Lucknow News: 11 से 17 जनवरी तक रोड सेफ्टी वीक मनाया जा रहा है। इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को जागरूक किया जाना है। पर राजधानी में यातायात विभाग और परिवहन विभाग वाहन चालकों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में जागरूक करते दिखाई नहीं दे रहा है।


लखनऊ (ब्यूरो)। इस बात में कोई शक नहीं है कि आजकल की तेज भागती दुनिया में गाड़ियां लोगों का काम आसान करने में काफी मददगार साबित होती हैं। यही वजह है कि आजकल घरों में एक-दो गाड़ियां होना आम बात हो गई है। शहर में तेजी से बढ़ रही वाहनों की संख्या से ट्रैफिक जाम रूपी समस्या भी खड़ी हो रही है। जल्दबाजी के चक्कर में लोग अकसर ट्रैफिक रूल्स तोड़ने से भी नहीं कतराते। इसकी वजह से कभी वे अपनी, तो कभी दूसरों की जान के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं। पढ़ें इस अहम मुद्दे पर 'मसला-ए-जिंदगी' अभियान के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की स्पेशल रिपोर्ट5 लाख से अधिक कार व बाइक रजिस्टर्ड


11 से 17 जनवरी तक रोड सेफ्टी वीक मनाया जा रहा है। इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को जागरूक किया जाना है। पर राजधानी में यातायात विभाग और परिवहन विभाग वाहन चालकों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में जागरूक करते दिखाई नहीं दे रहा है। परिवहन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि शहर में अबतक पांच लाख से अधिक गाड़ियां रजिस्टर्ड हो चुकी हैं, जिनमें बाइक, स्कूटर समेत अन्य टू-व्हीलर और कार व अन्य फोर व्हीलर शामिल हैं।70 हजार से अधिक बाहरी गाड़ियां

आंकड़ों के मुताबिक, एक साल में 70 हजार से अधिक नई गाड़ियां सड़कों पर उतरी हैं, वहीं रोजाना 50 से 70 हजार गाड़ियां दूसरे जिलों से आकर लखनऊ से गुजरती हैं। वाहनों के बढ़ते प्रेशर के बाद भी ट्रैफिक मैनेजमेंट में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। राजधानी का भी लगातार विस्तार हो रहा है, बावजूद इसके ट्रैफिक पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। बता दें कि शहर में 520 से अधिक चौराहे हैं, लेकिन ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए महज 200 से 250 पुलिसकर्मी की ही ड्यूटी लगाई जाती है। जिसकी वजह से जाम का झाम दिनभर बना रहता है।बाइक वाले तोड़े रहे सबसे ज्यादा नियमसड़क हादसे कंट्रोल करने और ट्रैफिक नियमों का वायलेशन करने वालों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस से लेकर थाना पुलिस जगह-जगह वाहनों का चालान काटती है। ट्रैफिक पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2023 में सबसे ज्यादा बाइक और स्कूटर चालकों ने ट्रैफिक रूल्स तोड़े, जिसमें सबसे ज्यादा विदआउट हेलमेट गाड़ी चलाने के चालान काटे गए। यह आंकड़ा 2.05 लाख था, जो पिछले तीन सालों के मुकाबले सबसे अधिक है।सिर्फ चालान पर निर्भर पुलिस

शहर में आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं, जिनकी बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग, रांग साइड ड्राइविंग, नो पार्किंग, ओवरटेक, ड्राइव करते समय मोबाइल पर बात करना, विदआउट हेलमेट, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना आदि होते हैं। ट्रैफिक पुलिस सड़क हादसों पर कंट्रोल पाने के लिए सिर्फ चालान पर निर्भर रहती है। हर साल लाखों की संख्या में पुलिस चालान भी काटती है। बावजूद इसके ट्रैफिक वायलेशन कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, कुछ खास मौकों पर ही ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों को रूल्स के बारे में अवेयर करती है।यूथ उड़ा रहे नियमों की धज्जियांपुलिस अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा ट्रैफिक रूल्स युवा तोड़ते हैं। कई बार तो स्कूली बच्चे स्कूटर चलाते पाए जाते हैं, जो बिना हेलमेट या फिर ट्रिपलिंग करके वाहन चलाते हैं। पेरेंट्स को भी इसके बारे में सोचना चाहिए।कुल वाहनों की संख्या5,09,2952023 के आंकड़े- 60,868 पिछले साल रजिस्टर्ड हुए वाहन - 44,772 पिछले साल टू व्हीलर हुए रजिस्टर्ड - 16,081 पिछले साल फोर व्हीलर हुए रजिस्टर्ड2024 के आंकड़े- 1008 वाहन रजिस्टर्डकिन-किन वायलेशन में कितने चालानवायलेशन चालान
विदआउट हेलमेट 2,00,205ओवरस्पीड 70,050रांग साइड 63,076नो पार्किंग 65,000सीट बेल्ट 45,267यातायात उल्लंघन 48,007ट्रिपलिंग 25,977नो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 3,007पब्लिक ओपीनियन
शहर में आए दिन ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है। हर जगह बस गाड़ियां ही गाड़ियां नजर आती हैं। अगर ट्रैफिक सिस्टम को प्रॉपर फालो करवाया जाए, तो जाम से निजात मिल सकती है।सुधीर कुमारबाइक चालक दाएं बाएं कहीं से भी घुस जाते हैं, जिसकी वजह से सड़क हादसों का खतरा मंडराता है। ऐसे लापरवाह बाइक चालकों पर लगाम लगने की जरूरत है, ताकि इनपर कंट्रोल पाया जा सके।बादलसबसे बड़ी समस्या वाहन चालकों के शार्टकट लेने की वजह से होती है। वे बिना देखे कहीं भी अपने वाहनों को मोड़ देते हैं। जिसकी वजह से पीछे से आने वाले वाहनों के लिए एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है।आकाशदीपपुलिस अक्सर चालान काटकर ट्रैफिक नियमों का पालना करवाती है। पुलिस विभाग को इसे लेकर एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए, ताकि लखनवाइट्स को जाम की समस्या से निजात मिल सके।रितेश

Posted By: Inextlive