सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि तंबाकू के पौधे में निकोटीन का मात्रा को कम करने के लिए चार साल पहले शोध शुरू किया गया था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया में 8 मिलियन लोगों की मौत हर साल तंबाकू के सेवन से होती है।


लखनऊ (ब्यूरो)। सीएसआईआर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स सीमैप ने टोबैको के पौधे में 70 फीसद निकोटीन की मात्रा को कम किया है। सीमैप के इस शोध के बाद वैज्ञानिकों का दावा है कि तंबाकू का सेवन कर रहे लोगों में निकोटीन की वजह से पडऩे वाली लत इससे कम की जा सकेगी। साथ ही तंबाकू से होने वाली बीमारियों पर भी विराम लगाया जा सकेगा।चार साल पहले शुरू हुई थी रिसर्च


सीमैप के निदेशक डॉ। प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि तंबाकू के पौधे में निकोटीन का मात्रा को कम करने के लिए चार साल पहले शोध शुरू किया गया था। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया में 8 मिलियन लोगों की मौत हर साल तंबाकू के सेवन से होती है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निकोटीन की मात्रा को कम करने की बात कही थी। इसके बाद सीएसआईआर ने इस पर काम करना शुरू किया। इस रिसर्च को पूरा करने में चार साल का समय लगा है।एडिटिंग से कम की निकोटीन

डॉ। प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि जीनोम एडिटिंग से हमने निकोटीन की मात्रा को कम किया है। इसके लिए क्रिस्पर कैस 9 टेक्नोलॉजी का यूज किया गया है। इस विधि से हमने जीन को म्युटेट कर निकोटीन के बायो सिंथेसिस को कम किया है। उन्होंने बताया कि निकोटीन रूट में बनता है और उसके बाद पत्तियों में पहुंचता है। जीन म्युटेशन से रूट में निकोटीन का बायो सिंथेसिस कम होने से उसकी मात्रा कम हो गई। इस प्रयोग से हमने 60 से 70 फीसदी निकोटीन की मात्रा कम की है। यह शोध निकोसियाना: पेतित हवाना टोबेको प्लांट में किया गया। जल्द ही इसे कामर्शियल किस्मों में किए जाने की तैयारी की जा रही है, जिससे कम निकोटीन की वैरायटी की खेती की जा सके।सीएसआईआर ने बनाया वीडियोसीमैप के इस शोध के बाद सीएसआईआर ने अपने यूट्यूब चैनल पर सीमैप के शोध का वीडियो भी जारी किया है। इस शोध में निकोटीन की मात्रा को कम करने के लिए पूरी वैज्ञानिक विधि को बारीकी से दर्शाया गया है।शोध में दो शोध छात्राएं भी शामिलनिदेशक और प्रोजेक्ट को लीड कर रहे सीमैप के वैज्ञानिक डॉ। प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि इस शोध में उनके अलावा दो शोध छात्राएं भी शामिल रही हैं। उनकी लैब से दीक्षा सिंह व शांभवी द्विवेदी इस शोध में शामिल रही हैं।क्रिस्पर कैस 9 टेक्नोलॉजी को ऐसे समझें

जीनोम एडिटिंग की तकनीक है। यह सबसे नई टेक्नोलॉजी है। वैज्ञानिक इसे एफिशिंयट मानते हैं। इस तकनीक के लिए 2020 में नोबेल प्राइज जेनिफर डोडना और कारपेन डायर को मिला है। आप किसी भी डीएनए में एडिटिंग कर सकते हैं। जीन यूजफुल नहीं है उसे हटा सकते हैं। पौधों और जानवरों से संबंधित कई शोध किए जा रहे हैं।सीमैप ने अपनी लैब में तंबाकू के पौधे में निकोटीन की मात्रा को 60 से 70 फीसद कम किया है। अब हम कामर्शियल तंबाकू के पौधों जिसको इंडस्ट्रीज सिगरेट बीढ़ी बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं, उनमें निकोटीन की मात्रा कम करने की तैयारी कर रहे हैं। सफलता के बाद कम निकोटीन का मात्रा वाले तंबाकू के पौधों की खेती की जा सकेगी।डॉ। प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, सीएसआईआर सीमैप

Posted By: Inextlive