एलडीए प्रशासन के पास कई शिकायतें पहुंची हैैं जिसके माध्यम से यह जानकारी मिली है कि कई ऐसे आवासीय निर्माण हैैं जिसमें नक्शों के विपरीत निर्माण चल रहा है।

लखनऊ (ब्यूरो)। सील निर्माणों में फिर से निर्माण कराए जाने संबंधी मामले सामने आने के बाद एलडीए प्रशासन की ओर से नए सिरे से आवासीय निर्माणों के नक्शों की जांच कराए जाने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में करीब 100 निर्माणाधीन साइट्स चिन्हित की गई हैैं, जिनकी जांच कराई जाएगी। एक तरफ जहां एलडीए की ओर से कॉमर्शियल निर्माणों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ आवासीय निर्माणों की तरफ भी फोकस कर दिया गया है।

अपार्टमेंट्स में मिला है खेल
एलडीए प्रशासन के पास कई शिकायतें पहुंची हैैं, जिसके माध्यम से यह जानकारी मिली है कि कई ऐसे आवासीय निर्माण हैैं, जिसमें नक्शों के विपरीत निर्माण चल रहा है। इतना ही नहीं, इसमें से कई ऐसे भी निर्माण हैैं, जिन्हें पूर्व में सील किया जा चुका है, लेकिन उनमें चोरी छिपे ढंग से निर्माण चल रहा है। पिछले एक महीने की बात करें तो एलडीए की ओर से तीन से चार ऐसे निर्माणाधीन अपार्टमेंट्स को दोबारा सील किया गया है, जिन्हें पूर्व में सील किया जा चुका है लेकिन उनमें निर्माण चल रहा था। कहीं न कहीं इसके पीछे प्राधिकरण के कर्मचारियों की भी लापरवाही सामने आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ही एलडीए प्रशासन की ओर से निर्माणाधीन साइट्स खासकर जो पूर्व में सील हो चुकी हैैं, उनकी स्टेटस रिपोर्ट तैयार कराए जाने का फैसला लिया है। जिससे पता लगाया जा सके कि कितने ऐसे निर्माण हैैं, जिन्हें सील किए जाने के बावजूद निर्माण का कार्य चल रहा है। अगर कोई ऐसा निर्माण सामने आता है तो तत्काल प्रभाव से उसे फिर से सील किया जाएगा।

नक्शों की तैयार होगी रिपोर्ट
पिछले एक या दो साल में जितने भी आवासीय या कॉमर्शियल नक्शे प्राधिकरण से स्वीकृत किए गए हैैं, उनकी अलग से रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। इनमें रो-हाउसेस भी शामिल हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि रो-हाउसेस से जुड़े करीब 70 फीसदी प्रोजेक्ट्स का नक्शा पास ही नहीं कराया जाता है और धड़ल्ले से निर्माण कराया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए ही एलडीए की ओर से इनकी भी कुंडली तैयार कराई जा रही है और उनके खिलाफ सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी तेज कर दी गई है।

वीसी खुद करेंगे समीक्षा
नियमों को ताक पर रखकर कराए जा रहे निर्माणों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई की समीक्षा खुद वीसी स्तर से की जाएगी। वीसी की ओर से निर्देश दिए गए हैैं कि हर सप्ताह या हर 15वें दिन वे खुद जोनवार देखेंगे कि कितने अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो संबंधित अधिकारियों से सवाल जवाब किए जाएंगे। वीसी ने निर्देश दिए हैैं कि हर दिन जोनवार अभियान चलाकर अवैध निर्माण चिन्हित किए जाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिससे अवैध निर्माणों की समस्या को समाप्त किया जा सके।

फाइलों की भी जांच
एलडीए की योजनाओं में जो भी अवैध निर्माण सामने आए हैैं, उनकी तह तक पहुंचने के लिए भी कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए योजना से जुड़ी फाइलों की जांच कराई जा रही है साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि रजिस्ट्री से लेकर गवाही तक कौन कौन लोग मौजूद रहे। यह कदम मुख्य रूप से टीपी नगर योजना, गोमतीनगर योजना, गोमती नगर विस्तार योजना और जानकीपुरम योजना में उठाए जा रहे हैैं। दरअसल, इन योजनाओं में भी अवैध कब्जों के ज्यादातर मामले सामने आए हैैं और वो भी प्राधिकरण की जमीनों पर। कई मामले ऐसे भी सामने आए हैैं, जिसमें प्राधिकरण के भूखंडों की ही फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी गई है। हाल में ही नदी की जमीन मामले को लेकर भी जांच समिति ने अपनी जांच तेज कर दी है और देखा जा रहा है कि कौन-कौन लोग इस फर्जीवाड़े से जुड़े हुए हैैं। इसके बाद उन लोगों पर शिकंजा कसा जाने की तैयारी है।

अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से अभियान चलवाया जा रहा है। नक्शों की भी जांच कराई जा रही है।
डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए

Posted By: Inextlive