सेक्स रैकेट, एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगी का भी हो रहा खेल
लखनऊ (ब्यूरो)। अगर कोई व्यक्ति किसी पॉर्न साइट, डेटिंग साइट या फिर किसी ऐसी साइट को विजिट करता है जो सिक्योर नहीं है तो हैकर सॉफ्टवेयर से आपकी सर्फिंग डिटेल का बैकअप तैयार कर लेते हैं। इसके बाद वे उस साइट को विजिट करने वाले का मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और सोशल मीडिया अकाउंट तलाशते हैं और उससे जुड़कर उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं। नाबालिग लड़के और लड़कियों को इसमें अधिक शिकार बनाया जाता है।
सोशल मीडिया से शुरू होता है खेल
सेक्सटॉर्शन का असली मतलब किसी कंप्यूटर में सेंधमारी कर उस व्यक्ति के पर्सनल डेटा को चुरा कर उसे ब्लैकमेल कर फिरौती मांगना है। ठगी करने वाले किसी सुंदर महिला की तस्वीर लगाकर सोशल मीडिया पर प्रोफाइल बनाते हैं और लोगों को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वाट्सएप पर ये हाय लिखकर मैसेज करते हैं। सामने वाला अगर इनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर लेता है या वाट्सएप पर इन्हें मैसेज भेजता है तो वे उससे चैटिंग का सिलसिला शुरू कर देते हैं, जो कुछ ही दिनों में अश्लील चैट तक पहुंच जाता है। जैसे ही सामने वाला इसी तरह की चैट खुद करना शुरू करता है, ये न्यूड फोटो और वीडियो एक्सचेंज करने लगते हैं और इसे अपने पास सेफ कर लेते हैं। इसी आधार पर बाद में ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू होता है।
वायरल करने की धमकी
इस तरह के मामलों के शिकार ऐसे लोग होते हैं जिनकी समाजिक प्रतिष्ठा अधिक होती है। वे डर के चलते इसकी शिकायत भी नहीं करते हैं और आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं।
आजकल ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं, जो सोशल साइट्स पर लड़कियों के नाम से पहले दोस्ती करते हैं और फिर परेशान कर वसूली करना शुरू कर देते हैं। राजधानी में ऐसे दर्जन भर मामले आ चुके हैं। शादीशुदा लोगों को इसमें अधिक शिकार बनाया जाता है। परिवार बिखरने के डर से ऐसे लोग आसानी से ठगों को पैसे दे देते हैं। हालांकि एक बार अगर आप ने पैसे दे दिए तो पैसे की डिमांड बढ़ती चली जाती है और इससे परेशान होकर कुछ लोग तो आत्महत्या जैसा कदम भी उठा चुके हैं।
अधिक पैसा कमाने का लालच
शातिर आपको मैसेज भेजते हैं कि घर बैठे रोज हजारों रुपए कमाएं। बेरोजगार इनके झांसे में आकर अपनी जमा पूंजी तक गंवा देते हैं। ऐसा ही एक नंबर इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसके बारे में जांच की गई तो पता चला कि वह नंबर कोटा से संचालित किया जा रहा है।
अश्लील बातों से फंसाते हैं
जालसाज बेरोजगारों से पैसे किसी खाते में जमा करा लेते हैं और इसके बाद उन्हें वर्क कांटेक्ट के लिए एक मोबाइल नंबर दे देते हैं। जब इस नंबर पर फोन किया जाता है तो एक महिला इसे उठाती है और कहती है कि वह पति से दूर है। अश्लील बातें करके और रंगीन सपने दिखाकर वह युवक को धीरे-धीरे बहकाती है। जैसे ही युवक उसके जाल में फंसता है वह उसे ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूल लेती है।
एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगी
अगर आपने किसी एस्कॉर्ट सर्विस प्रोवाइड कराने वाले के मोबाइल नंबर पर फोन किया तो भी आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें यह सर्विस चलाने वाले लोगों ने कॉल करने वाले के वाट्सएप डीपी पर लगी तस्वीर को निकाला और फिर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। फोन करने वाले को धमकी दी गई कि अगर उसने मांगी गई रकम बताए गए खाते में नहीं जमा की तो उसकी तस्वीर एस्कार्ट सर्विस की वेबसाइट पर डालकर वायरल कर दी जाएगी। कुछ दिन पूर्व बस्ती और कानपुर में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। बहुत से लोग लंबे समय तक ऐसी ठगी का शिकार होते रहे हैं।
जिगोलो सर्विस के नाम पर भी ठगी
यह गैंग युवाओं को प्ले ब्वॉय बनाने का ऑफर देता है और कहता है कि इस काम में शामिल होने से रोज वे हजारों रुपए कमा लेंगे। बातों में आए युवाओं ने रजिस्ट्रेशन के नाम पर 50 हजार रुपए तक जमा कराए जाते हैं और जैसे ही बताए गए खाते में रकम जमा होती है, कॉल करने वाला अपना मोबाइल नंबर बंद कर देता है। गैंग युवाओं को बताता है कि उसे उसके ही जिले की ऐसी दर्जनों महिलाओं के मोबाइल नंबर दिए जाएंगे जो हर माह उसे अच्छी रकम देंगी। बेरोजगार युवक प्रलोभन में आकर शातिरों का निशाना बन रहे हैं।
मर्दाना कमजोरी के नाम पर ठगी
किसी भी रास्ते से गुजरते समय आपको मर्दाना कमजोरी दूर करने वाले विज्ञापन दिख ही जाएंगे। लोग इन विज्ञापनों को देखकर बताए गए दवाखाने जाते हैं या मोबाइल नंबर पर कॉल करते हैं। 13 जुलाई 2021 हसनगंज पुलिस ने ऐसे गिरोह का खुलासा किया था, जो सेक्स पावर बढ़ाने की दवा के नाम पर ठगी करता था। इस गिरोह ने हसनगंज इलाके के एक व्यक्ति से लाखों ऐंठ लिए थे। तत्कालीन इंस्पेक्टर यशकांत सिंह के मुताबिक गैैंग के तीन मेंबर्स को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह लोगों को ऑनलाइन सेक्स पावर बढ़ाने की दवा उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी करता था। इस मामले में सिराज अहमद, अबू सूफियान सिद्दीकी और अभिषेक वर्मा को पकड़ा गया था।
अमेरिका से दवा मंगाने का झांसा
ऑनलाइन ठगी करने वाला यह गैंग लोगों को अमेरिका से दवा मंगाने की बात कहकर 30 हजार रुपए से 1.5 लाख रुपए तक ठगता था। इन लोगों ने जिन लोगों को अपना निशाना बनाया, उसमें अधिकतर बुजुर्ग थे। बड़े पदों से रिटायर हुए लोग इनके टारगेट पर रहते थे।
गैैंग ऐसे लोगों को शिकार बनाता है जो दूसरे शहर से राजधानी घूमने या फिर किसी काम से यहां आते हैं। इन लोगों को ठग यहां लड़कियां उपलब्ध कराने का वादा करते हैं और उसके बदले पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर करा लेते हैं। एक बार पैसा ठगों के पास पहुंचता है तो फिर उनका मोबाइल नंबर हमेशा के लिए बंद हो जाता है। बदनामी न हो जाए, इसके डर से लोग पुलिस के पास इसकी शिकायत करने भी नहीं जाते हैं। इस तरह की ठगी का सारा खेल फेक आईडी से लिए गए सिम से किया जाता है और लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए शातिर लुहावने विज्ञापन सोशल मीडिया पर भी देते हैं। कई लोगों से इस तरह से 30 से 50 हजार रुपए तक ठगे गए हैं।