एनबीआरआई लखनऊ ने क्रोमा 3 कैप्सूल की टेक्नोलॉजी हैदराबाद की कंपनी को की ट्रांसफर
लखनऊ (ब्यूरो)। सीएसआईआर नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन यौगिक से ओरल कैप्सूल बनाए हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह कैप्सूल इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करके सेहत भी अच्छी कर देगा। संस्थान ने बुधवार को अपने एनुअल डे के मौके पर इसकी टेक्नोलॉजी मेसर्स जेवियर मेड प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद को ट्रांसफर की है।मिलेगा पूरा लाभ
हल्दी में पाए जाने वाले कैंसर रोधी, दर्द-सूजन निवारक रसायन करक्यूमिन को पानी में घुलनशील बनाने में संस्थान को सफलता मिली है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला यह रसायन वसा में अघुलनशील होने के कारण अब तक इसका पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल पाता था। एनबीआरआइ की हर्बल नैनो बायोटेक्नोलॉजी लैब में तैयार यह उत्पाद पानी में आसानी से घुल सकेगा, जिससे इसका पूरा फायदा मिलेगा। तकनीक को विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ। बीएन सिंह ने बताया कि एनबीआरआई द्वारा हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन यौगिक को कैप्सूल फॉर्म में बेहतर जैव उपलब्धता और औषधीय गुणों के साथ एक मानकीकृत हर्बल फॉर्मूलेशन (क्रोमा-3) के रूप में तैयार किया गया है। क्रोमा-3 के हर्बल फार्मूलेशन में 10 फीसदी से अधिक करक्यूमिन होता है, जो बेहतर औषधीय गुणों के साथ-साथ शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करता है। इस फार्मूलेशन को आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप विकसित किया गया है।सफल रहा शोधएनबीआरआई के निदेशक डॉ। एके शासनी के मुताबिक, फार्मा व न्यूट्रास्यूटिकल उद्योगों के आगे हल्दी से बने उत्पाद जैसे इम्यूनोएनहांसर, औषधियां आदि तैयार करने में सबसे बड़ी मुश्किल करक्यूमिन के घुलनशील न होने की थी। इस मामले में संस्थान ने एक सफल शोध किया है। इस फॉम्युलेशन को लेने के लिए कई इंडस्ट्रीज इच्छुक थीं, क्योंकि इस कैप्सूल का फायदा अधिक है। ऐसे में इस फॉर्म्युलेशन को टेक्नो केमिकल इंडस्ट्रीज लिमिटड कालीकट के साथ साथ मेसर्स जेवियर मेड प्राइवेट लिमिटेड को भी ट्रांसफर भी किया गया है।