लखनऊ यूनिवर्सिटी में टॉयलेट्स की स्थिति अच्छी नहीं है खासकर छात्राओं के टॉयलेट्स की हालत बेहद खराब है। यहां पढ़ने आने वाली छात्राओं का कहना है कि टॉयलेट्स में साफ-सफाई के अलावा पानी का न आना सबसे बड़ी समस्या है।


लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी में टॉयलेट्स की स्थिति अच्छी नहीं है, खासकर छात्राओं के टॉयलेट्स की हालत बेहद खराब है। यहां पढ़ने आने वाली छात्राओं का कहना है कि टॉयलेट्स में साफ-सफाई के अलावा पानी का न आना सबसे बड़ी समस्या है। कई विभागों के टॉयलेट्स में टैप का खराब और टूटा होना, फ्लश का ठीक से काम न करना, डस्टबिन का न होना जैसी कई परेशानियों का सामना रोज करना पड़ता है। कॉमर्स डिपार्टमेंट के फीमेल वॉशरूम से बदबू आने के कारण कई छात्राएं उसका इस्तेमाल करने से कतराती हैं।वॉशरूम में सफाई, लेकिन पानी नहीं


कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के बगल में बने फीमेल वॉशरूम की हालत खराब दिखी। वॉशरूम में पानी की किल्लत थी। सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन में सैनिटरी पैड्स नहीं थे। एमएससी की एक छात्रा ने बताया कि यहां पर अक्सर पानी की किल्लत रहती है। यहां साफ-सफाई की ज्यादा समस्या नहीं है, लेकिन सबसे बड़ा इश्यू पानी का संकट है। पानी न होने की वजह से छात्राएं इसे इस्तेमाल करने से बचती हैं।मैथ्स डिपार्टमेंट में दिखी अव्यवस्था

एलयू के गणित व खगोलविज्ञान विभाग में फीमेल वॉशरूम्स की हालत बेहद खराब दिखी। यहां टैप टूटा मिला। यहां लगी वॉशबेसिन का टैप भी खराब मिला। हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था भी नहीं थी। कॉमर्स विभाग में वॉशरूम में साफ-सफाई नहीं थी। वॉशरूम से बदबू आ रही थी। छात्राओं ने साफ-सफाई न होने और फ्लश काम न करने की भी दिक्कतें बताई। इसके अलावा कई छात्राओं ने बताया कि कई बार विभागों के वॉशरूम पांच बजे से पहले ही बंद हो जाते हैं। इससे उन्हें कई बार परेशानी होती है।'एक्स' पर उठाई गई थी समस्याएलयू में फीमेल वॉशरूम की दुर्दशा को लेकर 'एक्स' पर भी समस्या उठाई गई थी। यहां टॉयलेट्स में डस्टबिन न होने के अलावा दरवाजों का बंद न होना, कई टॉयलेट्स में ताला लगे होने की समस्या उठाई गई थी। इसमें डीन स्टूडेंट वेलफेयर को टैग भी किया गया था। उन्हें टैग करते हुए मॉडर्न हिस्ट्री, एंथ्रोपॉलोजी, हिस्ट्री, इंग्लिश, इकोनॉमिक्स, केके सक्सेना, नई कॉमर्स बिल्डिंग विभाग को शामिल कर समस्या को दूर करने की अपील की गई थी।विभागों को भेजी सूचनाडीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ। संगीता साहू ने बताया कि समस्या उठाए जाने के बाद इन विभागों के हेड को वॉशरूम्स की समस्या को देखकर उन्हें दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। जल्द ही इनका समाधान किया जाएगा ताकि छात्राओं को परेशानी न हो।फीमेल्स को परेशानियां अधिक

गंदे टॉयलेट्स की वजह से फीमेल्स को इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यूरिनरी टै्रक्ट इंफेक्शन सबसे कॉमन दिक्कत है। साफ-सफाई न होने से टॉयलेट में जर्म्स पनपने लगते हैं। वेस्टर्न स्टाइल टॉयलेट से अधिक समस्या होती है।

Posted By: Inextlive