पीजीआई-लखनऊ में बढ़ेगी माड्यूलर ओटी की संख्या, घटेगी सर्जरी की वेटिंग
लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई में जल्द ही ऑपरेशन थियेटर (ओटी) की संख्या बढ़ने वाली है, जिससे न केवल सर्जरी की संख्या में बढ़ावा हो सकेगा बल्कि सर्जरी का इंतजार कर रहे मरीजों की वेटिंग की संख्या में भी कमी आयेगी। जिससे सर्जरी का इंतजार कर रहे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। निदेशक के मुताबिक, संस्थान में ओटी की संख्या बढ़कर 51 हो जाएगी। ये सभी माड्यूलर ओटी होंगी।बढ़ेगी ओटी की संख्या
पीजीआई में रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज आते हैं। वहीं, संस्थान में रोजाना दर्जनों सर्जरी होती हैं। पर इसके बावजूद मरीजों को सर्जरी के लिए कई-कई महीनों तक की वेटिंग मिल रही है। खासतौर पर गैस्ट्रो सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, सीवीटीएस, नेफ्रोलॉजी समेत कई विभागों में लंबी वेटिंग चल रही है। इसी को देखते हुए संस्थान प्रशासन लगातार ओटी की संख्या बढ़ाने की दिशा मेें काम कर रहा है। वहीं, प्रदेश सरकार ने बजट में संस्थान को अपग्रेडेशन के लिए करीब 90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। 27 करोड़ से बनेंगी नई ओटी
निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि सरकार द्वारा मेडिकल के क्षेत्र में काफी खर्च किया जा रहा है। बजट में संस्थान को बड़ा हिस्सा दिया गया है। अभी संस्थान में करीब 42 ओटी संचालित हो रही हैं। इसको बढ़ाकर 51 करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए करीब 27 करोड़ से ओटी अपग्रेड करेंगे, जिससे संस्थान में ओटी की संख्या बढ़ने से सर्जरी की संख्या भी बढ़ेगी। इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा।रोबोटिक के लिए अलग ओटीनिदेशक प्रो। धीमन ने बताया कि इसके अलावा संस्थान में तीन रोबोटिक मशीन लाने की तैयारी चल रही है। जिसमें एक रोबोटिक ओटी पूरी तरह से सीवीटीएस डेडिकेटेड रहेगी और बाकी दो ओटी में अन्य चार विभागों की सर्जरी संचालित होगी। जिससे रोबोटिक सर्जरी को भी बढ़ावा मिलेगा। हमारा लक्ष्य साल में करीब हजार रोबोटिक सर्जरी करने का है, ताकि मरीजों को उन्नत ट्रीटमेंट दिया जा सके।माड्यूलर होंगी सभी ओटीसंस्थान में जो नई ओटी बनेंगी वे सभी मॉड्यूलर होंगी और पूरी तरह से इंटरनेशनल लेवल होंगी। इनमें आधुनिक उपकरण लगे होंगे। डॉक्टर को सर्जरी करने में भी आसानी होगी।करीब 27 करोड़ के बजट से ओटी को अपग्रेड किया जाएगा, जिसके बाद संस्थान में 51 ओटी हो जाएंगी। इससे सर्जरी की संख्या में इजाफा होगा, जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा।-प्रो। आरके धीमन, निदेशक, संजय गांधी पीजीआई