LUCKNOW NEWS: 48 दिन से 3 थानों में युवक लगा रहा गुहार नहीं दर्ज हो रही रिपोर्ट
लखनऊ (ब्यूरो)। साहब यह राजधानी है, लूट की एफआईआर दर्ज कराना यहां हिमालय पर चढऩा जैसा मुश्किल है। यह कटाक्ष नहीं, दर्द है राम नगरी निवासी एक पीडि़त का। वह अपने साथ हुई लूट का केस दर्ज कराने के लिए 48 दिन से तीन थानों के साथ राजधानी पुलिस के मुखिया तक का दरवाजा खटखटा चुका है। हर बार उससे घटना का साक्ष्य मांग जा रहा है, लेकिन मिल रही है बस तारीख। यह मामला भले ही 32 हजार की लूट का है लेकिन पुलिस की कार्य प्रणाली हैरान करने वाली है।
चाकू दिखाकर की थी लूट
अयोध्या के कोटडीह सरैया रौनाही निवासी देव कुमार तिवारी 4 जून को जमीनी विवाद के केस में वकील से मिलने लखनऊ आया था। रायबरेली रोड चरम भट्टïा चौराहे के पास रहने वाले वकील से मिलने के बाद वह रात 1.30 बजे अयोध्या जाने के लिए ई रिक्शा पर चारबाग के लिए बैठे। देव कुमार ने बताया कि कुछ दूर चलने के बाद ई रिक्शा में पहले से सवार दो युवकों ने उससे चाकू की नोक पर 32 हजार रुपये, मोबाइल और बैग जिसमें कागजों की फाइल रखी थी लूट लिया और उसे चलती गाड़ी से फेंक दिया। जिससे उसे चोट भी आई। इसके बाद भी ई-रिक्शा का काफी दूर तक पीछा किया लेकिन उसे पकड़ न सका।
देव कुमार ने बताया कि 5 जून को वह इसकी शिकायत लेकर पीजीआई थाने पहुंचा। वहां पुलिस ने शिकायत पर सीसीटीवी चेक किया। फुटेज में वह ई रिक्शा में सवार होते दिखा लेकिन पुलिस ने यह कहकर वापस कर दिया कि घटनास्थल उनके थाना क्षेत्र मेें नहीं है। फिर वह कैंट थाना पहुंचा। यहां भी प्रार्थनापत्र दिया और एसएचओ कैंट ने उसे सदर पुलिस चौकी भेज दिया। सदर पुलिस चौकी इंचार्ज ने भी जांच करने के बाद उसे घटनास्थल हुसैनगंज थाने की बात बताकर रवाना कर दिया।
ड्राइवर को पहचानने के बाद भी रिपोर्ट नहीं
देव कुमार 5 जून को हुसैनगंज थाने पहुंचा और लिखित शिकायत की। जहां से उसे लोको पुलिस चौकी भेजा गया। लोको चौकी इंचार्ज ने पीडि़त से प्रार्थनापत्र लेकर पांच दिन बाद आने को कहा। चौकी इंचार्ज ने कहा कि मामले की जांच के बाद भी एफआईआर होगी। वहां से निकलकर देव कुमार सीधे चारबाग ई रिक्शा स्टैैंड पहुंचा और उस ई-रिक्शा चालक को पहचान लिया, जिसमें उसके साथ लूट की वारदात हुई थी। इसकी सूचना उसने लोको चौकी इंचार्ज को दी। पीडि़त के अनुसार चौकी इंचार्ज ने ई रिक्शा ड्राइवर को बुलाकर पूछताछ भी की।
देव कुमार के अनुसार चौकी इंचार्ज ने ई रिक्शा ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ लेकिन कार्रवाई और एफआईआर लिखने की जगह उसे यह कहकर लौटा दिया कि लूट का साक्ष्य व फुटेज लेकर आओ। इसके बाद सिस्टम से थक हारकर वह अयोध्या लौट गया। वहां से आईजीआरएस (सीएम पोर्टल) पर ऑनलाइन शिकायत की। शिकायत पर हुसैनगंज पुलिस ने रिपोर्ट लगा दी कि सीसीटीवी फुटेज न मिलने पर लूट संदिग्ध है। पुलिस कमिश्नर से भी शिकायत
देव कुमार को जब किसी तरह से न्याय नहीं मिला तो 18 जुलाई को उसने महानगर पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंच कर लिखित शिकायत की और आईजीआरएस में दोबारा शिकायत कर दी। ट्यूजडे को देव कुमार का मामला सोशल मीडिया पर छाया तो लोको चौकी इंचार्ज ने उसे कॉल कर दोबारा लिखित शिकायत मांगी ताकि एफआईआर दर्ज की जा सके। चौकी इंचार्ज ने कहा कि पहले की गई शिकायत खो गई है।
इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है। सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से इसकी जानकारी कराई जा रही है। जांच कर उचित एक्शन लिया जाएगा।
अमरेंद्र कुमार सेंगर, पुलिस कमिश्नर, लखनऊ