लखनऊ की जनता की राय, नकली दवा देने वालों पर लगे एनएसए
लखनऊ (ब्यूरो)। नकली दवा का कारोबार लगातार फैलता जा रहा है। जिसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। अधिकारियों द्वारा लगातार नकली दवा पकड़ी जा रही है। पर इसके बावजूद इनके मुख्य सरगना पकड़ से दूर है। इसी समस्या को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा नकली दवा के गोरखधंधे और इसके साइड इफेक्ट को लेकर बड़े लेवल पर 'फेक ड्रग, रियल थ्रेट' नाम से अभियान चलाया जा रहा है। नकली दवा का कारोबार कैसे फलफूल रहा है, इसके बारे में विस्तार से बताया गया।लोगों की मिल रही प्रतिक्रियादैनिक जागरण आईनेक्स्ट के नकली दवा के खिलाफ चले अभियान में बड़ी संख्या में रीडर्स और सोशल मीडिया यूजर्स के कमेंट्स मिले। यूजर्स अपने सुझाव, कौन असल जिम्मेदार है और उनपर क्या कार्यवाही होनी चाहिए, इसके बारे में लिख रहे हैं।सख्त एक्शन होना चाहिए
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की नकली दवा के खिलाफ मुहिम को लेकर यूजर विवेक शर्मा के मुताबिक, यदि कोई गुनहगार है तो बिना किसी दबाव व प्रभाव के एनएसए लगाना चाहिए। तभी नकली दवा का गोरखधंधा करने वालों में डर बैठेगा। वहीं, सूरज कश्यप भी एनएसए लगाने की बात कहते हैं। एक अन्य रीडर अशोक कुमार के मुताबिक, नकली दवा का कारोबार करने वालों पर एनएसए लगना ही चाहिए। साथ ही समय-समय पर दवाओं की जांच करना भी आवश्यक है। इसमें राजनैतिक पार्टिया भी दोषी हैं।नॉन फार्मेसिस्ट नकली दवा का बड़ा कारणप्रियांशु गुप्ता लिखते हंै कि आम जनता को वहीं से दवा लेनी चाहिए जहां पर फार्मेसिस्ट मौजूद हो। हर ब्लॉक स्तर पर कम से कम दो ड्रग इंस्पेक्टर होने चाहिए। दवाओं पर बार कोड का सख्ती से पालन हो। वहीं, नकली दवा के कारोबार का सबसे बड़ा कारण नॉन फार्मेसिस्ट लोगों का इसमें शामिल होना है। ऐसे में, दवा बनाने से लेकर उसकी बिक्री तक में फार्मेसिस्ट का होना बेहद जरूरी है।ड्रग इंस्पेक्टर के पद बढ़ाने की जरूरत
अभिलाष कुमार सुझाव देते हैं कि ड्रग्स कंट्रोल विभाग नकली दवा को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठा रहा है। क्योंकि उनके पास कार्यवाही करने के लिए ड्रग्स इंस्पेक्टर की कमी है। एक ड्रग इंस्पेक्टर पर करीब 8 हजार दवा दुकानों का बोझ है। नियमानुसार हर साल हर दुकान का निरीक्षण जरूरी है। पर एक के लिए यह मुमकिन नहीं है। ऐसे में ड्रग इंस्पेक्टर के पदों की संख्या को बढ़ाना चाहिए। साथ ही सैंपलिंग लेने की संख्या को भी बढ़ाना चाहिए। वहीं, बलराम सुझाव देते हैं कि नकली दवा के लिए जो कानून व्यवस्था है, वह बहुत लचीला है। इसे और सख्त होना चाहिए, क्योंकि यह जिंदगी और मौत का मामला है।सिस्टम को मजबूत करने की जरूरतसुनील कुमार यादव सुझाव देते हैं कि ड्रग एनफोर्समेंट सिस्टम को सुदृढ़ करने की जरूरत है। जिसके लिए अधिक मैन पॉवर के साथ सख्त कार्यवाही करने का अधिकार भी हो। साथ ही सभी दवा दुकानों पर फार्मेसिस्ट होने का नियम का सख्ती से पालन करवाया जाये। वहीं, सभी दवाओं पर बार कोड लगाने की मुहिम अच्छी है, जबकि मालिनी मिश्रा भी एनएसए लगाने का सुझाव देती हैं।