सीता हरण की लीला देख नम हुईं भक्तों की आंखें
लखनऊ (ब्यूरो)। देश की सबसे प्राचीनतम रामलीला समिति, श्रीराम लीला समिति ऐशबाग लखनऊ के तत्वावधान में रामलीला मैदान के तुलसी रंग मंच पर चल रही रामलीला के छठे दिन शुक्रवार को सूपनखा का राम के प्रति कामातुर होना, लक्ष्मण द्वारा नासिका विच्छेदन, सूपनखा का रावण के दरबार जाना, रावण मारीच संवाद, सीता हरण, जटायु वध, सीता खोज और जटायु राम संवाद लीला हुई।नृत्य की दी मनमोहक प्रस्तुतिऐशबाग रामलीला में शुक्रवार को मुख्य अतिथि के रूप में डॉ। नीरज बोरा विधायक उत्तरी क्षेत्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि राम का चरित्र और जीवन अनुकरणीय है। सभी को उनके चरित्र को अपने जीवन में उतारना चाहिए।स्मृति चिन्ह भेंट किया
इस अवसर पर श्री राम लीला समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल और सचिव पं। आदित्य द्विवेदी ने डॉ। नीरज बोरा को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। वहीं, रामलीला से पूर्व ऋचा तिवारी के नृत्य निर्देशन में धानवी फाउंडेशन और आरती शुक्ला के नृत्य निर्देशन में आंचल समाज उत्थान सेवा समिति के कलाकारों ने भक्ति भावना से परिपूर्ण नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी।रावण ने किया सीता का हरण
शुक्रवार की राम लीला का आरम्भ सूपनखा का राम के प्रति कामातुर होना लीला से हुआ। इस प्रसंग में वन में राम को जब सूपनखा देखती है तो वह उनके प्रति कामातुर हो जाती है। इस पर वह कहती है कि वह उनसे विवाह करना चाहती है। इस बात को सुनकर राम ने मना कर दिया। राम ने सूपनखा से कहा कि वह लक्ष्मण से बात करे। इस बात पर लक्ष्मण मना कर देते हैं। विवाद बढ़ने पर लक्ष्मण, सूपनखा की नाक काट लेते हैं। इस बात से आहत होकर वह अपने भाई रावण के पास जाती है और सारी बात बताती है। इससे रावण को क्रोधित हो जाता है और माता सीता का हरण कर लेता है।