सोशल मीडिया पर कानून में हुए बदलावों को लेकर जागरूक कर रही लखनऊ पुलिस
लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस लोगों को अवेयर करने के लिए सोशल मीडिया पर कानूनी की पाठशाला चल रही है। एक जुलाई से कई आपराधिक कानूनों को लागू किया जा रहा है और कई कानूनों में बदलाव भी किया गया है। अब आईपीसी यानि इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्यास संहिता और सीआरपीसी यानि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा। इन्हें एक जुलाई 2024 से लागू कर दिया जाएगा।धाराएं बन चुकी थीं अपराध की पहचान
आईपीसी की कई धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं। अब उन धाराओं में भी बदलाव किया गया है। हत्या के लिए आईपीसी में लगाई जाने वाली धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। वहीं, ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास में लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। रेप के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।लखनऊ पुलिस लगा रही कानून की पाठशाला
आईपीसी यानि इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्यास संहिता में किए गए बदलाव और सजा के प्रावधान के बारे में लखनऊ पुलिस सोशल मीडिया पर अवेयर कर रही है। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म एक्स, फेसबुक, व्हाट्सएप और इस्टाग्राम समेत अन्य प्लेटफार्म पर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के मीडिया सेल की सोशल मीडिया टीम वीडियो व ऑडियो के जरिए धारा में हुए बदलाव के संबंध में जानकारी देने के साथ उसमें होने वाली सजा के प्रावधान को भी बता रहे है। जिससे लोग अवेयर हो सके कि किस अपराध में किस धारा का यूज होगा और किस अपराध में किस स्तर पर सजा व जुर्माने में बदलाव किया गया है। खासतौर पर महिला संबंधित, बाल अपराध और संगठित अपराध के अलावा कई जरूरी अपराध की धारा व उसकी सजा के बारे में जानकारी दे रहे हैं।भारतीय न्याय संहिता में क्या बड़े बदलाव हुए- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में 20 नए अपराध को जोड़ा गया है।- ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान है।- डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल होंगे।- आईपीसी में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है।- 33 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।- 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।बच्ची से रेप के दोषी को फांसी की सजा
पहले रेप की धारा 375 और 376 थी। अब एक जुलाई 2024 से धारा 63, 69 में रेप के अपराध को रखा गया है। गैैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। 18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप मेंं आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है। गैैंग रेप के दोषी को 20 साल की तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल में रहने की सजा है।इन प्रमुख धाराओं में किया गया बदलाव- स्नैचिंग के अपराध में 3 वर्ष की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। यह गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी है।- मॉब लिंचिंग- नस्ल, जाति, लिंग, भाषा आदि से प्रेरित होकर भीड़ द्वारा की गई हत्या के अपराध में शामिल हर सदस्य को आजीवन कारावास, मृत्युदंड व जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है।- निवास, गृह, यातायात के साधन, पूजा स्थल, सरकारी या स्थानीय प्राधिकरण की किसी संपत्ति की चोरी करने पर 7 वर्ष की सजा व जुर्माने का प्रावधान।- धारा 74 के तहत कोई व्यक्ति महिला की किसी भी तरीके से लज्जा भंग करने का प्रयास करेगा तो उसे पांच वर्ष तक के कारावास व जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान।