Sawan 2024: श्रावण मास भगवान शिव का पवित्र माह है। पुराणों में वर्णन है कि इस माह महादेव की आराधना से विशेष पुण्य का लाभ मिलता है। इस वर्ष श्रावण माह 29 दिनों का है जिसमें 5 सोमवार पड़ रहे हैं। पहला सोमवार 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। सावन में व्रत रखना अत्यंत शुभ माना गया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। श्रावण मास भगवान शिव का पवित्र माह है। पुराणों में वर्णन है कि इस माह महादेव की आराधना से विशेष पुण्य का लाभ मिलता है। इस वर्ष श्रावण माह 29 दिनों का है, जिसमें 5 सोमवार पड़ रहे हैं। पहला सोमवार 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। सावन में व्रत रखना अत्यंत शुभ माना गया है। वहीं, सावन को लेकर शिवालयों में तैयारियां तेज हो गईं है।रुद्राभिषेक का विशेष महत्व


श्रावण माह में शिव आराधना और शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। शिव पूजन में भगवान शिव को सर्वप्रथम जल धारा से स्नान कराकर पंचामृत स्नान एवं बृहद जलधारा स्नान कराकर भष्मादि लगाने के बाद भांग, बेल पत्र, सफेद कनेर का पुष्प, सफेद मदार का पुष्प, धतूरा, शमीपत्र, तुलसी मंजरी को विशेष रूप से चढ़ाकर पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद ओम नम: शिवाय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जप यथा संभव करना चाहिए। रुद्राभिषेक करने से कार्य की सिद्धि शीघ्र होती है।ग्रहोंं के पीड़ा से मुक्ति के उपाय- सूर्य से संबंधित कष्टों को दूर करने के लिए श्वेतार्क के पत्तों को पीस कर गंगाजल में मिलाकर रुद्राभिषेक करें।- चंद्रमा से संबंधित कष्ट या रोग हो तो काले तिल को पीस कर गंगाजल में मिलाकर अभिषेक करें।

- मंगल से संबंधित कष्ट या रोग हो तो अमृता के रस को गंगाजल में मिलाकर रुद्राभिषेक करें।- बुध जनित रोग या कष्ट हो तो विधारा के रस से अभिषेक करें।- गुरु जन्य कष्ट या रोग हो तो हल्दी मिश्रित गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।- शुक्र से संबंधित रोग एवं कष्ट हो तो गोदुग्ध के छाछ से रुद्राभिषेक करें।- शनि से संबंधित रोग या कष्ट होने पर शमी के पत्ते को पीस कर गंगाजल में मिलाकर शिव को अर्पित करें।- राहु जनित कष्ट व पीड़ा होने पर दूर्वा मिश्रित गंगा जल से अभिषेक करें।- केतु जनित कष्ट या रोग होने पर कुश की जड़ को पीसकर गंगाजल में मिश्रित करके रुद्राभिषेक करें।कैसे करें रुद्राभिषेक- धन की इच्छा पूर्ति के लिए स्फटिक के शिवलिंग पर गाय का दूध या गन्ने का रस अर्पित करें।- सुख समृद्धि की पूर्ति के लिए शिवलिंग पर गाय के दूध में चीनी और मेवा का घोल चढ़ाएं।- शत्रुओं के विनाश के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करें।- पुत्र प्राप्ति की मनोकामना के लिए मक्खन या घी से अभिषेक करें।- अभीष्ट की प्राप्ति को गाय के दूध से बने घी से अभिषेक करें।

- भूमि, भवन एवं वाहन की प्राप्ति के लिए शहद से अभिषेक करें।हरियाली का मिलेगा संदेशमनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरी ने बताया कि सावन में इस बार भक्तों को हरियाली को लेकर जागरुक किया जाएगा। जिसके तहत पौधा लगाने, उनकी सुरक्षा और खाद-पानी देने का काम किया जाएगा। इसके अलावा महादेव का विशेष श्रृंगार और प्रसाद वितरित किया जाएगा। मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सोमवार तड़के 4 बजे खोल दिए जाएंगे। वहीं, सदर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में रुद्राभिषेक का विशेष आयोजन किया जाएगा।इस बार सावन मास में पांच सोमवार हैं, जिससे यह मास बेहद शुभ है। रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।पं। राकेश पांडेय ज्योतिषाचार्य

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