अस्पताल में बर्न वार्ड के ठीक सामने ऑक्सीजन प्लांट है। दोपहर करीब 12 बजे अचानक इसमें रिसाव शुरू हो गया और तेज आवाज आने लगी। वहां खड़े कर्मचारी मौके पर पहुंचे और लोगों को वहां से हटाने लगे। अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।


लखनऊ (ब्यूरो)। सिविल अस्पताल में शुक्रवार सुबह अचानक ऑक्सीजन प्लांट में रिसाव होने से हड़कंप मच गया। वहां भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। अस्पताल प्रशासन द्वारा पूरे अस्पताल की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई ताकि किसी हादसे को रोका जा सके। वहीं, रिसाव होने से ओपीडी से लेकर पर्चा व दवा काउंटर तक पर खड़े मरीज, तीमारदार भागने लगे। मौके पर पहुंचे फायर पुलिसकर्मियों ने ऑक्सीजन प्लांट की जांच की। अधिकारियों के मुताबिक समस्या को ठीक करा लिया गया है।मच गई भगदड़, काम हुआ प्रभावित


अस्पताल में बर्न वार्ड के ठीक सामने ऑक्सीजन प्लांट है। दोपहर करीब 12 बजे अचानक इसमें रिसाव शुरू हो गया और तेज आवाज आने लगी। वहां खड़े कर्मचारी मौके पर पहुंचे और लोगों को वहां से हटाने लगे। अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। जिसके तुरंत बाद पूरे अस्पताल की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई। जिससे वहां अंधेरा हो गया। अचानक अंधेरा होने से लोग बाहर को भागने लगे। वहीं, रजिस्ट्रेशन और दवा काउंटर पर लाइन में लगे लोग भी डर के चलते भागने लगे। इसी दौरान प्लांट पर तैनात कर्मचारी की सूझबूझ से उसने तुरंत ही मुख्य वॉल्व के नोजल में लगी पाइप बांध दिया, जिससे रिसाव रुक गया। करीब आधा घंटा अफरातफरी के माहौल के बीच कामकाज प्रभावित रहा।

ऑक्सीजन प्लांट में रिसाव हुआ था। उस प्लांट को तुरंत बंद करवा दिया गया था। दूसरे प्लांट से अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति जारी रही। सायरेक्स कंपनी के कर्मचारियों ने पहुंचकर प्लांट में खराब हुए रबर के पाइप को बदल दिया। लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई। - डॉ। राजेश कुमार श्रीवास्तव, सीएमएस, सिविल अस्पताल**************************************************लोहिया में संविदा कर्मचारियों के वेतन में कटौती

लोहिया संस्थान में सैकड़ों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन से जबरन कटौती का मामला सामने आया है। कर्मचारियों का आरोप है कि बीते दो माह से कंपनी द्वारा 500 से हजार रुपये तक की मनमानी कटौती की गई है। मामले को लेकर संस्थान प्रशासन से भी शिकायत की गई, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा का आरोप है कि वेतन महीने की सात तारीख तक मिल जाता था। पर सेवा प्रदाता कंपनी 15 तारीख के बाद वेतन दे रही है। अगस्त में 500 रुपए और जुलाई में 1000 रुपए की कटौती कर ली गई थी। शिकायत के बाद भी कटौती की रकम लौटाने को कंपनी तैयार नहीं है। जिसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने सीएमएस डॉ। एके सिंह से मिलकर आपबीती सुनाई। कर्मचारियों के मुताबिक, समय पर वेतन का भुगतान व कटौती पर अंकुश नहीं लगा तो आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

Posted By: Inextlive