Lucknow News: ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार को हुए हादसे ने एक बार फिर से शहर को अलाया अपार्टमेंट के दर्दनाक हादसे की याद दिला दी। साथ ही यह सवाल फिर से उठने लगे हैैं कि ज्यादातर कॉमर्शियल इमारतों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी की जाती है।


लखनऊ (ब्यूरो)। ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार को हुए हादसे ने एक बार फिर से शहर को अलाया अपार्टमेंट के दर्दनाक हादसे की याद दिला दी। साथ ही यह सवाल फिर से उठने लगे हैैं कि ज्यादातर कॉमर्शियल इमारतों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी की जाती है। यह तो जांच का विषय है कि बिल्डिंग नक्शे के अनुरूप बनी थी कि नहीं, लेकिन इतना साफ है कि जब पिलर कमजोर थे तो तत्काल कदम क्यों नहीं उठाए गए। वहीं, हाईराइज बिल्डिंग्स के लिए जलभराव की समस्या भी नई मुसीबत के रूप में सामने आई है।नए सिरे से जांच की जरूरत
राजधानी में हजारों कॉमर्शियल इमारते हैैं। जब एलडीए की ओर से सर्वे कराया जाता है तो ज्यादातर बिल्डिंग्स में नक्शे के अनुरूप निर्माण होना नहीं मिलता है। इसके बाद एलडीए की ओर से उक्त बिल्डिंग को सील कर दिया जाता है। इसके बावजूद ज्यादातर कॉमर्शियल बिल्डिंग्स में नियमों का पालन नहीं किया जाता है। ऐसे में हादसा होने का खतरा बढ़ जाता है।कॉमर्शियल एरिया है टीपी नगर


जहां हादसा हुआ, वह कॉमर्शियल एरिया है। यहां ज्यादातर गोदाम और ऑफिस बने हुए हैैं। ऐसे में यहां पर सबसे पहले नक्शे के अनुरूप इमारतों की जांच होनी चाहिए, ताकि अगर किसी बिल्डिंग में खामी है तो उसे तत्काल दूर किया जा सके। एलडीए की टीपी नगर योजना में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़े भी सामने आए हैैं। इस मामले में एफआईआर तक दर्ज कराई गई है। इस योजना में देखने में आया है कि कई कॉमर्शियल प्लॉट्स फर्जी तरीके से बेचे गए हैैं। हालांकि, जो बिल्डिंग गिरी है, उसमें अभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।भवन के स्ट्रक्चर की जांचकानपुर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के भूखंड संख्या टीपीएन-54-फेज-1 पर निर्मित भवन के अचानक गिर जाने के कारण बगल में भूखंड संख्या-55 पर निर्मित भवन को क्षति पहुंचने की पूरी संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए भवन के स्ट्रक्चर की जांच कराना अति आवश्यक है, वरना लोगों की जानमाल को खतरा हो सकता है। इसके मद्देनजर एलडीए जोनल अधिकारी अतुल कृष्ण सिंह की उपस्थिति में प्रवर्तन जोन-2 की टीम द्वारा भूखंड संख्या-55 पर बने भवन को रविवार को अग्रिम आदेशों तक के लिए सील कर दिया गया है। इसके साथ ही एलडीए की ओर से आसपास के एरिया में भी सर्वे कराने का काम शुरू किया जा रहा है।ये कदम उठाने होंगे1-कॉमर्शियल इमारतों में नियमों की जांच2-नक्शों की जांच3-नक्शे के आधार पर निर्माण हुआ कि नहीं4-इमारतों में बेसमेंट की क्या स्थिति

5-रोक के बावजूद बेसमेंट में निर्माण तो नहीं हो रहा6-स्ट्रक्चर ऑडिट कराया गया कि नहींइस पर भी देना होगा ध्यानअगर किसी बड़ी बिल्डिंग के आसपास जलभराव की समस्या सामने आ रही है तो नगर निगम की ओर से भी सबसे पहले जलभराव की समस्या को समाप्त किए जाने की जरूरत है। इसके बाद एलडीए की ओर से देखा जाना चाहिए कि इमारत की नींव पर तो कोई असर नहीं पड़ा है। अगर कोई असर नजर आता है तो सबसे पहले इमारत को खाली कराकर सुरक्षा संबंधी बिंदुओं की जांच कराते हुए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

Posted By: Inextlive