Lucknow News: पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि युवाओं में हियरिंग लॉस की समस्याएं बढ़ गई हैैं। कई बार लोगों को ये बात पता ही नहींं चलती कि उन्हें कोई समस्या है और जब उन्हें इसकी जानकारी होती है तबतक काफी देर हो जाती है। ऐसे में बहुत से केसेज में परमानेंट हियरिंग लॉस भी हो जाता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि युवाओं में हियरिंग लॉस की समस्याएं बढ़ गई हैैं। कई बार लोगों को ये बात पता ही नहींं चलती कि उन्हें कोई समस्या है और जब उन्हें इसकी जानकारी होती है तबतक काफी देर हो जाती है। ऐसे में बहुत से केसेज में परमानेंट हियरिंग लॉस भी हो जाता है। कुछ दिन ही खबर आई थी कि जानीमानी सिंगर अलका याग्निक को रेयर सेंसरी न्यूरल नर्व हियरिंग लॉस हुआ है।अस्पतालों में बढ़ रहे हियरिंग लॉस के मरीज


पीजीआई के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ। अमित केसरी का कहना है कि वायरल इनफेक्शन होने से कई बार सुनने की क्षमता चली जाती है। कई बार लोग ध्यान नहीं देते और समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या डबल हो गई है। जहां पहले ओपीडी में 15-20 मरीज आते थे, अब वहां 30-40 के करीब मरीज पहुंच रहे हैैं और इनमें ज्यादातर युवा हैैं।किन वजहों से होता है हियरिंग लॉस

- कई बार लोग, खासकर युवा काफी देर तक हेडफोन या इयरफोन कानों में लगाए रहते हैैं और बहुत तेज आवाज में गाने या अन्य चीजें सुनते हैैं। ऐसे में धीरे-धीरे उनके कानों पर असर पड़ता है और उन्हें पता भी नहीं चलता कब उन्हें हियरिंग लॉस की समस्या हो जाती है।- वायरल इनफेक्शन की वजह से भी अचानक से हियरिंग लॉस हो सकता है। इसमें कई बार इंजेक्शन या स्टेरॉयड भी देना पड़ता है।- कान में कुछ लोग नुकीली चीजें भी डाल देते हैैं जिसकी वजह से कान का पर्दा फटने का भी खतरा बढ़ जाता है। कान का पर्दा काफी नाजुक होता है इसलिए डॉक्टर्स भी कान में कोई भी चीज डालनेे से मना करते हैैं।डॉक्टर का कोटवायरल इनफेक्शन से सुनने की क्षमता अचानक जा सकती है। इस तरह के मरीजों की संख्या ओपीडी में डबल हो गई है। जहां पहले 15-20 मरीज ओपीडी में आते थे अब 30-40 के करीब मरीज आने लगे हैैं। जांच के दौरान दवा, इंजेक्शन या स्टेरॉयड तक देना पड़ जाता है। ऐसे में इनफेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।- डॉ। अमित केसरी, ईएनटी विभाग, पीजीआई

Posted By: Inextlive