छिटपुट विवादों और आधा दर्जन से अधिक बूथों में ईवीएम की खराबी के बीच निकाय चुनाव संपन्न हो गया। इस बार निकाय चुनाव में उम्मीद थी कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ओवरऑल वोटिंग प्रतिशत बढ़ेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ 64 प्रतिशत वोट पड़े जबकि वर्ष 2017 में ग्रामीण क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत 67 था। शहरी क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत 36।97 ही रहा जो पिछले चुनाव के मुकाबले 1।63 प्रतिशत कम है।

लखनऊ (ब्यूरो)। मतदाता लिस्ट में गड़बडिय़ों की वजह से बड़ी संख्या में वोटर्स वोट नहीं डाल सके। वहीं दूसरी तरफ कई मतदाताओं के पास चुनावी पर्चियां तक नहीं पहुंची, जिससे वोटिंग परसेंट कम होने की आशंका है। हालांकि अब जिला निर्वाचन की ओर से वोटिंग परसेंट डाउन होने के कारणों पर मंथन जरूर किया जाएगा।

1 लाख 82 हजार अधिक वोटर्स ने किया मतदान
यह भी साफ हो चुका है कि पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में 1 लाख 82 हजार अधिक वोटर्स ने मतदान किया, इसके बावजूद वोटिंग प्रतिशत में कोई खास उछाल देखने को नहीं मिला। उम्मीद जताई जा रही थी कि वोटिंग प्रतिशत 60 के करीब पहुंचेगा लेकिन आंकड़ा 40 प्रतिशत के पार भी नहीं गया।

41 प्रतिशत तक वोटिंग नहीं
नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आठ जोन की बात की जाए तो किसी भी जोन में वोटिंग प्रतिशत 41 भी नहीं पहुंचा। सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत जोन छह और जोन आठ का रहा। इन दोनों जोन में वोटिंग प्रतिशत 40.38 के करीब रहा। सबसे कम वोटिंग प्रतिशत जोन 1 में रहा, यहां पर सिर्फ 33.18 प्रतिशत ही वोटिंग हुई।

महोना में सर्वाधिक वोटिंग
तहसीलों की बात करें तो सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत महोना का रहा, यहां पर 84 प्रतिशत वोट पड़े। वहीं गोसाईगंज में 80.76 प्रतिशत वोट डाले गए। सबसे कम वोटिंग प्रतिशत बीकेटी में रहा। यहां सिर्फ 56.25 प्रतिशत वोट पड़े। मलिहाबाद में 61 प्रतिशत, काकोरी में 64.65 प्रतिशत, इटौंजा में 79 प्रतिशत वोटिंग हुई।

यहां से ईवीएम की कंपलेन
कंट्रोल रूम में गीतापल्ली वार्ड के बूथ संख्या 1072, बाबू कुंज बिहारी वार्ड में बूथ संख्या 626, 627, 628 और इब्राहिमपुर वार्ड के बूथ संख्या 78 पर ईवीएम की खराब होने की सूचना मिली। इसी तरह इस्माइलगंज सेकंड वार्ड के प्राथमिक विद्यालय गणेशपुर मतदान केंद्र संख्या 1065 पर भी ईवीएम खराब होने की सूचना मिली। जहां से भी ईवीएम खराब होने की शिकायतें आईं, उन्हें तत्काल दूर कराया गया।

सबसे जरूरी होता है कि मतदाता अपने घरों से बाहर निकलें और बूथ तक पहुंचे। इसके बाद दूसरी चीज मतदाता सूची की आती है। इस तरह कई चीजें इसमें हो सकतीं हैं। सभी की समीक्षा की जाएगी, जिससे आगे वोट प्रतिशत बढ़ सके।
सूर्यपाल गंगवार, जिला निर्वाचन अधिकारी

Posted By: Inextlive