Lucknow News: राजधानी की व्यस्त सड़कें पब्लिक के लिए 'खतरनाक' साबित हो रही हैं। दरअसल शहर में कई जगहों पर ऐसे स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं जिनकी या तो डिजाइन गड़बड़ है या तो वे 'इनविजिबल' रहते हैं। सिस्टम की इस अनदेखी की वजह से शहर में कई जगह एक्सिडेंट के हॉटस्पॉट बन गए हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी की व्यस्त सड़कें पब्लिक के लिए 'खतरनाक' साबित हो रही हैं। दरअसल, शहर में कई जगहों पर ऐसे स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, जिनकी या तो डिजाइन गड़बड़ है या तो वे 'इनविजिबल' रहते हैं। सिस्टम की इस अनदेखी की वजह से शहर में कई जगह एक्सिडेंट के हॉटस्पॉट बन गए हैं। रात के समय इन स्पीड ब्रेकर के चलते हादसे ज्यादा हो रहे हैं। ये नजर न आने वाले स्पीड ब्रेकर न केवल इंसानी जिंदगी के लिए खतरनाक हैं बल्कि वाहनों की सेफ्टी लिए भी परेशानी बन रहे हैं।एक्सीडेंट का कारण बन रहे स्पीड ब्रेकर


स्पीड ब्रेकर इसलिए बनाए जाते हैं ताकि लोग तेज रफ्तार गाड़ियों से होने वाली दुर्घटनाओं से बच सकें। हालांकि, आजकल इसका उल्टा ही हो रहा है। कहीं 9 इंच, तो कई जगहों पर इससे भी ऊंचे बने स्पीड ब्रेकर दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं। दरअसल, ये इतने ऊंचे होते हैं कि अगर तेज रफ्तार गाड़ी इन पर से गुजरे तो गाड़ी में बैठे लोगों को जबरदस्त झटके लगते हैं।स्पीड ब्रेकर के लिए कौन देता है परमिशन

स्पीड ब्रेकर आप अपने हिसाब से और अपने मन से नहीं बनवा सकते हैं। स्पीड ब्रेकर बनवाने के लिए लोग और ट्रैफिक पुलिस को जरूरत के हिसाब से नगरीय निकाय से इसकी मांग करनी होती है। नगरीय निकाय के अधिकारी जांच के बाद परमिशन देते हैं कि कहां स्पीड ब्रेकर बनाना है।4 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए ऊंचाईस्पीड ब्रेकर के मानक पहले से ही तय किए गए हैं, जिनके हिसाब से स्पीड ब्रेकर्स को बनाया जाता है। गाइडलाइन कहती है कि स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 4 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।स्पीड कम करने उद्देश्यब्रेकर के दोनों ओर 2-2 मीटर का स्लोप दिया जाए ताकि वाहन स्लो होकर बगैर झटका खाए निकल जाए। 6 से 8 इंच तक ऊंचाई वाले और बगैर स्लोप के ब्रेकर नहीं बनाए जाने चाहिए। सड़कों पर स्पीड ब्रेकर बनाने का उद्देश्य गाड़ियों की रफ्तार को 20 से 30 किमी प्रति घंटा तक पहुंचाना है, ताकि सड़क हादसों के खतरे कम किया जा सके।क्या हैं स्पीड ब्रेकर के मानकस्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर, लंबाई 3.5 मीटर व वृत्ताकार रेडियस 17 सेंटीमीटर हो। स्पीड ब्रेकर बनाने का मकसद वाहनों की स्पीड 20 से 25 किलोमीटर करना।स्पीड ब्रेकर की होनी चाहिए मार्किंग

