Lucknow News: अगर आपके घर के आसपास या पार्क में इलेक्ट्रिक पोल लगे हैैं तो जरा बचकर रहें। दरअसल बीते कुछ दिनों में नगर निगम और बिजली विभाग की लापरवाही से राजधानी में दो लोगों की जान जा चुकी है। इलेक्ट्रिक पोल से लटके खुले तार लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपके घर के आसपास या पार्क में इलेक्ट्रिक पोल लगे हैैं तो जरा बचकर रहें। दरअसल, बीते कुछ दिनों में नगर निगम और बिजली विभाग की लापरवाही से राजधानी में दो लोगों की जान जा चुकी है। इलेक्ट्रिक पोल से लटके खुले तार लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। सिस्टम की लापरवाही की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैैं और अभी तक इस समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैैं।हादसे दर हादसे


रविवार को गुडंबा एरिया में एक पार्क में लगे पोल में करंट उतरने से जहां एक किशोर की मौत हो गई तो वहीं सोमवार रात खुनखुनजी कोनेश्वर रोड पर मूर्ति बेचने वाले शख्स की पोल पर उतरे करंट की चपेट में आने से जान चली गई। सोमवार को आयोजित नगर निगम सदन की बैठक में भी गुडंबा हादसे को जोर-शोर से उठाया गया था। पार्षदों की ओर से हादसे के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ लीगल एक्शन लेने को कहा गया था। जिसके बाद निगम की ओर से एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। हालांकि, इससे पहले भी इलेेक्ट्रिक पोल में उतरे करंट की वजह से लोगों की जान खतरे में पड़ चुकी है। अब निगम प्रशासन की ओर से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।हर साल मेंटीनेंसनगर निगम लखनऊ सीमा अंतर्गत डेढ़ से दो लाख के करीब स्ट्रीट लाइट्स लगी हुई हैैं। इसकी देखरेख ईईएसएल कंपनी की ओर से की जाती है। कई बार पार्षदों की ओर से स्ट्रीट लाइट मेंटीनेंस को लेकर सवाल उठाए जाते हैैं। इसके बाद योजनाएं तो बनती हैैं, लेकिन योजनाएं पूरी तरह से इंप्लीमेंट नहीं हो पाती हैैं। जिसकी वजह से हादसा होने का खतरा बना रहता है।ये बनी थीं योजनाएं1-पोल नंबरिंग-यह योजना बनाई गई थी कि सभी पोल की नंबरिंग कराई जाएगी, जिससे पोल वाइज रिपोर्ट तैयार करने में आसानी होगी। गुजरते वक्त के साथ यह कवायद कागजों में सिमट गई।2-वायर कवरिंग-इलेक्ट्रिक पोल के वायर्स को पूरी तरह से कवर किया जाना था, लेकिन अभी तक यह काम पूरी तरह से नहीं हो सका है। खुले तार लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं।3-ऑटोमैटिक स्विच-यह भी कवायद हुई थी कि सभी पोल पर ऑटोमैटिक स्विच भी लगाए जाएंगे, जिससे स्ट्रीट लाइट खुद ही जलेगी और बुझेगी। यह योजना भी शत प्रतिशत अमल में नहीं लाई जा सकी है।

4-कंट्रोल रूम-स्ट्रीट लाइट के लिए सेपरेट कंट्रोल रूम तैयार किए जाने की प्लानिंग थी। अभी तक इस दिशा में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। सेपरेट कंट्रोल रूम न होने की वजह से समयबद्ध तरीके से स्ट्रीट लाइट की समस्या दूर नहीं हो पाती हैै।बोले पार्षदजहां भी पोल्स पर स्ट्रीट लाइट्स लगी हैं, उनकी कंडीशन की जांच कराई जानी चाहिए। अगर किसी पोल में करंट आ रहा है तो उस समस्या को तुरंत दूर किया जाए ताकि कोई हादसा न हो।रणजीत सिंह, पार्षदस्ट्रीट लाइट मेंटीनेंस की तरफ ध्यान देना होगा। पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर लगे इलेक्ट्रिक पोल्स की चेकिंग की जानी चाहिए। वहां ऑटोमैटिक स्विच भी लगाए जाने चाहिए।अनुराग मिश्र, पार्षद

Posted By: Inextlive