20 मिनट में मेट्रो पहुंची ट्रांसपोर्ट नगर से एयरपोर्ट स्टेशन तक
- केडी सिंह से मुंशीपुलिया तक भी चल रहा सिग्नल ट्रायल
- अजीत यादव ने दौड़ाई पहली मेट्रो LUCKNOW: लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ट्रांसपोर्टनगर से चौधरी चरण सिंह स्टेशन तक सफलतापूवर्क सिग्नलिंग और इंट्रीग्रेटड टेस्टिंग ट्रायल किया। इसकी लंबाई करीब 2.8 किमी है। मेट्रो एमडी कुमार केशव ने शनिवार सुबह पूजा के बाद करीब 9:38 बजे टीपीनगर से मेट्रो को रवाना किया। मेट्रो को एयरपोर्ट स्टेशन पहुंचने 20 मि। लगे। इस दौरान उसकी रफ्तार पांच किमी। प्रति घंटा रही। डाटा का होगा वेरिफिकेशनलखनऊ मेट्रो ने एयरपोर्ट और मुंशीपुलिया के बीच 22.878 लंबे नार्थ-साउथ कॉरिडोर (फेज 1-ए) के परिचलान की दिशा में एक और सफलता पाई है। एमडी कुमार केशव ने बताया कि इसके लिए देररात तक सभी ने काम किया ताकि यह ट्रायल हो सके। ट्रायल के दौरान सिग्नलिंग, टेलीकम्यूनिकेशन, ट्रैक और ट्रैक्शन सिस्टम से संबंधित टेस्टिंग हुई। सभी डाटा को रिकार्ड करके बंग्लुरू भेजा जाएगा, जिसके बाद डाटा वेरिफाई होकर आएगा। उसके बाद आगे का ट्रायल शुरू किया जाएगा।
ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम से है लैसलखनऊ मेट्रो के रोलिंग स्टॉक्स अत्याधुनिक कम्युनिकेशन आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) और ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) सिस्टम्स से लैस है। एटीपी के तहत ऑटोमैटिक ब्रेकिंग प्रणाली से यह सुनिश्चित किया जाता है कि ट्रेनों की भिड़ंत या इस तरह की अन्य कोई दुर्घटना न हो। इसके अलावा ऑटोमैटिक ट्रेन सुपरविज़न सिस्टम की मदद से ट्रेनों की आवाजाही की पल-पल निगरानी होती है। इंटीग्रेटेड सिग्नलिंग ट्रायल्स के दौरान एटीपी और सीबीटीसी से संबंधित सभी पहलुओं की जांच होगी। सिग्लनिंग टेस्टिंग को इंटरनेशनल इंडीपेंडेंट सेफ्टी ऐसेसर (आईएसए) द्वारा सत्यापित भी किया जा रहा है।
केवल चंद देशों के पास यह सिस्टम एलएमआरसी के भूमिगत और टनल सेक्शन्स में ट्रेनों के परिचालन के लिए करंट की सप्लाई के लिए रिजिट ओवरहेड उपकरण लगाए गए हैं। डायमंड क्रासिंग पर इस अत्याधुनिक रिजिट ओएचई का प्रयोग लखनऊ मेट्रो में पहली बार सीसीएस एयरपोर्ट स्टेशन के नज़दीक हुआ है। जिसके माध्यम से ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन पर जाएगी। यह सिस्टम दुनिया में चुनिंदा मेट्रो परियोजनाओं में ही मौजूद है।