गुड सेमेरिटन योजना के तहत दो साल में लखनऊ में मिले महज 12 ही लोग
लखनऊ (ब्यूरो)। रोड एक्सीडेंट में घायल शख्स को समय से ट्रीटमेंट न मिलने की वजह से होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए शासन ने 'गुड सेमेरिटन' को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करने की योजना 2021 में बनाई थी। इसके अलावा, उनको पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी देने की योजना है। पर यह योजना फाइलों में दम तोड़ती नजर आ रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी में 45 लाख की आबादी में तीन विभाग मिलकर महज 12 'नेक दिल' की तलाश पाए, जबकि हर सात घंटे में राजधानी में एक्सीडेंट होता है, जिसमें कई लोग घायल होते हैंं तो कईयों की जान तक चली जाती है।
अक्टूबर 2021 से शुरू की गई स्कीम
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 3 अक्टूबर 2021 को शुरू की गई 'गुड सेमेरिटन स्कीम' के तहत ऐसे नेक व्यक्ति को पुरस्कार दिया जाता है, जिसने किसी घातक दुर्घटना (मोटर वाहन से जुड़ी) के पीड़ित की जान तत्काल सहायता प्रदान करके और दुर्घटना के गोल्डन ऑवर के भीतर उसे अस्पताल/ट्रॉमा केयर सेंटर पहुंचाकर बचाई हो।
ऑफिसर्स करते हैं चिन्हित
प्रदेश सरकार ने गुड सेमेरिटन योजना के तहत वर्ष 2020 में पहली बार 34 लोगों को सम्मानित किया था। वर्ष 2021 में मात्र 14 लोगों को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। जबकि राजधानी में 2023 में 12 नेक दिल लोगों को सम्मानित किया था। हॉस्पिटल, पुलिस व आरटीओ ऑफिसर्स की तरफ से चिन्हित किए गए नेक दिल लोगों को 2023 में परिवहन राच्यमंत्री ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया था। प्रोत्साहित राशि के तौर पर मिलने वाले पांच हजार रुपए उन्हें बाद में दिए जाने थे।
राजधानी में साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में 8.2 फीसदी च्यादा सड़क हादसे हुए। यह स्थिति तब है जब हादसे रोकने के लिए 12 विभाग मिलकर काम रहे हैं। प्रमुख सचिव परिवहन की ओर से बनाई गई समिति में इन विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं। साल 2023 में जिला सड़क सुरक्षा समिति की 12 बैठकें हुईं, लेकिन हादसे रोकने के लिए कोई मजबूत उपाय नहीं किए जा सके।
कैसे होंगे अन्य लोग प्रोत्साहित
शासन की योजना के तहत एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाने वाले नेक दिल व्यक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए उनका डीएम व शासन स्तर पर सम्मान करने के साथ प्रोत्साहित करने के लिए नगद पुरुस्कार भी दिया जाता है। इसके अलावा नेक दिल व्यक्ति की हाइवे व जीटी रोड के किनारे सुविधा अनुसार होर्डिंग लगाने की भी योजना थी। जिसको देख अन्य लोग भी एक्सीडेंट में घायलों की मदद कर उनको ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए आगे आएं। हालांकि, इस योजना की स्थिति देखकर सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर ऐसे में लोग कैसे प्रोत्साहित होंगे।
- घायल को हॉस्पिटल पहुंचाने वालों को पुलिस कोई पूछताछ नहीं करेगी
- एक्सीडेंट के संबंध में गवाह बनाने को पुलिस बाध्य नहीं करेगी
- घायल को नजदीकी किसी भी गवर्नमेंट या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करा सकते हैं
- हॉस्पिटल में बिल भुगतान के लिए नेक दिल व्यक्ति को बाध्य नहीं किया जाएगा। नेक दिल व्यक्ति को मिलता यह सम्मान
- डीएम व परिवहन राच्यमंत्री की तरफ से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता
- पांच हजार रुपए नकद पुरुस्कार
- एक कैलेंडर वर्ष में 10 राष्ट्रीय स्तर के पुरुस्कार होते हैं। जिसमें एक लाख तक नगद पुरुस्कार दिया जाता है
- हाइवे व जीटी रोड किनारे उनकी फोटो की होर्डिंग भी लगाई जाती है।