राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर मंगलवार को शहर के वैज्ञानिक संस्थानों विश्वविद्यालयों कॉलेजों और स्कूलों में कई कार्यक्रम हुए।


लखनऊ (ब्यूरो)। नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन के 'रमन प्रभाव' की खोज करने के कारण वर्ष 1928 से हर वर्ष भारत में विज्ञान एवं शोध को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर मंगलवार को शहर के वैज्ञानिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों में कई कार्यक्रम हुए। सीएसआईआर की चारों लैबों सीमैप, एनबीआरआई, आईआईटीआर और सीडीआरआई में विशेष व्याख्यान हुए। एलयू समेत कई कॉलेजों में ओपन डे, साइंस प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।एनबीआरआई में स्मृति व्याख्यान


सीएसआईआर-एनबीआरआई में पद्म भूषण डॉ। राजेंद्र सिंह परोदा, संस्थापक अध्यक्ष, ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, नई दिल्ली ने हमारी कृषि जैव विविधता का प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कृषि जैव विविधिता हमारी जैव विविधिता का एक जरूरी अंग हैं, इसमें मुख्यत: फसली किस्में, मवेशी, घरेलू फसलें, मिट्टी व उसका आंतरिक पर्यावरण शामिल है। पृथ्वी की अगर हम कुल जैव विविधिता को देखें तो अभी तक सिर्फ 10 प्रतिशत प्रजातियां ही ज्ञात हैं।विज्ञान ने साबित की अपनी सर्वोच्चता

वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान की थीम के तहत सीडीआरआई में विशेष व्याख्यान हुआ। इस दौरान सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के विशिष्ट प्रोफेसर व सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक एवं डीएसआईआर, भारत सरकार के पूर्व सचिव, डॉ। शेखर सी। मांडे मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम व उसके पश्चात वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों की भूमिका विषय पर व्याख्यान दिया।सीमैप ने भी मनायाकेन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) लखनऊ आम जनता सहित विद्यार्थियों के लिए खुला रहा। इस मौके पर लगभग 400 से भी अधिक स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इन विद्यार्थियों को संस्थान की प्रयोगशालाओं जैसे पायलट प्लांट फैसिलिटी, वर्मीकम्पोस्ट इकाई, आसवन इकाई, एक्स्प्रेश्न, सेंट्रल फैसिलिटी, टिशू कल्चर लैब, एलसीएमएस लैब प्रक्षेत्र व मानव गार्डेन का भ्रमण कराया गया। संस्थान में वैज्ञानिकों ने शोध कार्यों के बारे मे विद्यार्थियों को जानकारी दी।एलयू में मनाया गया साइंस डेएलयू के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय ने 'नैनोटेक्नोलॉजी में संभावनाएं और वैश्विक कल्याण के लिए इसके अनुप्रयोगÓ पर एक विशेष व्याख्यान कराया। भौतिक विज्ञान संस्थान, भुवनेश्वर की प्रो। शिखा वर्मा इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और वक्ता रहीं। उन्होंने सोलर सेल और शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने की भारत की महत्वाकांक्षा के बारे में भी बात की। व्याख्यान में भाग लेने वाले छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का प्रो। शिखा ने जवाब दिया।एकेटीयू फार्मेसी संकाय में हुआ आयोजन

एकेटीयू में इसी वर्ष से प्रारम्भ हुए फैकल्टी ऑफ फार्मेसी द्वारा जानकीपुरम स्थित परिसर में छात्रों की विज्ञान के मॉडल्स एवं क्विज प्रतियोगिता हुई। फार्मेसी संकाय के एसोसिएट डीन प्रोफेसर आकाश वेद ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। एकेटीयू के प्रतिकुलपति प्रो। मनीष कुमार गौड़ ने छात्रों को फार्मेसी पाठ्यक्रम में उज्जवल भविष्य के लिए लगन और शोध की अभिरुचि के साथ खुद को तैयार करने को कहा।इरम कॉलेज ने विज्ञान प्रदर्शनी लगीइरम गल्र्स डिग्री कॉलेज में मंगलवार को विज्ञान प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में छात्रों ने सुंदर विज्ञान मॉडल और चार्ट प्रदर्शित किए। इस कार्यक्रम में प्रबंधक डॉ। बज्मी यूनुस, इरम एजुकेशनल सोसाइटी के सचिव ख्वाजा सैयद सैफी यूनुस, प्रिंसिपल सहेर सुल्तान आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive