Lucknow News: अगर आपने अपना फ्लैट या मकान का कोई फ्लोर किराये पर दे रखा है और सामान्य रूप से ही हाउस टैक्स जमा कर रहे हैैं तो आपकी जेब अब ढीली होगी। दरअसल नगर निगम की ओर से ऐसी संपत्तियों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है जो किराये पर दी गई हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपने अपना फ्लैट या मकान का कोई फ्लोर किराये पर दे रखा है और सामान्य रूप से ही हाउस टैक्स जमा कर रहे हैैं तो आपकी जेब अब ढीली होगी। दरअसल, नगर निगम की ओर से ऐसी संपत्तियों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है, जो किराये पर दी गई हैैं। इस लिस्ट के आधार पर फिर से ऐसी संपत्तियों का टैक्स असेसमेंट कराया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, किराये पर मकान या फ्लैट देने वाले भवन स्वामी को सामान्य के मुकाबले 50 फीसदी अधिक हाउस टैक्स देना पड़ सकता है।किराये पर उठा देते हैं संपत्ति


शहीद पथ, गोमतीनगर, आलमबाग, महानगर समेत शहर के कई इलाके ऐसे हैैं, जहां पर भवन स्वामी खुद मकान या फ्लैट में नहीं रहते हैैं बल्कि अपनी संपत्ति को किराये पर उठा देते हैैं। इसके एवज में किरायेदारों से अच्छा खासा किराया भी वसूल करते हैैं। वहीं, जब बात हाउस टैक्स देने की आती है तो सामान्य रूप से ही हाउस टैक्स जमा करते हैैं, जबकि यह स्पष्ट है कि भवन स्वामियों को नगर निगम में यह क्लियर करना जरूरी है कि उनकी संपत्ति किराये पर दी गई है या नहीं। इसके आधार पर ही टैक्स की गणना की जाती है।नहीं देते हैैं कोई जानकारी

भवन स्वामियों की ओर से इस मामले में बड़ा खेल किया जाता है। उनकी ओर से अपना फ्लैट या मकान का कोई फ्लोर किराये पर तो दे दिया जाता है पर वे इसकी जानकारी नहीं देते। इसकी वजह से निगम को राजस्व संबंधी नुकसान होता है। अब इस नुकसान की भरपाई करने के लिए ही नगर निगम की ओर से सभी आठों जोन में किराये पर उठे फ्लैट्स और मकानों की लिस्ट तैयार कराने का काम शुरू कर दिया गया है।पहले नोटिस, फिर एक्शननिगम प्रशासन की ओर से लिस्ट तैयार कराए जाने के बाद पहले तो भवन स्वामियों को बढ़ा हुआ टैक्स जमा करने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। अगर इसके बाद भी भवन स्वामी की ओर से बढ़ा हुआ टैक्स जमा नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। हाल में ही कॉमर्शियल संपत्तियों का भी सर्वे शुरू करा दिया गया है, जिनमें मुख्य रूप से गली-मोहल्लों में चल रहे हॉस्टल्स, होटल्स शामिल हैैं।8 लाख 47 हजार संपत्तियां

जीआईएस सर्वे के मुताबिक, राजधानी में आवासीय और कॉमर्शियल मिलाकर सभी तरह की संपत्तियों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी हुई है। पहले जहां साढ़े छह लाख के आसपास संपत्तियां थीं, वहीं अब यह संख्या 8 लाख 47 हजार के आसपास पहुंच गई है। जो नई संपत्तियां सामने आई हैैं, उन्हें टैक्स के दायरे में लाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए जोनवाइज भवन स्वामियों को टैक्स असेसमेंट के लिए नोटिस भेजा जा रहा है और जल्द से जल्द टैक्स असेसमेंट कराने के लिए कहा जा रहा है।मकान या फ्लैट अगर किराये पर दे रखा है तो उसका सर्वे कराकर नए सिरे से टैक्स की गणना की जाएगी। सभी आठ जोन में इसको लेकर कदम उठाया जा रहा है।अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम

Posted By: Inextlive