लखनऊ में पानी की टंकियों की सफाई तो होती है पर जरूरत नई टंकियों की
लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में पानी की टंकियों की सफाई को लेकर तो कोई बड़ा इश्यू नजर नहीं आता, पर यहां सबसे बड़ी समस्या नई पानी की टंकियों के निर्माण से जुड़ी हुई है। कई वार्ड ऐसे हैैं, जहां पर जमीन न मिलने की वजह से नई पानी की टंकियों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। परिणामस्वरूप, लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।छोटे से बड़ी टंकियां हैैं यहां परराजधानी में 50 हजार लीटर से लेकर पांच लाख लीटर से अधिक क्षमता वाली पानी की टंकियां (ओवरहेड टैैंक) हैैं। संबंधित विभाग की ओर से हर दूसरे या तीसरे साल टंकियों की सफाई कराई जाती है। इसके साथ ही टंकियों की सफाई के साथ-साथ पूरे स्ट्रक्चर का मेंटीनेंस भी कराया जाता है। हाल में ही 50 से अधिक ओवरहेड टैैंक की सफाई हुई है।नई टंकियों का इंतजार
राजधानी में कई ऐसे वार्ड हैैं, जहां पर एक भी पानी की टंकी नहीं है। वहीं कई ऐसे भी वार्ड हैैं, जहां पर दो या तीन ही पानी की टंकी हैैं, जबकि जरूरत तीन से चार नई पानी की टंकियों की है। इसकी वजह से यहां की जनता को सबमर्सिबल के सहारे अपनी प्यास बुझानी पड़ती है।इस तरह समझें
इस्माइलगंज सेकंड वार्ड में पहले चार से पांच पानी की टंकियां थीं, जिससे वार्ड में जलापूर्ति होती थी लेकिन नए परिसीमन के बाद अब वार्ड में सिर्फ दो पानी की टंकियां रह गई हैैं। जिसकी वजह से जनता को भरपूर पानी नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टंकियों की सफाई तो होती है लेकिन उनकी संख्या कम होने की वजह से प्रॉपर जलापूर्ति नहीं होती। इसी तरह सरदार पटेल नगर वार्ड में एक भी पानी की टंकी नहीं है। जिसके चलते लोगों को सरकारी सबमर्सिबल के सहारे पानी की जरूरत पूरी करनी पड़ती है। घनी आबादी वाले मनकामेश्वर वार्ड में भी एक भी पानी की टंकी नहीं है। जबकि यहां की जनता की ओर से भी पानी की टंकी की डिमांड की जा चुकी है।यहां निर्माण ही अधूरालालबाग एरिया में तीन साल पहले नई पानी की टंकी का निर्माण शुरू किया गया था। आलम यह है कि अभी तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है। जिसकी वजह से यहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।ये हैैं पानी के स्रोत675 नलकूप सभी वार्ड मिलाकर141 ओवरहेड टैैंक से होती है पानी सप्लाई13 हजार हैैंडपंप चालू हालत में38 जोनल पंपिंग स्टेशन हैैं
बोले लोग
पानी की टंकियों की सफाई तो होती है, लेकिन जरूरत है नई पानी की टंकियों की। पानी की टंकियों की कमी के कारण प्रॉपर जलापूर्ति नहीं हो पाती है।रुद्र प्रताप सिंह, इस्माइलगंज सेकंड वार्डमेरे वार्ड में तो पानी की एक भी टंकी नहीं है। जमीन न मिलने की वजह से टंकियों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। इस तरफ ध्यान देना होगा।रणजीत सिंह, पार्षद, मनकामेश्वर वार्डघनी आबादी होने के बावजूद वार्ड में एक भी पानी की टंकी नहीं है। सबमर्सिबल के सहारे पेयजल संबंधी जरूरत पूरी होती है। नई टंकी की तत्काल जरूरत है।गिरीश मिश्रा, सरदार पटेल नगर वार्डसोशल मीडिया पर बोले लोगमेरे एरिया में भी कई हैैंडपंप खराब हैैं। अगर ये सुधर जाएं तो पेयजल संकट दूर हो सकता है।राकेश, सरोजनीनगरघर-घर लग रहे सबमर्सिबल पर रोक लगनी चाहिए, इसके लिए नियम बनाए जाने की जरूरत है।आकाश, कैसरबागअगर कहीं पानी की बर्बादी हो रही है तो उसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। पब्लिक को भी जागरूक होना होगा।शिखा, कृष्णानगरमेरा मानना है कि पानी बचाने के लिए हर किसी को प्रयास करने होंगे। अगर पानी नहीं बचेगा तो कल की कल्पना नहीं की जा सकती है।
साकेत, गोमतीनगरसरकारी सबमर्सिबल की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। अगर जनता को भरपूर पानी मिलेगा तो साफ है कि घर-घर सबमर्सिबल लगवाने की जरूरत नहीं होगी।स्नेहा, आलमबाग