Lucknow News: बच्चे की नाभि में तेल डालने से होता है इंफेक्शन का खतरा
लखनऊ (ब्यूरो)। पैरेंट्स को समझना चाहिए कि बच्चों की आंखों में काजल लगाने से वो बड़ी नहीं होती हैं बल्कि इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। जिससे रौशनी पर असर पड़ने से नजर कमजोर तक हो सकती है। यह जानकारी सोमवार को लोहिया संस्थान में बाल रोग विभाग की हेड डॉ। दीप्ति अग्रवाल ने प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान दी।नाभि को सूखा रखना चाहिएकार्यशाला के दौरान डॉ। दीप्ति अग्रवाल ने आगे बताया कि शिशुओं को काजल न लगाएं क्योंकि काजल में नुकसानदेह तत्व होते हैं। इतना ही नहीं शिशुओं की नाभि में तेल या पाउडर आदि लगाना भी नुकसानदेह है। नाभि को सूखा रखने से बच्चों को इंफेक्शन से काफी हद तक बचाया जा सकता है। साथ ही मालिश के स्थान पर हल्के हाथों से तेल लगाएं।इंफेक्शन से बचा सकते हैं
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण के माड्यूल की सफलता तभी संभव है, जब नर्सिंग संवर्ग का भी पूर्णत योगदान हो। केजीएमयू बाल रोग विभाग के डॉ। अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि नवजात शिशुओं की सेहत के लिए अच्छी नींद के लिए कम रोशनी और कम शोर के स्तर को बनाए रखें। इस दौरान डॉ। एसएन सिंह, लोहिया संस्थान के डीन डॉ। प्रद्ययुमन सिंह, एनएचएम की निदेशक पिंकी जोवेल आदि मौजूद रहीं।************************************केजीएमयू ने किया एएमआर जागरूकता सप्ताह का शुभारंभलोगों को खुद से एंटीबायटिक नहीं खानी चाहिए क्योंकि एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के बेहद जरूरत है। इस तरह के आयोजन डॉक्टर्स के साथ मरीजों को भी जागरूक करने में सहायक होते हैं। यह जानकारी सोमवार को वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जागरूकता सप्ताह के तहत केजीएमयू के एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस प्रोग्राम में माइक्रोबायलॉजी विभाग की हेड प्रो। अमिता जैन ने दी।कई गतिविधियां हुईं शुरूजागरूकता कार्यक्रम के तहत एक प्रतिज्ञा अभियान और एएमआर थीम आधारित फोटो बूथ स्थापित किए गए। ये बूथ ओपीडी, कलाम सेंटर और ट्रॉमा सेंटर में लगाए गए हैं। प्रो। शीतल वर्मा ने बताया कि जागरूकता सप्ताह के तहत लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा ताकि लोग खुद से दवा का सेवन न करें। बेवजह दवा खाने और गलत दवा खाने से साइड इफेक्ट्स के साथ-साथ उसका असर भी कम या खत्म हो जाता है। डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करना चाहिए।