बलरामपुर अस्पताल में साइकियाट्रिस्ट डॉ. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि मौसम का असर व्यक्ति के इमोशंस पर भी पड़ता है। इसकी वजह से चिड़चिड़ापन गुस्सा बात न करना उदासी आदि की समस्या होने लगती है। ऐसा अचानक से तेज ठंड या तेज गर्मी होने पर होता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। आजकल मौसम में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। सुबह-शाम ठंड और दिनभर तेज धूप के चलते लोग गर्मी से परेशान हो रहे हैं, जिसका असर उनके कामकाज के साथ-साथ मूड पर भी पड़ रहा है। डॉक्टर्स के मुताबिक, मौसम में बदलाव का सीधा असर लोगों पर मानसिक तौर पर भी पड़ता है। खासतौर पर जिनका पहले से इलाज चल रहा होता है, उनके लिए दिक्कतें ज्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसे में लोगों में गुस्सा, चिड़चिड़ापन आदि देखने को मिलता है।मौसम का असर इमोशंस पर
बलरामपुर अस्पताल में साइकियाट्रिस्ट डॉ। देवाशीष शुक्ला ने बताया कि मौसम का असर व्यक्ति के इमोशंस पर भी पड़ता है। इसकी वजह से चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बात न करना, उदासी आदि की समस्या होने लगती है। ऐसा अचानक से तेज ठंड या तेज गर्मी होने पर होता है। आजकल गर्मी बढ़ रही है साथ ही तरह-तरह की बीमारियां फैल रही हैं, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ रहा है, जिनको पहले डिप्रेशन वगैरह जैसी शिकायत रही है, जो इसकी दवा ले रहे हैं। मौसम में बदलाव का असर उनके बर्ताव में भी दिख रहा है। इस समस्या के साथ मरीज लगातार आ रहे हैं। ऐसे में दवाइयों को थोड़ा बढ़ाना पड़ता है, ताकि आगे दिक्कत न हो।सीजनल अफेक्टिव डिसआर्डर की समस्याकेजीएमयू में साइकियाट्री विभाग के डॉ। आदर्श त्रिपाठी के मुताबिक, मौसम अचानक से बदलता है तो जो लोग सेंसिटिव होते हैं उनमें भी बदलाव देखने को मिलता है। इसे मेडिकल टर्म में सीजनल अफेक्टिव डिसआर्डर (सैड) कहा जाता है। जब एक्स्ट्रीम वेदर यानि ज्यादा ठंड या गर्मी होती है, तो लोगों में उदासी व डिप्रेशन आदि की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, यह हर किसी को नहीं होता। यह सर्दी के समय ज्यादा होता है, पर गर्मी में भी यह समस्या देखने को मिलती है। अचानक से मौसम में बदलाव का असर हमारे इमोशंस पर भी पड़ता है।लक्षण- उदासी- काम में मन न लगना- थकान- भूख न लगना- निराशा रहना- किसी काम को लेकर उत्साह न होना- काम करने की क्षमता कम होनाऐसे करें बचाव- एक्सरसारइज करें- योगा करें- ध्यान करें- खाने पर ध्यान दें- समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएंमौसम का असर व्यक्ति के इमोशंस पर भी पड़ता है। इसकी वजह से चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बात न करना, उदासी आदि की समस्या होने लगती है।-डॉ। देवाशीष शुक्ला, साइकियाट्रिस्ट, बलरामपुर अस्पताल

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