ज्यादातर कंपलेन आवासीय एरिया से जुड़ी होती हैं। आवासीय एरियाज में रहने वाले ज्यादातर आवंटियों की ओर से अवैध निर्माण से जुड़ी फर्जी कंपलेन की जाती हैं। हालांकि कंपलेन करने के बाद जब प्राधिकरण की ओर से जांच की जाती है तो यह स्पष्ट हो जाता है कि शिकायत रंजिशन की गई है या ब्लैकमेलिंग के लिए।


लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए में अवैध निर्माण संबंधी कंपलेन का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि अवैध निर्माण से जुड़ी करीब 70 फीसदी ऐसी कंपलेन आ रही हैं, जो आपसी रंजिश या ब्लैकमेलिंग के लिए की जा रही हैं। यह जानकारी प्राधिकरण की जांच में सामने आई है। ऐसे में अब प्राधिकरण की ओर से ऐसी कंपलेन को लेकर खासी सावधानी बरती जा रही हैं, जो अवैध निर्माण से जुड़ी हुई होती हैं।आवासीय में ज्यादा खेल


प्राधिकरण में ज्यादातर कंपलेन आवासीय एरिया से जुड़ी होती हैं। आवासीय एरियाज में रहने वाले ज्यादातर आवंटियों की ओर से अवैध निर्माण से जुड़ी फर्जी कंपलेन की जाती हैं। हालांकि, कंपलेन करने के बाद जब प्राधिकरण की ओर से जांच की जाती है तो यह स्पष्ट हो जाता है कि शिकायत रंजिशन की गई है या ब्लैकमेलिंग के लिए। पर ज्यादातर कंपलेन आपसी रंजिश या पुराने विवाद से जुड़ी हुई होती हैं। वहीं, एक आंकड़ा यह भी सामने आया है कि जो लोग फर्जी कंपलेन करने आते हैं, वो खुद भी प्राधिकरण की जांच में फंस जाते हैं और उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो जाती है।केस एक

अलीगंज निवासी राकेश अपने पड़ोस में हो रहे अवैध निर्माण की कंपलेन करने एलडीए पहुंचे थे। जब उनसे जांच पड़ताल की गई और उनके मकान के नक्शे के बारे में पूछा गया तो पता चला कि उनके ही मकान का नक्शा दस साल से स्वीकृत नहीं है। ऐसे में अब प्राधिकरण की ओर से एक तरफ तो उनकी कंपलेन के आधार पर अवैध निर्माण की जांच कराने जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नक्शा न होने की वजह से शिकायतकर्ता के खिलाफ भी एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है।केस दोकानपुर रोड निवासी शुभम भी अवैध निर्माण की कंपलेन करने के लिए प्राधिकरण पहुंचे थे। उनकी शिकायत के आधार पर प्राधिकरण की टीम ने मौके पर जाकर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन बाद में यह जानकारी मिली कि शिकायतकर्ता ने भी नक्शे इत्यादि में खेल किया गया है। जिसके बाद अब उस पर भी एक्शन लिया जा रहा है।सालों से नक्शा पास नहीं

एलडीए में जो कंपलेन आ रही हैं, उनमें ज्यादातर मामलों में यही देखने को मिल रहा है कि अधिकांश शिकायतकर्ताओं के मकान का खुद ही नक्शा पास नहीं है और जो निर्माण किया गया है, वो प्राधिकरण के नियम विरुद्ध हैं। अभी तक ऐसे मामले में आधा दर्जन लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जा चुका है। वहीं, कई अन्य मामलों में जांच की जा रही है।सभी कंपलेन फर्जी नहींयह बात भी साफ है कि अवैध निर्माण से जुड़ी जो भी कंपलेन प्राधिकरण के पास आ रही हैं, उनमें सभी फर्जी नहीं हैं। ऐसे में प्राधिकरण प्रशासन की ओर से हर एक कंपलेन की गंभीरता से जांच की जाती है, जिससे किसी भी पक्ष के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई न हो सके। जो कंपलेन सही मिलती हैं, उनके खिलाफ तत्काल एक्शन लिया जाता है।फर्जी शिकायतकर्ताओं पर एक्शनफर्जी कंपलेन की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब प्राधिकरण की ओर से फर्जी शिकायतकर्ताओं के खिलाफ भी एक्शन लेने की तैयारी कर ली गई है। ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है, जो खुद या दूसरों के माध्यम से दूसरों को फंसाने के लिए या आपसी रंजिश में फर्जी कंपलेन कर रहे हैं। लिस्ट बनाए जाने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। जिससे फर्जी कंपलेन की संख्या को कम किया जा सके। प्राधिकरण प्रशासन ने अपील की है कि किसी को फंसाने के लिए फर्जी कंपलेन न करें, अगर कहीं अवैध निर्माण है तो जांच कराकर उसके खिलाफ कड़े से कड़ा एक्शन जरूर लिया जाएगा।
यह बात सही है कि अवैध निर्माण से जुड़ी ज्यादातर ऐसी कंपलेन आ रही हैं, जो आपसी रंजिश या ब्लैकमेलिंग के लिए की जा रही हैं। फिलहाल जो भी कंपलेन आ रही हैं, उनकी मौके पर जाकर जांच करवाई जा रही है, जिससे सच्चाई सामने आ सके। फर्जी शिकायतकर्ताओं के खिलाफ भी शिकंजा कसा जा रहा है।-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए

Posted By: Inextlive