तीन साल से राजधानी में रची जा रही थी खालिस्तान मूवमेंट 2.0 की स्क्रिप्ट
लखनऊ (ब्यूरो)। जिस वक्त पंजाब मेंं पूरी तरह शांति थी और देशवासियों व सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान कश्मीर में जारी आतंकवाद की ओर था, ठीक उसी वक्त पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर राजधानी में खालिस्तान मूवमेंट 2.0 की स्क्रिप्ट रची जा रही थी। ढाई साल पहले ऐशबाग के एक धार्मिक स्थल से दबोचे गए दो आतंकियों से उस वक्त इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं हासिल हो सकी लेकिन, पंजाब में दबोचे गए चार आतंकियों से पूछताछ में इसका खुलासा हो गया है। इस खुलासे के बाद यूपी एटीएस भी हरकत में आ गई है और इन आतंकियों के नेटवर्क की तलाश शुरू कर दी गई है। पश्चिमी यूपी और तराई के जिलों में खास निगरानी रखी जा रही है साथ ही साथ खुफिया विभाग को भी इन आतंकियों के मददगारों की तलाश में जुटाया गया है। ग्रंथी बन लखनऊ में रहा था आतंकी
पंजाब के तरनतारन में अरेस्ट किये गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकी बलवंत सिंह उर्फ निहंग को अगस्त 2017 में राजधानी के ऐशबाग स्थित एक छोटे से गुरुद्वारे से अरेस्ट किया गया था। उस वक्त बलवंत गुरुद्वारे में ग्रंथी बनकर रह रहा था। गहन पूछताछ में उसने अपने साथी जसवंत काला का नाम भी बताया था, जिसे यूपी एटीएस की टीम ने उन्नाव स्थित एक फार्म हाउस से अरेस्ट किया था। जसवंत राजस्थान में एक हत्या के मामले में भी वांछित था। हालांकि, उस वक्त पूछताछ में उससे किसी साजिश के बारे में कोई खास जानकारी नहीं उगलवा पाई थीं। पूछताछ के बाद ऑपरेशन चलाएगी एटीएससूत्रों ने बताया कि पंजाब पुलिस द्वारा अरेस्ट किये गए बलवंत सिंह उर्फ निहंग व उसके तीन साथियों से पूछताछ के लिये यूपी एटीएस की एक टीम पंजाब रवाना की गई है। यह टीम इन आतंकियों से जानकारियां हासिल कर लखनऊ स्थित हेडक्वार्टर भेजेगी, जिसके मुताबिक यहां मौजूद टीमें ऑपरेशन चलाएंगी। बलवंत का खुलासा - यूपी एटीएस के सूत्रों के अनुसार तरनतारन पुलिस कस्टडी में बलवंत ने बताया कि वह लखनऊ में आईएसआई के इशारे पर ही रहने गया था। - पाकिस्तान में रह रहे उसके हैंडलर रणजीत सिंह नीटा ने उसे लखनऊ में बेस बनाने का निर्देश दिया था।- पंजाब में अशांति फैलाने के लिये पहले नेपाल बॉर्डर से हथियार लाने की योजना थी। - सख्ती के चलते प्लान में बदलाव हुआ और ड्रोन के जरिए यह हथियार भारतीय सीमा में उतारे गए
- बलवंत ने बताया है कि लखनऊ में बेस बनाने की वजह साफ थी कि यहां रहकर वे पुलिस व खुफिया एजेंसियों की नजर में आने से बचे रह सकते थे- सूत्रों के मुताबिक, बलवंत ने पश्चिमी यूपी और तराई के जिलों लखीमपुर खीरी व पीलीभीत में भी नेटवर्क के बारे में जानकारियां दी हैं। - तसदीक के लिये यूपी एटीएस एक्टिव हो गई है। इस काम में इन जिलों की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट्स को भी जुटाया गया है। lucknow@inext.co.in