जुलूस के दौरान या हुसैन...या अब्बास...या सकीना...की आवाजें गूंज रहीं थीं। जुलूस के रास्ते जगह जगह सबील का इंतजाम किया गया था। रास्ते भर अजादार जुलूस का इंतजार करते नजर आए। जुलूस आते ही अजादारों ने अलम पर फूलों के सेहरे व हार चढ़ाकर अपनी मन्नतें मनाई।


लखनऊ (ब्यूरो)। मोहर्रम की नवीं तारीख को शबे आशूर के मौके पर शुक्रवार को इमामबाड़ा नाजिम साहब से दरगाह हजरत अब्बास तक जुलूस-ए-शब-ए-आशूर निकाला गया। जुलूस में हजारों अकीदतमंद शामिल हुए और कर्बला के शहीदों का गम मनाया।अजादारों की आंखें नमअलम जैसे ही इमामबाड़े से बाहर निकला, अजादारों के हाथ अलम को चूमने के लिए बढ़ने लगे। अलम की जियारत होते ही अजादारों की आंखें अश्कबार हो गईं। जुलूस के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। काले कपड़ों में अलम के आगे अलम-ए-शबे आशूर लिखा बैनर लिए लोग और हरे काले झंडों में या हुसैन या अब्बास के झंडे हवा में लहरा रहे थे। जुलूस में अजादार जगह-जगह रुक कर सीनाजनी करते रहे।या अब्बासया सकीना
जुलूस के दौरान या हुसैनया अब्बासया सकीनाकी आवाजें गूंज रहीं थीं। जुलूस के रास्ते जगह जगह सबील का इंतजाम किया गया था। रास्ते भर अजादार जुलूस का इंतजार करते नजर आए। जुलूस आते ही अजादारों ने अलम पर फूलों के सेहरे व हार चढ़ाकर अपनी मन्नतें मनाई। जुलूस विक्टूरिया स्ट्रीट से शुरू हुआ और अलग अलग रास्तों से हजरत अब्बास पहुंचा। जुलूस से पूर्व मौलाना कल्बे जव्वाद ने मजलिस को खिताब किया।मजलिसे शामे गरीबा आज


इमामबाड़ा गुफ्रामंआग चौक में शनिवार को एतिहासिक शाम-ए-गरीबा की मजलिस को मौलाना कल्बे जव्वाद रात 8.30 बजे खिताब करेंगेे। मजलिस के बाद अंजुमन शामे गरीबा नौहाख्वानी करेंगेे।यौमे आशूर का जुलूस आजयौमे आशूर के मौके पर शनिवार को आशूर का जुलूस विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित नाजिम साहब के इमामबाड़े से निकाला जाएगा। सुबह 10 बजे जुलूस से पहले होने वाली मजलिस को मौलाना फरीदुल हसन खिताब करेंगे। इसके बाद जुलूस निकाला जाएगा। जुलूस में शहर की तमाम मातमी अंजुमनें अपने अलम के साथ नौहाख्वानी व सीनाजनी करते हुए शामिल होगी। इमामबाड़े से निकलकर जुलूस कर्बला तालकटोरा जाएगा।

Posted By: Inextlive