Lucknow News: एलयू के फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज डॉ. हिमांशु पांडे बताते हैैं कि आजकल जितनी भी कंपनियां आती हैैं वो स्टूडेंट्स के अंक नहीं देखतीं हैं। वो स्टूडेंट की प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स देखती हैं। साथ ही कंपनियां उनका टीमवर्क और सॉफ्ट स्किल्स भी देखती हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। अच्छे भविष्य के लिए सभी मेहनत करतें हैं ताकि उन्हें अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिल सके। सबका सपना होता है कि उन्हें अच्छे पैकेज वाली जॉब मिले। कई लोग ऐसे होते हैैं जो हर समय पढ़ाई में डूबे रहते हैैं ताकि वो एग्जाम में अच्छे अंक ला सकें लेकिन हाई पैकेज वाली जॉब के लिए टॉपर होना जरूरी नहीं है। इसके लिए प्रैक्टिकल स्किल्स की ज्यादा जरूरत होती है।क्या चाहती हैैं कंपनियांएलयू के फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज डॉ। हिमांशु पांडे बताते हैैं कि आजकल जितनी भी कंपनियां आती हैैं वो स्टूडेंट्स के अंक नहीं देखतीं हैं। वो स्टूडेंट की प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स देखती हैं। साथ ही कंपनियां उनका टीमवर्क और सॉफ्ट स्किल्स भी देखती हैं।एक्स्ट्रा सर्टिफिकेट कोर्स


हर कपनी स्टूडेंट्स की स्किल्स देख कर उन्हें चयनित करती है। ऐसे में सभी को एक्स्ट्रा सर्टिफिकेट कोर्स करना चाहिए। इन कोर्स को पढ़ाई के साथ साथ करने से स्टूडेंट्स नई स्किल्स सीखते हैैं जोकि जॉब के समय काम आती हैं। बहुत सी कंपनियां उनको चयनित करती हैैं जिन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के अतिरिक्त कुछ किया हो। ऐसे में एक्स्ट्रा सर्टिफिकेट कोर्स हाई पैकेज वाली जॉब पने में बहुत मदद करते हैैं।एआई का है जमाना

डॉ। हिमांशु ने बताया कि आने वाले समय में लगभग हर आईटी कंपनी में एआई के बारे में जानकारी रखने वालों की डिमांड ज्यादा होगी। इसलिए स्टूडेंट्स को एआई के साथ काम करने की भी स्किल्स आनी चाहिए।सॉफ्ट स्किल्स पर दें ध्यानकोई भी कंपनी ऐसे ही किसी स्टूडेंट का चयन नहीं करती है। हर कंपनी स्टूडेंट की सॉफ्ट स्किल्स पर भी ध्यान देती हैं। इन स्किल्स में स्टूडेंट्स का कान्फिडेंस और उनका व्यवहार शामिल है। साथ ही स्टूडेंट का टीमवर्क भी सॉफ्ट स्किल्स में जांचा जाता है।परसेंटेज कम हो तो घबराए नहींएक्सपर्ट्स की माने तो जरूरी नहीं है कि सिर्फ टॉपर को ही हाई पैकेज वाली जॉब मिल सकती है। कई बार कंपनियों ने कम परसेंटेज वाले स्टूडेंट्स का भी चयन किया है क्योंकि उनके अंदर वो स्किल्स थीं जो कंपनी को चाहिए थीं।टेक्निकल स्किल्स भी जरूरीहर कंपनी ऐसे स्टूडेंंट्स को हायर करना चाहती है जिसके पास टेक्निकल स्किल्स हों। कई कंपनियां स्टूडेंट्स से प्रैक्टिकल करवा कर देखती हैैं कि उन्हें वो काम आता है कि नहीं। इसमें खाली किताबी जानकारी ज्यादा काम नहीं आती है।स्किल्स की बदौलत मिला प्लेसमेंट

एलयू के कार्तिक गुप्ता ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। 8.04 सीजीपीए लाने के बाद भी उन्हें इस फील्ड में इस साल 26 लाख प्रति वर्ष का हाइएस्ट पैकेज मिला है जोकि 9.46 सीजीपीए लाने वाले टॉपर के पैकेज से ज्यादा है। ये पैकेज उन्हें उनकी स्किल्स के बदौलत मिला है।इन स्किल्स से मिलेगी मदद-प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स-सॉफ्ट स्किल्स जैसे कॉन्फिडेंस, व्यवहार और टीमवर्क-टेक्निकल और प्रैक्टिकल स्किल्सस्किल्स के बेसिस पर हुआ सिलेक्शनएलयू के स्टूडेंंट्स हर्षित कटियार, हिमांशु मिश्रा, प्रियांशी राय भी टॉपर नहीं हैैं और इनकी परसेंटेज 7-8 सीजीपीए से बीच में है, लेकिन इनकी स्किल्स अच्छी होने की वजह से इन्हें 7.5 लाख प्रति वर्ष का पैकेज मिला है। इनके अलावा अन्य स्टूडेंट्स भी हैैं जिन्हें अपनी स्किल्स की वजह से हाई सैलरी पैकेज मिला है।

Posted By: Inextlive