हे दुख भंजन मारुति नंदन..
- आस्था और विश्वास के साथ मनी हनुमान जयंती
रुष्टयहृह्रङ्ख : कोरोना संक्रमण काल में कलियुग के एक मात्र जाग्रत देव पवन सुत हनुमान की मंगलवार को जयंती मनाई गई। घरों में सुरक्षा के साथ श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड पाठ कर बजरंग बली से कोरोना से मुक्ति की कामना की। इस दौरान हनुमान चालीसा तो कहीं हनुमान भक्ति गीत हे दुख भंजन मारुति नंदन, सुन लो मेरी पुकार पवन सुत विनती बारंबार के बोल गूंजते रहे। कोरोना मुक्ति की कामनाहनुमान सेतु मंदिर, नया व पुराना हनुमान मंदिर के अलावा पक्का पुल स्थित हनुमान मंदिर में पुजारियों ने श्रृंगार कर चोला बदला और श्रद्धालुओं ने दूर से ही बजरंग बली के दर्शन किए। पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम ने चोला बदला और आरती की। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पवन मिश्रा व प्राचीन नीब करौरी आश्रम मंदिर के पुजारी आशीष पांडेय ने पूजन कर कोरोना मुक्ति की कामना की। गोमतीनगर में नीलिमा सिंह की ओर से ऑनलाइन जूम एप से सुंदरकांड पाठ किया गया तो अमेरिका में डॉ। अनुपमा सिंह ने भी संगत की। ब्राह्मण परिवार के अध्यक्ष शिव शंकर अवस्थी के संयोजन में विजयनगर में कोरोना से मुक्ति के लिए हवन किया गया और आनलाइन जुड़कर लोगों ने दर्शन किए। ओम ब्राह्मण महासभा के धनंजय द्विवेदी की ओर से आनलाइन सुंदरकांड पाठ किया गया। चौक में हनुमत संग्रहालय के संस्थापक केके चौरसिया ने आरती कर बजरंग बली को याद किया। उनके पास 80 हजार हनुमान जी के प्रतीकों का संग्रह है।
--- विशेष योग में की पूजाविशेष योग की वजह से श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र में भगवान शिव ने अपने अंश 11वें रूद्र से माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी के रूप में जन्म लिया। ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे ने बताया कि इस वर्ष हनुमान जयंती पर चंद्रमा तुला राशि में रहे और स्वाति नक्षत्र और सिद्धि योग से श्रद्धालुओं के लिए विशेष फलदायी रहा। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। हनुमान जी कलियुग में सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता हैं। हनुमान जी शिव के अवतार हैं। इनकी पूजा तत्काल फल देने वाली है। इन्हें हनुमान, संकटमोचन, बजरंगबली, महावीर, पवन पुत्र, आंजनेय, केसरीनंदन आदि नामों से भी पुकारा जाता है। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि सूर्योदय से लेकर सुबह 9:27 बजे तक पूजन का शुभ योग होने से श्रद्धालुओं ने घरों में सुंदरकांड पाठ कर कोरोना संक्रमण से मुक्ति की कामना की। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल, ¨सदूर चमेली के तेल का लेप, बेसन के लडडू और बूंदी चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने पवन सुत को याद किया।
---- नहीं रहे हनुमान भक्त सुनील गोम्बर बलरामपुर गार्डन में हनुमान जयंती पर हर साल समारोह का आयोजन करने वाले इंदिरानगर के सुनील गोम्बर का निधन हो गया। इंदिरानगर में उन्होंने अपने आवास को संग्रहालय के रूप में स्थापित कर हनुमान जी के विविध स्वरूपों के बारे में लोगों को बताने का प्रयास किया। उनके निधन पर हनुमान भक्तों ने श्रद्धांजलि दी है। 51 बार हनुमान चालीसा का पाठमनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत देव्या गिरि के सानिध्य में मंगलवार को हनुमान जयंती के अवसर पर कोरोना से मुक्ति और राष्ट्र कल्याण के लिए महिलाओं ने 51 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसमें कल्याणी गिरि, गौरजा गिरि, उपमा पांडेय, मंजू यादव, रिया कश्यप व ज्योति कश्यप शामिल हुई। चित्रांश श्रीवास्तव, सूरज श्रीवास्तव, रचित श्रीवास्तव, अनिल मिश्रा अंकुर पांडेय, अमित कनौजिया ने संगीतमय सुंदरकांड पाठ किया। महंत ने सभी के कल्याण के लिए विशेष अनुष्ठान किया। वहीं मोहान रोड स्थित बुद्धेश्वर मंदिर के पास आचार्य जितेंद्री महाराज ने अपने घर पर सुंदरकांड पाठ कर 21 किलो लड्डू का भोग लगाया।