लखनऊ में बनेगा दुबई और कतर की तरह स्पेशल एजुकेशन जोन
लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की मोहान रोड योजना उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एजुकेशन हब बनेगी। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत योजना में विशेष शैक्षिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जहां दुबई व कतर देशों की तर्ज पर एक ही जगह पर प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक व उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी। एलडीए के पारिजात सभागार में योजना के संबंध में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में इसका खाका खींचा गया। बैठक में मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार केवी राजू, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार व प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल व एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे।लेआउट का प्रेजेंटेशन दिया गया
बैठक में एलडीए वीसी द्वारा योजना के लेआउट का प्रेजेंटेशन दिया गया। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़-पंचकुला की तरह मोहान रोड योजना का विकास ग्रिड पैटर्न पर किया जाएगा। योजना में कुल आठ सेक्टर बनाये जाएंगे, जिसके प्रत्येक सेक्टर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सेक्टोरल शॉपिंग सेंटर, बारात घर और वेंडिंग जोन का प्रावधान किया जाएगा साथ ही सभी बड़े चौराहों पर रोटरी विकसित की जाएगी। जिसमें बायीं ओर मुड़ने वाले ट्रैफिक को फ्री पास दिया जाएगा। योजना में 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल के कुल 2532 आवासीय भूखंड के साथ ग्रुप हाउसिंग के बड़े भूखंड नियोजित किये जाएंगे। इसके अलावा योजना में शिक्षण संस्थानों के लिए बल्क में भूखंड नियोजित करते हुए इसे एजुकेशन सिटी का स्वरूप दिया जाएगा।एजुकेशन सिटी पर विस्तार से मंथनबैठक के दौरान दुबई व कतर देशों में विकसित की गयी एजुकेशन सिटी के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि मोहान रोड योजना में शिक्षण संस्थानों के लिए अलग-अलग भूखंड नियोजित करने के बजाए एक ही स्थान पर बड़ा भूखंड नियोजित किया जाए। जहां प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक व उच्च शिक्षा की संपूर्ण सुविधाएं एक ही जगह पर उपलब्ध कराई जा सके। इसके लिए योजना के लेआउट में थोड़ा परिवर्तन करते हुए 60 मीटर व 45 मीटर चौड़ी रोड पर 103 एकड़ क्षेत्रफल का बड़ा भूखंड नियोजित किया जाएगा साथ ही एजुकेशन फैकेल्टी के रहने के लिए पास में ही ग्रुप हाउसिंग के भूखंड विकसित किये जाएंगे। कई विकल्प दिए जाएंगे
विश्वविद्यालयों व शिक्षा क्षेत्र के निवेशकों को इतना बड़ा भूखंड खरीदने व इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में आर्थिक बाधा न आए, इसके लिए तैयार करायी जा रही ईओआई में कई विकल्प दिए जाएंगे। जैसे खरीददारों को 25 प्रतिशत भुगतान पर कब्जा व लीज रेंटल प्लान आदि का आकर्षक विकल्प दिया जाएगा। इसमें कोई मास्टर डेवेलपर चाहे तो वह अकेले ही भूखंड खरीदकर विकास कार्य करा सकेगा अथवा कंसोर्टियम समझौता व च्वाइंट वेंचर की पद्धति का भी विकल्प खुला रहेगा। बैठक में प्राधिकरण के सचिव विवेक श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता अवनींद्र कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।