Lucknow News: 'अंडर-18' टीम लाएगी लखनऊ के ट्रैफिक को पटरी पर
लखनऊ (ब्यूरो)। बीते कई सालों से राजधानी में लोग बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था का दंश झेल रहे हैं। सुधार के लिए कई योजनाएं बनीं, उन्हें जमीन पर उतारा भी गया, पर इच्छा शक्ति के अभाव से हर बार व्यवस्था फेल ही साबित हुई। इस बार ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए केवल ट्रैफिक विभाग ही नहीं बल्कि नगर निगम, एलडीए, पीडब्ल्यूडी के अलावा अन्य जिम्मेदार विभागों के साथ-साथ पब्लिक की भी हेल्प ली जा रही है। एक बात तो साफ है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में सरकारी मशीनरी का जिम्मेदारी से काम करने के अलावा पब्लिक का अवेयर होना बहुत जरूरी हैअंडर-18 ऐज ग्रुप टारगेट पर
डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए इस बार अंडर-18 ऐज ग्रुप को टारगेट किया गया है। यह वह ऐज ग्रुप है, जो किसी भी परिवर्तन को न केवल आसानी से स्वीकार करता है बल्कि उसे फॉलो भी करता है। अगर इस ऐज ग्रुप को ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने की जिम्मेदारी दी जाती है तो व्यवस्था में काफी परिवर्तन नजर आएगा। इसकी शुरुआत यातायात माह से कर दी गई है। उन्हें न केवल जागरूक किया जा रहा बल्कि इस अभियान से जोड़कर नया प्रयोग भी किया जा रहा है।
इन प्रयोगों से दुरुस्त होगा ट्रैफिक सिस्टमफ्री लेफ्ट टर्नशहर के कई बड़े चौराहों पर फ्री लेफ्ट टर्न को अब दूसरे तरफ से लागू किया जा रहा है। इसमें कई चौराहों पर यह सफल भी साबित हुए है। इसमें हजरतगंज, अवध चौराहा प्रमुख है। जहां पीए सिस्टम से न केवल फ्री लेफ्ट टर्न के लिए जागरूक किया जा रहा है बल्कि लेफ्ट टर्न को अवरोध करने वाले व्हीकल का चालान भी किया जा रहा है।नो पार्किंग सिस्टम6 नवंबर को रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल भी जारी कर दिया गया, जिसे 30 नवंबर को खोला जाएगा। एक महीने में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर नो पार्किंग से गाड़ियों को उठाकर जुर्माना वसूलने का काम शुरू कर दिया जाएगा। पहले चरण में आठों जोनों में दो-दो क्रेन लगाई जाएंगी। ठेकेदार अपनी क्रेन लाएगा और उसका खर्च भी उठाएगा। नगर निगम ने इस बार तीन पहिया वाहनों के लिए भी जुर्माने की दर तय की है। जुर्माने की रकम में 50 प्रतिशत ठेकेदार लेगा। 30 फीसदी नगर निगम और 20 प्रतिशत रकम पुलिस को मिलेगी।ट्रैफिक सिग्नल
शहर में अभी 180 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल से ट्रैफिक मूव कर रहा है। हालांकि, जल्द ही कुछ और चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए डिमांड शासन को भेजी गई है। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई है। इसके अलावा, जहां-जहां पेड़ों में ट्रैफिक सिग्नल छिप गए हैं, उन्हें सही करने के लिए नगर निगम को पत्र लिखकर ट्रैफिक विभाग ने छटाई करने के लिए कहा है। डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि खराब व बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल को ठीक कराने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा गया है ताकि व्यवस्था को सुधारा जा सके।जेब्रा क्रॉसिंग दुरुस्त करने की तैयारीडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि केवल रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था की सुधारने की कवायद के साथ ही पैदल चलने वाले लोगों की सुविधा के लिए काम किया जा रहा है। शहर के प्रमुख चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। जिन चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग धुंधली हो गई है, वहां दोबारा पेटिंग कराने के साथ उसे मानक अनुसार बनाया जाएगा। साथ ही जेब्रा क्रॉसिंग के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।11 चौराहे होंगे री-मॉडलिंग
10 करोड़ रुपये की लागत से शहर के 11 प्रमुख चौराहों की री-मॉडलिंग होगी। चौराहों के आईलैंड को री-डिजाइन किया जाएगा। ट्रैफिक में अवरोध बने बिजली के पोल, बूथ व ट्रैफिक सिग्नल आदि को शिफ्ट किया जाएगा। चौराहों के आसपास से एनक्रोचमेंट व अवैध पार्किंग को हटाया जाएगा। पहले आईटी चौराहा, लोकबंधु चौराहा, जानकीपुरम स्थित एके व अटल तिराहा, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा व गोमती नगर स्थित हैनीमैन चौराहे का सर्वे कराया गया था। इनमें चौराहों की री-मॉडलिंग के सुझावों के आधार पर विकास व सौंदर्यीकरण के कार्यों की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। इसके अलावा डालीगंज, मवैया, आलमबाग व कृष्णानगर समेत शहर के 11 अन्य चौराहों का भी सर्वे कराया गया है।दुकानदार बनेंगे ट्रैफिक पुलिस के मददगार-ट्रैफिक पुलिस अब आम लोगों को वालंटियर बनाने जा रही है। इसके लिए हर चौराहे और मार्ग पर मौजूद दुकानदारों को वालंटियर बनाया जायेगा।-इन वालंटियर को निर्देश दिए जा रहे हैं कि जब भी उनके चौराहे पर जरूरत से अधिक गाड़ियां फंसी हों या ट्रैफिक जाम लगने की स्थिति उत्पन्न हो रही हो तो वो तत्काल ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल नंबर 9454405155 पर कॉल करें।-साथ ही वर्तमान स्थिति के विषय में जानकारी दें ताकि सूचना मिलने पर तत्काल उस मार्ग या चौराहे पर स्थानीय थाने व ट्रैफिक पुलिस कर्मी को भेज कर जाम खुलवाया जा सके।
सिस्टम को बेहतर बनाने में आम पब्लिक का साथ बहुत जरूरी है। राजधानी के ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने की शुरुआत हो चुकी है। यातायात माह से कई कार्ययोजनाओं पर काम किया जा रहा है। जागरूकता अभियान के साथ-साथ एक्शन, प्लानिंग व डेवलपमेंट पर फोकस किया जा रहा है। सबसे पहले अंडर-18 ग्रुप यानि यंगस्टर्स को साथ जोड़ा जा रहा है।-प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी ट्रैफिक