Lucknow News: साइबर क्रिमिनल्स के टारगेट पर शहर के नामी डॉक्टर्स और अफसर हैं। उनको डिजिटल अरेस्ट कर फ्रॉड करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ दिन पहले एसजीपीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपये ठग लिए गए थे।


लखनऊ (ब्यूरो)। साइबर क्रिमिनल्स के टारगेट पर शहर के नामी डॉक्टर्स और अफसर हैं। उनको डिजिटल अरेस्ट कर फ्रॉड करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ दिन पहले एसजीपीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपये ठग लिए गए थे। वहीं, अब राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में तैनात दो महिला चिकित्सक डॉ। रूबी थामस और डॉ। सात्विका राठौर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की गई है। पीड़ितों ने विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। किडनैपिंग व फिरौती का झांसा देकर की ठगी


डिजिटल अरेस्ट की शिकार हुईं डॉ। रूबी थामस ने बताया कि उनके फोन पर 16 अगस्त को एक कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई का अफसर बताया। कहा कि उनके आधार कार्ड पर एक सिम जारी हुआ है। उस सिम का यूज किडनैङ्क्षपग और फिरौती की रकम वसूलने के लिए किया गया है, इसलिए आपको गिरफ्तार किया जाएगा। आपकी जांच होगी और इस जांच के लिए पैसे भी देने होंगे। सीबीआई अधिकारी बने जालसाज ने डाक्टर से 90 हजार रुपये एक खाते में ट्रांसफर करा लिए।मुंबई का पुलिस अफसर बता किया डिजिटल अरेस्ट

डॉ। सात्विका राठौर ने डीजीपी को शिकायती पत्र भेजकर बताया कि उनके मोबाइल पर दो जून को एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। कहा कि उनके नाम से एक पार्सल आया है, जिसमें आपत्तिजनक सामग्री है। यही नहीं, उनके बैंक खाते का यूज मनी लांङ्क्षड्रग में किया गया है। उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट है। इससे बचने के लिए रुपये मांगे। डॉ। सात्विका राठौर की शिकायत पर विभूतिखंड थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। इंस्पेक्टर सुनील कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि दोनों मामलों में जल्द ही आरोपितों तक टीम पहुंच जाएगी।फिर शुरू हुई ग्रीन गैस बिल अपडेट के नाम पर ठगीकुछ समय पहले राजधानी में ग्रीन गैस बिल अपडेट के नाम से दर्जनों लोगों के साथ साइबर क्रिमिनल्स ने ठगी की थी। अब विभवखंड निवासी कुलदीप कुमार चौधरी ने गोमतीनगर थाने में तहरीर देकर बताया है कि 18 जून को उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद का परिचय ग्रीन गैस के कर्मचारी के रूप में दिया। कहा कि ग्रीन गैस बिल अपडेट करना है। आपने बिल पिछले माह जमा किया था। वह क्लीयर नहीं हुआ है। इसके बाद जानकारी हासिल कर 58,633 रुपये पार कर दिए।

Posted By: Inextlive