- एटीएस मोबाइल का डाटा रिकवर करने का कर रही प्रयास

- कई संदिग्धों से जारी है पूछताछ, कई जिलों में भेजी गईं टीमें

LUCKNOW

आतंकी संगठन अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल ¨हद से जुड़ा आतंकी मिनहाज अहमद ही लखनऊ में इस माड्यूल का सबसे सक्रिय सदस्य था। एटीएस की शुरुआती छानबीन में सामने आया है कि मिनहाज करीब डेढ़ साल पहले टेलीग्राम एप के जरिए अलकायदा के हैंडलरों के संपर्क में आया था और उसके बाद उसके तार जम्मू-कश्मीर समेत कुछ अन्य राज्यों में सक्रिय युवकों से जुड़ गए थे। एटीएस को यह भी आशंका है कि मिनहाज व उसके साथी यहां एक नया माड्यूल भी तैयार कर चुके थे। हालांकि लखनऊ से रविवार को गिरफ्तार किए गए आतंकी मिनहाज व मसीरुद्दीन से जुड़े कई सवाल अब भी पहेली हैं। उनके जवाब अब दोनों से पुलिस रिमांड के दौरान उगलवाने के प्रयास किए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि सोमवार रात की गई पूछताछ के दौरान दोनों अधिकतर सवालों पर चुप्पी साधे रहे। एटीएस ने उनके साथी शकील का घर तलाश लिया है, लेकिन उसका सुराग नहीं लगा सकी है।

डिलीट कर दिए एप और डाटा

उत्तर प्रदेश को दहलाने की बड़ी साजिश रचने वाला मिनहाज बेहद चालाक है। उसने अपने मोबाइल फोन से टेलीग्राम एप व अन्य डाटा डिलीट कर दिया था। अब एटीएस उसके मोबाइल का डाटा रिकवर करने का प्रयास कर रही है। मिनहाज जम्मू-कश्मीर निवासी तौहीद व मूसा के भी संपर्क में भी था। कानपुर, संभल व कई अन्य शहरों में एटीएस की टीमें डेरा जमाए हैं और मिनहाज के कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं। एटीएस के सामने अब उसके संपर्क में रहे युवकों को तलाशने के साथ यह पता लगाने की भी चुनौती है कि मिनहाज अलकायदा के किन हैंडलर से सीधे जुड़ा था। उनके बीच किस तरह के संदेशों व सूचनाओं का आदान-प्रदान हो रहा था। मिनहाज ने जम्मू-कश्मीर निवासी तौहीद के खातों में रकम भेजी थी। यह रकम किस काम के लिए दी गई थी और दोनों के बीच क्या संबंध हैं। इनके जवाब भी बेहद अहम हैं। सूत्रों का कहना है कि संभल के निवासी कई युवक अलकायदा से जुड़े हैं और वे पाकिस्तान व अफगानिस्तान में हैं। उनके बारे में भी छानबीन की जा रही है। एटीएस मिनहाज के पासपोर्ट के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए इमीग्रेशन से संपर्क साधा गया है।

आतंकियों की पुलिस रिमांड मिली, आज से होगी पूछताछ

आतंकी गतिविधियों के मामले में निरुद्ध अभियुक्त मुसीरुद्दीन उर्फ मुसीर उर्फ राजू व मिनहाज अहमद को एटीएस की विशेष अदालत ने 14 दिन के लिए एटीएस की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। अभियुक्तों की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 13 जुलाई की सुबह नौ बजे से शुरू होकर 26 जुलाई की सुबह नौ बजे तक होगी। विशेष जज योगेंद्र राम गुप्ता ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के डिप्टी एसपी संजय वर्मा की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है। इससे पहले उन्होंने अभियुक्तों को 26 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को एटीएस ने इन दोनों आतंकियों को पेश कर विशेष अदालत से पहले इनकी न्यायिक रिमांड हासिल की। इसके बाद 14 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा। बीते रविवार को एसटीएफ ने इन दोनों को गिरफ्तार किया था। 11 जुलाई, 2021 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक सुशील कुमार सिंह ने थाना एटीएस में आइपीसी की धारा 121ए, 122, 123 तथा विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम की धारा 13, 18, 18बी, 20, 39 व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4/5 के साथ ही आ‌र्म्स एक्ट की धारा 3/25 के तहत दर्ज कराई थी। इन दोनों के अलावा एफआईआर में एक अन्य मुल्जिम शकील भी नामजद है। रिमांड के लिए विवेचक का तर्क था कि आरोपितों ने जिन स्थानों से विस्फोटक पदार्थ व सामग्री क्रय की है, उन्हें चिह्नित कराना और सामग्री भी बरामद करानी है। दोनों मुल्जिमों ने कुकर बम बनाने से संबधित सामग्री लखनऊ के विभिन्न दुकानों से खरीदने की बात बताई है, उन दुकानों की शिनाख्त करानी है।

कानपुर से खरीदा था असलहा

विवेचक ने कहा कि मिनहाज असलहा खरीदने कानपुर गया था। उस स्थान को भी चिह्नित कराना है। उसकी निशानदेही पर उस जनसेवा केंद्र का सत्यापन भी करना है, जहां से तौहीद द्वारा उपलब्ध कराए गए खाते में रुपये जमा किए गए। मिनहाज की उस डायरी को भी बरामद करना है, जिसमें मूसा व तौहीद की टेलीग्राम आइडी का विवरण है। दोनों मुल्जिमों के पास से बारूद मय प्रेशर कुकर बम, स्वनिíमत डेटोनेटर, 32 बोर का पिस्टल, चार जिंदा कारतूस, पोटैशियम परमैगनेट व मोबाइल फोन आदि बरामद हुए हैं। चूंकि मामला देश की सुरक्षा, एकता व अखंडता से जुड़ा है लिहाजा, इनसे विस्तृत पूछताछ के लिए इन्हें 14 दिन की कस्टडी रिमांड में दिया जाना नितांत आवश्यक है।

Posted By: Inextlive