तैयारियां हुईं मुकम्मल, आज है अलविदा की नमाज
लखनऊ (ब्यूरो)। रमजान का पवित्र महीना पूरा होने वाला है। खुदा पाक के करम से आज 27 रोजे पूरे हो गए। आज इस माह का पवित्र आखिरी जुमा है। मुसलमान इस अलविदायी जुमे की नमाज का बहुत एहतिमाम करते हैं। जामा मस्जिद ईदगाह और शहर की अन्य मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी हो गयी हैं।इस बार कुछ विशेष दुआयें करें
इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने मुसलमानों को रोजों की मुबारकबाद देते हुए कहा कि आज कल गर्मी बहुत सख्त है। बीमारियों का खतरा भी है। इस लिए रोजेदार अपनी इबादतों में विशेष कर अलविदा की नमाज में मौसम की खुशगवारी और बीमारियों से बचाव की विशेष दुआयें करें। इबादतों को अंजाम देने में और अधिक दिल लगायें। जकात अदा करने का विशेष एहतिमाम करें। उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द सदका फित्र अदा करें ताकि गरीब भी ईद की इस खुशी में हमारे साथ शरीक हो सकें।12:45 पर अदा की जाएगी नमाजमौलाना ने आगे कहा कि ईदगाह में अलविदा की नमाज के लिए तैयारियां पूरी हो गयी हैं। ईदगाह में नमाजियों का इंतजार है। ईदगाह में अलविदा की नमाज 12:45 पर अदा की जायेगी।सुन्नी सवाल-जवाब
सवाल: अगर ईद की नमाज से पहले जकात नहीं अदा की तो क्या हुक्म है?जवाब: कोई बात नहीं है। जकात के लिए जरूरी है कि जिस तारीख को उसके निसाब का साल पूरा हो उस तारीख को अदा करना चाहिए।सवाल: सदका फित्र एक आदमी का एक ही गरीब को दें या कई गरीबों को दे सकते हैं?जवाब: सदका फित्र एक आदमी का एक ही गरीब को देना बेहतर है।सवाल: अगर किसी की तरावीह छूट जाए तो क्या वह तरावीह की कजा पढ़ेगा?जवाब: तरावीह की कजा नहीं है।सवाल: समय से पहले दी हुई अजान सही होगी या नहीं।जवाब: अगर समय से पहले अजान दी गयी है तो समय आने के बाद दोबारा अजान देनी होगी।सवाल: अगर कोई नाबालिग लड़का रोजा रख कर या नमाज की नियत बांध कर तोड़ दे तो किया उसका दोहराना वाजिब है?जवाब: अगर रोजा रख कर तोड़ दिया तो उसकी कजा नहीं, लेकिन नमाज की नियत बांध कर तोड़ दे तो उसको दोहराना जरूरी है।शिया सवाल-जवाबसवाल: क्या फितरा निकालते समय नियत करना आवष्यक है?जवाब: फितरा देते समय मनुष्य को चाहिए कि नियत करे कि अल्लाह तआला के आदेश की पूर्ति करते हुए फितरा निकाल रहा हूं।
सवाल: ईद के दिन कौन से आमाल करना अनिवार्य है?जवाब: ईद के दिन नमाजे सुबह के बाद तकबीरात का अलाप करेें, फितरा निकालें, स्वच्छ वस्त्र पहनें, खुशबु लगाएं, नमाजे ईद के बाद मीठी चीज से अफ्तार करें, जियारते इमामे हुसैन अ.स। पढ़ें, दुआ, नुदबा पढ़ें और अधिक जानकारी के लिए अन्य पुस्तकों में देखें।सवाल: क्या फितरे के पैसे को अच्छे कार्य करने वाले संस्थान को दिया जा सकता है?जवाब: फितरे के पैसे को जल्द से जल्द गरीब को देना चाहिए ताकि गरीब ईद मना सके लेकिन संस्थान को देना मना नहीं है।सवाल: क्या ईद के दिन कारोबार किया जा सकता है?जवाब: ईद के दिन कारोबार करने में कोई रुकावट नहीं है।सवाल: क्या एक व्यक्ति अपना फितरा दो व्यक्तियों में बांट कर दे सकता है?जवाब: एहतियाते वाजिब के अनुसार एक गरीब को एक फितरे से कम ना दिया जाए लेकिन अगर अधिक दे दिया जाए तो कोई बात नहीं है।