माध्यमिक स्कूलों में खेल प्रतियोगिताओं का सेशन हो सकता है शून्य
- कोरोना के कारण अभी तक नहीं जारी हुआ गेम्स का कैलेंडर
- अक्टूबर से पहले स्कूल खुलने की उम्मीद नहीं, ऐसे में इस साल संभावना कम LUCKNOW: माध्यमिक स्कूलों का खेलकूद सेशन इस साल शून्य हो सकता है। अभी तक स्कूल नहीं खुले हैं। नेशनल स्कूल गेम्स का कैलेंडर भी जारी नहीं हुआ है। स्कूल खुलेंगे तो पहले पढ़ाई पर फोकस होगा। स्कूल कोर्स पूरा कराने पर जोर देंगे। इसे देखते हुए इस बार माध्यमिक विभाग खेलकूद सत्र को शून्य घोषित कर सकता है। अगस्त से शुरू होती है खेलकूद प्रतियोगिताएंहर साल शैक्षिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू होता है। खेलकूद प्रतियोगिताओं की शुरुआत अगस्त से होती है। पहले जिला, फिर मंडल व उसके बाद स्टेट लेवल की प्रतियोगिताएं होती हैं। स्टेट लेवल प्रतियोगिताओं में चयनित बच्चे नेशनल स्कूल गेम्स में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस सेशन में स्कूल नहीं खुले हैं। सितंबर में भी खुलने की संभावना बहुत कम है। यदि अक्टूबर में स्कूल खुलेंगे तो भी खेल के बजाए पढ़ाई पर फोकस होगा। माध्यमिक विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस बार खेलकूद सत्र शून्य हो सकता है। अभी तक नेशनल स्कूल गेम्स का भी कैलेंडर जारी नहीं हुआ है।
दो दर्जन खेलों की होती हैं प्रतियोगिताएं
क्लास 6 से 12वीं तक तीन आयु वर्ग में खेलकूद प्रतियोगिताएं होती हैं। यूपी बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूली बच्चे प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर सकते हैं। हॉकी, फु टबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, वॉलीबाल, खो-खो, कबड्डी जैसे टीम गेम के साथ बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, टीटी जैसे व्यक्तिगत खेलों की प्रतियोगिताएं विभाग कराता है। पदक विजेता खिलाड़ी अथवा टीमें मंडल, स्टेट तक खेलने जाती हैं। नेशनल स्कूल गेम्स में यूपी का प्रतिनिधित्व करने वाले बच्चों को शिक्षा विभाग किट भी मुहैया कराता है।