स्पीड ब्रेकर, जिन्हें स्पीड बंप या हंप भी कहा जाता है, पर पीले और काले रंग की पट्टियां लगी होनी चाहिए, ताकि ड्राइवर को उनकी मौजूदगी के बारे में पता चल सके। ये निशान पहले से चेतावनी देते हैं और ड्राइवर को स्पीड ब्रेकर को सुरक्षित तरीके से पार करने के लिए अपनी गति धीमी करने में मदद करते हैं।सीन 1ओवरब्रिज पर ही बना दिया स्पीड ब्रेकरचौक ओवरब्रिज पर बना स्पीड ब्रेकर बड़े हादसे को दावत दे रहा है। यहां एक नहीं बल्कि एक साथ चार स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं, लेकिन उनकी मार्किंग नहीं की गई। दूर से आने वाले वाहन स्वामी को वह नजर ही नहीं आता है। ओवरब्रिज पर वाहनों की रफ्तार तेज होती है, जिसके चलते कई बार स्पीड ब्रेकर में पहिया पड़ते ही गाड़ी अनियंत्रित हो गई जाती है। कई वाहन स्वामी इस स्पीड ब्रेकर के चपेट में आने से गिर कर घायल भी हो चुके है। स्पीड ब्रेकर बनाने के मानकों को भी पूरा नहीं किया गया है।सीन 2एक साथ तीन स्पीड ब्रेकर बना दिए
नेशनल कॉलेज से भैैंसा कुंड जाने वाली रोड सबसे बिजी रोड है और यहां वाहनों की रफ्तार भी तेज रहती है। इस रोड पर वाहनों की रफ्तार के कम करने के लिए स्पीड ब्रेकर तो बना दिया गए, लेकिन मानक के विपरीत। रोड पर एक साथ एक नहीं बल्कि तीन स्पीड ब्रेकर हैं, जिसकी न तो मार्किंग की गई और न ही वे तेज रफ्तार वाहनों को दूर से नजर आते है। कई बार बड़े वाहनों के साथ-साथ छोटे वाहन भी स्पीड ब्रेकर में पहुंचते ही उछल जाते हैं।सीन 3बिना मार्किंग का स्पीड ब्रेकर बना जानलेवाठाकुरगंज से नैम्पियरगंज रोड पर बना स्पीड ब्रेकर काफी खतरनाक है। न केवल उसकी ऊंचाई ज्यादा है बल्कि यह मानक के विपरीत भी है। इसके अलावा, स्पीड ब्रेकर बनाने के बाद उसकी मार्किंग तक नहीं की गई। जिसके चलते रात वह रोड की तरह प्लेन व काला नजर आता है। तेज रफ्तार से आने वाले वाहन का पहिया स्पीड ब्रेकर में पड़ते वाहन स्वामी का गाड़ी से कंट्रोल बिगड़ जाता है। यहां कई बार बुजुर्ग, बच्चे व महिला स्पीड ब्रेकर के चलते गिर कर घायल भी हो चुके हैं।सीन 4स्पीड ब्रेकर नहीं पूरी दीवार बना डाली
निशातगंज बाजार से होकर गुजरने वाली रोड पर स्पीड ब्रेकर है। यह स्पीड ब्रेकर मानक के कोसों दूर है। न केवल इसकी ऊंचाई बल्कि इसकी चौड़ाई भी बहुत ज्यादा है। इसके अलावा ब्रेकर में दोनों तरफ स्लोप तक नहीं दिया गया। वाहन का पहिया सीधे ब्रेकर से टकराता है, जिससे हादसा होने का खतरा बना रहता है। बाजार में वाहनों की स्पीड ज्यादा नहीं होती है, इसके बाद भी यहां स्पीड ब्रेकर बनाने का कोई नियम कायदा फॉलो नहीं किया गया।क्या बोली पब्लिककॉलोनी व सोसाइटी में बनने वाले स्पीड ब्रेकर्स भी मानकों के अनुरूप होना चाहिए। ब्रेकर पर मार्किंग होने से वे दूर से नजर आते हैं, लेकिन शहर के कई ऐसी मेन रोड्स हैं जहां बिना मार्किंग के ब्रेकर बने हुए हैं, जिसके चलते हादसे हो रहे हैं।-रूपेश श्रीवास्तवमार्केट, स्कूल, कॉलेज और कॉलोनी में स्पीड ब्रेकर बनाना तो ठीक है, लेकिन वह भी मानकों के अनुसार होने चाहिए। कई बार लोग अपनी गलियों में मानक के विपरीत स्पीड ब्रेकर बना देते हैं। स्पीड ब्रेकर व्हीकल की स्पीड कम करने के लिए बनाया जाता है, लेकिन यही स्पीड ब्रेकर अब हादसे की वजह बन रहे हैं।-मनीष अरोड़ासीमेंट व प्लास्टिक के बने स्पीड ब्रेकरों की संख्या हर रोड पर दर्जनों में है। स्पीड ब्रेकर के मानक और उसके बनाए जाने की दूरी का तय करना जरूरी है। कई बार वीवीआईपी लोग अपने घरों के आस-पास प्लास्टिक के स्पीड ब्रेकर बनवा देते हैं। इससे गुजरने पर वाहनों स्वामियों को कई तरह की परेशानी का सामान करना पड़ता है।-सुनील कुमारगलत तरह से बने स्पीड ब्रेकर के चलते बार-बार झटके लगने से लोग हड्डी संबंधित व अन्य तरह की परेशानियों की चपेट में भी आ रहे हैं। पूर्व में लखनऊ के डीएम रहे राजशेखर ने भी प्लास्टिक के स्पीड ब्रेकरों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें हटवाया था। इसके बावजूद कई जगहों पर ये स्पीड ब्रेकर आज भी लगे हुए हैं और नए लगवाए भी जा रहे हैं।-राजेश सोनी

Posted By: Inextlive