सीएसआईआर एनबीआरआई लखनऊ के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक व सम्मेलन के संयोजक डॉ. पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के 19 राज्यों से 68 शहरों से 70 से ज्यादा शैक्षिक व अनुसंधान संस्थानों व यूनिवर्सिटी से 200 से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स शामिल हो रहे है।


लखनऊ (ब्यूरो)। 'हम लोग अलग-अलग तरह के प्रदूषणों और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से निपटने के लिए बेहतर तकनीकी विकास और उनकी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में क्लाइमेट संबंधी सम्मेलनों को रिसर्च इंस्टीट्यूशंस और यूनिवर्सिटी को इन सम्मेलन की सिफारिशों और कार्यवाही को हितधारकों तक जरूर पहुंचाना चाहिए, ताकि इन मुद्दों से निपटने के लिए सही नीतियां समय पर बनाई जा सकें', ये बातें गुरुवार को सीएसआईआर एनबीआरआई व राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी की ओर से पर्यावरणीय मुद्दों पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मलेन के उद्घाटन के दौरान मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ। देवेश चतुर्वेदी ने कही। डॉ। चतुर्वेदी ने कहा कि हमें अपनी मानवता को प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरनाक परिणामों से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने होंगे। इसके लिए तकनीकी विकास बहुत अहम है। यह सम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा। 200 से अधिक पार्टिसिपेंट ले रहे भाग


संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक व सम्मेलन के संयोजक डॉ। पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के 19 राज्यों से 68 शहरों से 70 से ज्यादा शैक्षिक व अनुसंधान संस्थानों व यूनिवर्सिटी से 200 से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स शामिल हो रहे है। यह पार्टिसिपेंट्स प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, हरित रसायन विज्ञान, पर्यावरण और जैव प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और समसामयिक मुद्दों 80 से ज्यादा मौखिक प्रस्तुतियां, 110 पोस्टर प्रस्तुतियां की जाएगी। इसके साथ ही देश के नामी विषय विशेषज्ञों 13 मुख्य व्याख्यान देंगे।वार्षिक पुरस्कारों की हुई घोषणाकार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली ने वार्षिक सम्मान पुरस्कारों की भी घोषणा की। इसमें नेसा विशिष्ट फेलोशिप अवार्ड डॉ। एके सिंह, प्रोफेसर, भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बीएचयू, नेसा फेलोशिप संस्थानों से 21 विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों का चयन किया गया। नेसा प्रख्यात वैज्ञानिक पुरस्कार देश भर के संस्थानों से 10 विशेषज्ञों वैज्ञानिकों को चयनित किया गया। नेसा अंतराष्ट्रीय वैज्ञानिक पुरस्कार डॉ। सदानंद मुश्गेरी, कर्नाटक यूनिवर्सिटी व सितेंदु मंडल, सीएसआईआर सीजीसीआरआई कोलकाता, नेसा हरित प्रौद्योगिकी अवार्ड डॉ। डी नरेंद्र कुमार, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओसियन टेक्नोलॉजी, चेन्नई व डॉ। सुमन पुरोहित, नैनीताल उत्तराखंड काउंसिल फॉर बायोटेक्नोलॉजी, नेसा विशिष्ट वैज्ञानिक पुरस्कार देश भर के संस्थानों से 8 विशेषज्ञों वैज्ञानिको को चुना गया है। नेसा श्रीमती कनक सिन्हा स्मृति अवार्ड डॉ। रचना सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, एमिटी यूनिवर्सिटी को मिला है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी (नेसा) के कार्यकारी अध्यक्ष आर के सिन्हा ने अकेडमी के बारे में जानकारी दी। वहीं, एनबीआरआई के निदेशक डॉ। अजित कुमार शासनी ने भी इस सम्मेलन की अहमियत बताई।इन मुद्दों पर हुई चर्चा

पहले दिन कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, भुबनेश्वर की डॉ। संजुक्ता साहू ने एनर्जी एफीसियेंट बिल्डिंग टुवर्ड्स क्लाइमेट चेंज मिटीगेशन पर, लखनऊ यूनिवर्सिटी की डॉ। पूर्णिमा वाजपेयी ने रिस्क इम्पोस्ड बाई मैटेलिक नैनोपार्टिकल टू मेडिसिनल प्लांट्स इन एग्री-एनवायरनमेंट, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओसियन टेक्नोलॉजी, चेन्नई के डॉ। डी राजशेखर ने इन्नोवेटिंग फॉर ग्रीन फ्यूचर पर तथा यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, चेन्नई के डॉ। एम सुरेश गांधी ने एप्लीकेशन ऑफ फॉरअमिनीफेरा फॉर इकोलॉजी एंड पोलूशन मोनिटरिंग स्टडीज पर चर्चा की।

Posted By: Inextlive