही विस्तारित एरियाज से वेस्ट कलेक्ट के लिए मैन पावर बढ़ाया जा रहा है।डॉ। अरविंद राव, अपर नगर आयुक्त

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