Kolkata Doctor Murder: कोलकाता में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना को लेकर देशभर के डॉक्टर्स में रोष है। राजधानी के बड़े मेडिकल संस्थानों में भी दूसरे दिन मंगलवार को रेजिडेंट्स द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया और ओपीडी सेवाएं ठप रखी गईं।


लखनऊ (ब्यूरो)। कोलकाता में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना को लेकर देशभर के डॉक्टर्स में रोष है। राजधानी के बड़े मेडिकल संस्थानों में भी दूसरे दिन मंगलवार को रेजिडेंट्स द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया और ओपीडी सेवाएं ठप रखी गईं। जिसके कारण मरीजों को ट्रीटमेंट से लेकर जांच और सर्जरी तक में परेशानी उठानी पड़ी। आलम यह रहा है कि केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई आदि में करीब 40 से अधिक सर्जरी को पोस्टपोन करना पड़ा। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं चालू रहीं। प्रदर्शन को देखते हुए संस्थान प्रशासन द्वारा विशेष योजना बनाई गई।मरीजों को हुई परेशानी


केजीएयमू में रेजिडेंट् डॉक्टर्स ओपीडी में पहुंचे और घटना को लेकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान उन्होंने वहां मरीजों को देख रहे डॉक्टर्स व फैकल्टी से भी प्रदर्शन में शामिल होने को कहा। रेजिडेंट सबसे पहले मेन गेट पर पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। जिसके कारण मरीजों को संस्थान में प्रवेश करने में समस्या होने लगी। मरीज ओपीडी में दिखाने के लिए संघर्ष करने लगे। वहीं, मरीज किसी तरह ओपीडी पहुंचे तो पता चला कि हड़ताल चल रही है। हालांकि, सीनियर फैकल्टी ओपीडी में बैठी हुई थी, जो मरीज देखने का काम कर रही थी। इसके बावजूद कई मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। हालांकि, प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि हड़ताल का अधिक असर नहीं पड़ा है। मंगलवार को 4938 मरीजों की ओपीडी हुई, जो सामान्य रही है। इसकी बड़ी वजह यहां पर सीनियर रेजिडेंट्स के साथ फैकल्टी की संख्या अधिक होना है। ओपीडी सेवा न तो प्रभावित हुई और न ही कोई सर्जरी टाली गई है। किसी मरीज को नहीं लौटाया गया।सेवाएं ठप करा दी गईंहड़ताल का सबसे ज्यादा असर लोहिया संस्थान में देखने को मिला। जहां रेजिडेंट्स द्वारा संस्थान के प्रशासनिक भवन के सामने धरना प्रदर्शन एवं नारेबाजी की गई। सुबह 11:30 बजे के बाद संस्थान की ओपीडी सेवाएं बाधित रही। परंतु भर्ती मरीजों को यथावत इलाज मुहाया कराया गया। संस्थान स्तर से इस परिस्थिति से निपटने को प्रोटोकॉल निर्गत कर दिया गया है। इसके तहत छुट्टी पर जाने वाले चिकित्सकों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। साथ ही नर्सेज को संकाय सदस्यों के साथ मिलकर भर्ती मरीजों की उचित देखभाल के लिए निर्देश दिए गए। इमरजेंसी ओटी पूरी तरह चलेगी। विभागाध्यक्षों को विभागीय समन्वय को निर्देशित किया गया है। प्रवक्ता डॉ। भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि हड़ताल की वजह से ओटी में25 केस हुए और 15 सर्जरी पोस्टपोन किये गये है।पीजीआई में मरीज हुए परेशान

संजय गांधी पीजीआई में भी हड़ताल का असर देखने को मिला। यहां मंगलवार को कोई भी नया मरीज नहीं देखा गया और न ही कोई रजिस्ट्रेशन किया गया। केवल पुराने पर्चे और जिनको मंगलवार का समय दिया गया था केवल उन्हीं मरीजों को देखने का काम किया गया। जिसके चलते करीब 500 से अधिक जांचें कम हुईं। वहीं, 20 से अधिक सर्जरी को टालना पड़ा। दूर-दराज से आये मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा।रेजिडेंट प्रतिनिधियों से वार्ता सकारात्मक रही है। प्रशासन अपने छात्रों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। रेजिडेंट ने राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों तक सांकेतिक विरोध करने का निर्णय लिया है। मरीजों को देखने में किसी प्रकार को व्यवधान उत्पन्न नहीं किया जाएगा।-डॉ। बीके ओझा, सीएमएस, केजीएमयूप्रदर्शन के चलते ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुई हैं। वहीं, 15 सर्जरी को पोस्टपोन करना पड़ा। हालांकि, डॉक्टर्स की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है ताकि मरीजों को कोई समस्या न हो।-डॉ। भुवन चंद्र तिवारी, प्रवक्ता, लोहिया संस्थानबोले मरीजपत्नी को दिखाने आये हैं, लेकिन पता चला कि हड़ताल है। आज नहीं दिखा पाएंगे। तबसे परेशान होकर घूम रहे हैं। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें।-मनोज

कुशीनगर से आये हैं, लेकिन यहां आकर पता चला कि हड़ताल है। बड़ी दिक्कत हो रही है। जांच नहीं होने से समस्या हो रही है।-अनीस अंसारी

Posted By: Inextlive