इससे पहले भी नगर निगम ने 27 जून 2018 को हवाई अड्डे से हर उड़ान पर तीन हजार और प्रति यात्री सौ रुपये कर वसूलने का निर्णय लिया था और उसे शासन भेजा गया था लेकिन शासन से हरी झंडी न मिलने और सदन के निर्णय की छह माह की वैधता अवधि खत्म हो गई थी जिससे नियमावली नहीं बन पाई थी।


लखनऊ (ब्यूरो)। महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता वाली नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक में एक बार फिर से हर उड़ान और प्रति यात्री को टैक्स के दायरे में लाने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। जो प्रस्ताव पास हुआ है, उससे साफ है कि हर उड़ान पर तीन हजार और प्रति यात्री 100 रुपये टैक्स वसूला जाएगा। अब इस प्रस्ताव को सदन में लाया जाएगा, फिर नियमावली बनाने के लिए शासन को भेजा जाएगा। यह कर उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 172 (ग) के तहत वसूला जाएगा। वर्ष 2006 में अधिनियम की धारा में संशोधन कर लगाने को लेकर नगर निगमों के अधिकार क्षेत्रों में वृद्धि की गई थी। इससे पहले भी नगर निगम ने 27 जून 2018 को हवाई अड्डे से हर उड़ान पर तीन हजार और प्रति यात्री सौ रुपये कर वसूलने का निर्णय लिया था और उसे शासन भेजा गया था, लेकिन शासन से हरी झंडी न मिलने और सदन के निर्णय की छह माह की वैधता अवधि खत्म हो गई थी, जिससे नियमावली नहीं बन पाई थी।यह था प्रस्ताव


उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 172 (ग) में हेलीपैड, हवाई अड्डे और हवाई पट्टियों पर कर लगाए जाने का प्रविधान है। इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए और उसके तथा भारत में संविधान के अनुच्छेद 285 के उपबंधों के अधीन रहते हुए निम्नलिखित कर लगाएगी। हेलीकाप्टरों अथवा अन्य प्रकार के यानों पर, जब वे निगम क्षेत्र के भीतर स्थित हेलीपैडों हवाई अड्डों और हवाई पट्टियों या इस निमित निर्मित स्थलों पर उतरते अथवा उड़ान भरते हों, इस प्रकार अधिरोपित कर का भुगतान, विमान पत्तन प्राधिकरण अथवा हवाई अड्डों हवाई पट्टी, हेलीपैड या स्थल का रखरखाव, प्रबंधन तथा पर्यवेक्षण में लगी एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निजी संस्था (अदाणी ग्रुप) द्वारा संचालित किया जा रहा है। हवाई अड्डा प्रशासन द्वारा प्रति टिकट उपभोगकर्ता विकास शुल्क को 163 रुपये से बढ़ाकर 750 रुपये किया गया है।आय में इजाफे की कवायद

केंद्र व प्रदेश सरकार की यह मंशा रही है कि आय के नए साधन उत्पन्न कर नगर निकायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया जाए। ऐसी स्थिति में यह उचित होगा कि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 172 (ग) के तहत नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत हेलीपैडों, हवाई अड्डे, हवाई पट्टियों पर प्रति व्यक्ति पर सौ रुपये, चार्टड विमान, हेलीकाप्टर इत्यादि की प्रति उड़ान पर तीन हजार की दर से कर लगाया जाए। कर की नियमावली बनाने के लिए नगर विकास विभाग को भेजा जाए, जिससे भविष्य में लखनऊ नगर निगम की आय में इजाफा हो सके।हवाई यात्रियों और उड़ानों पर कर उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 112 (ग) के अंतर्गत लगाया गया है। पार्षदों ने यह कर लगाने की सिफारिश की थी। उत्तर प्रदेश में लखनऊ नगर निगम ने पहली बार यह कर लगाया गया है। देश में अन्य जगहों पर नगर निगम में यह कर वसूला जा रहा है, इसकी जानकारी नहीं है।-इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त2006 से नगर निगम था लापरवाहनगर निगम अधिनियम 1959 में 2006 में संशोधन किया गया था, धारा 112 (ग) में नगर निगम को कई कर वसूलने का अधिकार दिया गया था, जिसमे उड़ानों और हवाई यात्रियों पर कर लगाने का भी अधिकार था, लेकिन नगर निगम को इसकी याद 27 जून 2018 को आई, जब उसे लागू करने के लिए कार्यकारिणी समिति से मंजूरी मिली थी लेकिन शासन से उसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी।150 उड़ान और 18 हजार यात्री-चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से हर दिन 150 विमान उड़ान भरते हैं।-इस हिसाब से हर दिन नगर निगम को साढ़े चार लाख की आय होगी।

-इसी तरह प्रति यात्री से सौ रुपये कर वसूला जाना है। हर दिन 18 हजार यात्री विमान से जाते हैं।-इससे भी नगर निगम को 18 लाख की प्रति दिन की आय होगी।अथॉरिटी से लेनी होगी परमीशनहवाई अड्डे के प्रवक्ता ने बताया कि अभी उनको नगर निगम की ओर से प्रति विमान कर वसूलने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उनका प्रस्ताव मिलने पर इसे एयरपोर्ट इकोनामिक रेगुलेटरी अथारिटी को भेजा जाएगा। अथारिटी से अनुमति मिलने पर ही इसे लागू किया जा सकेगा।

Posted By: Inextlive