Lucknow News: रामकृष्ण मिशन की ओर से मां सारदा देवी लाइब्रेरी की शुरुआत 1941 में हुई थी। 1941 से लेकर 1967 तक यह लाइब्रेरी अमीनाबाद आश्रम में चली। इसके बाद इसे विवेकानंद पॉलीक्लीनिक के पीछे शिफ्ट किया गया। 1987 तक यह लाइब्रेरी वहां चली।


लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप शहर में किसी ऐसी लाइब्रेरी की तलाश कर रहे हैं जहां एक ही बिल्डिंग में धार्मिक, मोटिवेशनल किताबों के साथ कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स का कंटेंट और साहित्यिक किताबें पढ़नी हैं, तो आपके लिए निरालानगर स्थित श्री मां सारदा देवी पब्लिक लाइब्रेरी बेस्ट ऑप्शन है। रामकृष्ण मठ की इस लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स व अन्य लोगों को बुक्स पढ़ने की सुविधा नि:शुल्क मिल रही है। इसके अलावा स्टूडेंट्स को स्टडी के साथ पर्सनैलिटी ग्रूमिंग की भी सुविधा मिल जाती है। यही नहीं, यहां कई अन्य कार्यक्रमों के जरिए भी स्टूडेंट्स को ग्रूम किया जाता है।सन 1941 में अमीनाबाद में बनी थी लाइब्रेरी


रामकृष्ण मिशन की ओर से मां सारदा देवी लाइब्रेरी की शुरुआत 1941 में हुई थी। 1941 से लेकर 1967 तक यह लाइब्रेरी अमीनाबाद आश्रम में चली। इसके बाद इसे विवेकानंद पॉलीक्लीनिक के पीछे शिफ्ट किया गया। 1987 तक यह लाइब्रेरी वहां चली। इसके बाद उसी साल लाइब्रेरी को निरालानगर में रामकृष्ण मठ के सामने शिफ्ट कर दिया गया। तब से लेकर अब तक यह लाइब्रेरी इसी बिल्डिंग में है।अलग-अलग भाषाओं में 45 हजार से अधिक किताबें

लाइब्रेरी से मिली जानकारी के मुताबिक, यहां अलग-अलग भाषाओं में करीब 45 हजार के करीब किताबें मौजूद हैं। इसमें इंग्लिश, हिंदी, बांग्ला, उर्दू, संस्कृत समेत अन्य भाषाओं की किताबें उपलब्ध हैं। स्टूडेंट्स के लिए कॉम्पिटीशन की हर तरह की बुक्स उपलब्ध हैं। यूपीपीएससी, एसएससी और अन्य सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले कैंडीडेट्स के लिए प्रतियोगी परीक्षा का यहां अच्छा कलेक्शन है। एनसीईआरटी की किताबें भी मिलती हैं। इसके अलावा साहित्य की किताबें भी मिलती हैं। यही नहीं, बच्चों के लिए अलग रीडिंग सेक्शन व धार्मिक किताबों का सेक्शन भी अलग पर फ्लोर है। यहां हर साल 60 से 70 हजार किताबों की खरीद होती है और कई बार किताबें स्टूडेंट्स की डिमांड पर मंगाई जाती हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स के लिए यहां 13 तरह के न्यूजपेपर भी आते हैं।स्टूडेंट्स को भाती हैं विवेकानंद जी की किताबेंलाइब्रेरी की एक खासियत यहां की मोटिवेशनल किताबें हैं। चूंकि यह रामकृष्ण मिशन की लाइब्रेरी है, ऐसे में यहां स्वामी विवेकानंद का पूरा साहित्य मौजूद है। इसके अलावा, यहां धार्मिक किताबें हैं, जो 45 साल के ऊपर के लोग पढ़ना पसंद करते हैं। इसमें मिशन की भी किताबें हैं जिन्हें लोग इश्यू कराकर ले जाते हैं। गीता दर्शन, स्वामी ब्रह्मानंद चरित, श्रीरामकृष्ण वचनामृत समेत अन्य किताबें लोगों को काफी पसंद आती हैं। यूथ विवेकानंद की मोटिवेशनल किताबें शौक से पढ़ता है।स्टडी के साथ ग्रूमिंग भी

लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स की स्टडी के साथ उनकी ग्रूमिंग का भी काम होता है। लाइब्रेरी में यूथ के लिए कई तरह के प्रोग्राम भी चलते हैं। इसमें एक पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का भी प्रोग्राम है। इसमें मठ के स्वामी मुक्तिनाथन नंद रविवार को पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट की क्लास लेते हैं। इसके अलावा मेडिटेशन व योग क्लासेज, यूथ इम्पलॉयमेंट प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं, जो पूरी तरह नि:शुल्क होते हैं।कार्ड के लिए देने होंगे 300 रुपयेलाइब्रेरी में आकर पढ़ने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता। इसके अलावा जो लोग सदस्यता लेना चाहते हैं, उन्हें एनुअली 300 रुपये देेने होते हैं, जिसमें 100 रुपये सदस्यता शुल्क और 200 रुपये सिक्योरिटी मनी होती है। इस कार्ड के जरिए किताबों को इश्यू कराया जा सकता है। यही चार्ज बच्चों व अन्य लोगों के लिए है। लाइब्रेरी का समय सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक है। वहीं, अपनी किताब लाकर पढ़ने की भी सुविधा है, जिसमें सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक पढ़ाई की जा सकती है। सोमवार को लाइब्रेरी बंद रहती है।
मैं जेई की तैयारी कर रहा हूं। यह लाइब्रेरी मुझे काफी बेहतर लगती है। यहां कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स की किताबें मिल जाती हैं। मैं यहां रोज आता हूं। यहां अपनी बुक लाकर भी पढ़ सकते हैं।अर्पित मिश्रा, शंकर नगरलाइब्रेरी में पढ़ने से डिसिप्लिन बना रहता है। मैं पिछले डेढ़ महीने से यहां आ रही हंूं। मेरी सहेली ने इस लाइब्रेरी के बारे में बताया था। एसएससी की तैयारी कर रही हूं, यहां से बहुत मदद मिलती है।प्राची, मायानगरमैं लाइब्रेरी से 15 साल से जुड़ा हूं। हर वर्ग के लिए के सभी तरह की पुस्तकें सरलता से मिल जाती है, विशेषकर जो कॉम्पिटीशन की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें यहां शांत वातावरण मिल जाता है।शैलेंद्र वर्मा

Posted By: Inextlive