Harmilap Building Accident In Lucknow: हरमिलाप बिल्डिंग के मालिक के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया केस
लखनऊ (ब्यूरो)।Harmilap Building Accident In Lucknow: सरोजनी नगर के ट्रांसपोर्ट नगर में हरमिलाप बिल्डिंग के मालिक राकेश सिंघल के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। बिल्डिंग के निर्माण में घटिया मैटेरियल यूज करने और किरायेदारों के लगातार शिकायत के बाद भी लापरवाही बरतने के आरोपों समेत पुलिस ने गंभीर धारा में बिल्डिंग मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके अलावा शासन ने बिल्डिंग के गिरने के मामले में गहन जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। जिसे घटना के कारणों की समग्र रिपोर्ट जांच कर जल्द से जल्द शासन को सौंपने का निर्देश दिया गया है। हादसे के बाद रविवार को सुबह से राहत कार्य चलाने के लिए एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। जेसीपी लॉ एंड आर्डर ने रविवार को मलबे में किसी के भी दबे न होने की पुष्टि की।तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने ट्रांसपोर्ट नगर के हरमिलाप बिल्डिंग में गिरने के कारण और मलबे में दबकर 8 लोगों की मौत के साथ करीब 35 लोगों के घायल होने की समग्र जांच तीन सदस्यीय समिति गठित की। इस जांच समिति के अध्यक्ष गृह विभाग के सचिव डॉ। संजीव गुप्ता, सदस्य आवास विकास एवं शहरी नियोजन विभाग के सचिव बलकार सिंह और सदस्य चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी विजय कनौजिया को नामित किया गया। समिति को निर्देश दिए गए पूरे प्रकरण की जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।इन धाराओं में दर्ज किया गया केसभारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 115(2), 110,105,318(4) और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1932 की धारा सेवन सीएलए।जर्जर बिल्डिंग की कई बार हुई शिकायतसरोजनी नगर के ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज महेश कुमार सिंह की तहरीर पर सरोजनी नगर पुलिस ने आशियाना निवासी बिल्डिंग मालिक राकेश सिंघल के खिलाफ केस दर्ज किया है। चौकी इंचार्ज का आरोप है कि राकेश सिंघल ने तीन मंजिला इमारत को किराए पर दे रखा था। शुरुआती जांच में सामने आया कि बिल्डिंग के किराएदार व कर्मचारियों ने बिल्डिंग मालिक से बिल्डिंग के जर्जर होने की कई बार शिकायत की थी, लेकिन उसकी मरम्मत की जगह बिल्डिंग मालिक ने लालच में आकर लापरवाही की। जिसके चलते हादसा हुआ। बिल्डिंग मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने के बाद जल्द ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी भी करेगी।जान के साथ करोड़ों के माल का भी नुकसान
हरमिलाप बिल्डिंग में दवा कंपनी का गोदाम था। जो कि एक महीने पहले शिफ्ट हुआ था। बिल्डिंग के ताश के पत्ते की ढहने से किराएदारों के करोड़ों रुपये का माल भी बर्बाद हो गया। उनका कहना है कि माल का कोई बीमा नहीं था जिसके चलते उनके आर्थिक नुकसान भी हुआ है। इसके अलावा 8 परिवार भी जर्जर बिल्डिंग की भेंट चढ़ गए। जिनके इकलौते कमाने वाले मलबे में दबकर अपनी जान गवां बैठे।शव को रखकर किया प्रदर्शनबिल्डिंग के मलबे में दबकर जुनाबगंज बंथरा निवासी धीरज गुप्ता उर्फ धीरू के परिवार ने कानपुर हाईवे पर शव को रखकर प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोगों की मांग थी कि बिल्डिंग मालिक के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। धीरज अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था। उसकी मौत से पूरा परिवार बिखर गया। वहीं हादसे में मृत जसमीत साहनी, पंकज तिवारी, धीरज गुप्ता, राजकिशोर, अरुण सोनकर, जगरूप ङ्क्षसह, रुद्र यादव और राकेश के शवों का सुबह जल्द ही पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद सभी के शव उनके परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया। हादसे में मरने वाले ज्यादातर बिल्डिंग के अलग अलग फ्लोर पर बने गोदाम के कर्मचारी थीं। उनकी मौत को लेकर ट्रांसपोर्ट नगर में काम करने वाले और व्यापारियों में भी इसे लेकर आक्रोश है। लगातार हटाया जा रहा मलबा
ट्रांसपोर्ट नगर में तीन मंजिला कांप्लेक्स के मलबे में ङ्क्षजदगियों की खोज रविवार को भी होती रही। घटना के 24 घंटे बाद सामने के हिस्से का ही मलबा हट सका, पूरा मलबा हटने में दो से तीन दिन लग सकते हैं। इस काम की गति धीमी रही, ताकि कोई मलबे में दबा हो तो उसे बचाया जा सके। वहीं सुबह 11.30 बजे तक तीन बार एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के स्निफर डॉग को अंदर भेजा गया, तीसरी बार डाग अंदर नहीं गए। किसी के दबे होने या मृत होने का संकेत नहीं मिला है।100 जवानों ने 24 घंटे चलाया रेस्क्यू ऑपरेशनएसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और पुलिस के 100 जवानों ने 24 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। घटना के चंद मिनट बाद ही सबसे पहले फायर ब्रिगेड की दो यूनिट मौके पर पहुंची थी। फायर ब्रिगेड के करीब 60 फायर मैनों ने 30 मिनट के भीतर 8 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने लगातार ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे 35 लोगों को सुरक्षित निकाला। हालांकि, मलबे में बुरी तरह दबे 8 लोगों को जिंदा नहीं बचा सके।मलबे ने खोली घटिया निर्माण की पोल
मलबे को हटाने में लगी जेसीबी व हाइड्रा मशीन निर्माण की पोल खोल रही थी, छत में पतली सरिया डाली गई थी और छत व दीवारें आसानी से टूट रही थी। नगर निगम के डंफरों में भरकर मलबा लगातार भेजा जाता रहा। डीएम सूर्यपाल गंगवार, एडीएम के साथ सुबह ही पहुंच गए और दोपहर तक रेस्क्यू की निगरानी करने के साथ एलडीए और नगर निगम की टीम से अपडेट लेते रहे। मलबे में दबे चार पहिया और एक दर्जन से अधिक दो पहिया वाहनों को डंफर में लादकर भेजा गया।पिलर टूटने से पूरा कॉप्लेक्स ढह गयाबिल्डिंग के बीच पिलर टूटा तो पूरा कॉप्लेक्स भरभरा कर गिरा गया। कांप्लेक्स के बीच का पिलर टूटने से दोनों तरफ का हिस्सा गिरा गया। मलबा हटाते समय दिख रहा था कि बीच का पिलर दबा हुआ है। अधिकारी भी निर्माण की क्वालिटी पर संदेह कर रहे हैं। दवा उतारने आए ट्रक की टक्कर लगने से ही पिलर क्षतिग्रस्त हुआ था। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि बिल्डिंग में कई दिन पहले ही दरारें आ गई थी।